Punjab: क्या अमृतपाल की सांसद सदस्यता होगी खत्म? डिब्रूगढ़ जेल से बाहर आने के लिए फिर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल जेल से बाहर आना चाहता है। अमृतपाल सिंह ने एक बार फिर से पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से गुहार लगाई है।

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पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद व खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को अपनी सासंद सदस्यता का खतरा सताने लगा है। अमृतपाल को डर के कि नियमों के तहत उसकी सांसद सदस्यता जा सकती है। ऐसे में अमृतपाल सिंह ने एक बार फिर से पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अमृतपाल ने जेल से बाहर आने और संसद सत्र में शामिल होने के लिए गुहार लगाई है।

अमृतपाल सिंह ने याचिका में कहा है कि असम में नजरबंदी के कारण वह संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। उन्हें जबरन अनुपस्थित रखा जा रहा है। इसका मकसद उनके संसदीय क्षेत्र को प्रतिनिधित्व से वंचित करना और 60 दिनों की अनुपस्थिति पूरी होने के बाद उनकी सीट को रिक्त घोषित कराना है। इससे न केवल उनके लिए बल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के लिए भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
इसके साथ ही अमृतपाल ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करने की अनुमति भी मांगी है, ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याओं और विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकें। उनका कहना है कि वे एक निर्वाचित सांसद हैं और इस नाते उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के साथ संवाद करने का पूरा अधिकार है।
याचिका में आगे कहा गया है कि संसद की कार्यवाही से 60 दिनों तक अनुपस्थित रहने के बाद उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी जाएगी और नए चुनाव कराए जाएंगे। जबकि वास्तविकता यह है कि उन्हें जबरन हिरासत में रखा गया है और संसद की कार्यवाही में भाग लेने से रोका जा रहा है। ऐसे में इसे अनुपस्थिति नहीं कहा जा सकता, बल्कि यह प्रशासन द्वारा जबरदस्ती उठाया गया एक कदम है, जिससे याचिकाकर्ता को संसद से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने अपनी दलील में यह भी कहा है कि इस तरह की कार्रवाई संसद की अवमानना के दायरे में आती है।
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