High Court: डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को नहीं मिला नोटिस, परिवार ने भी किया इन्कार, छुपाई थी कई जानकारियां
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब से सांसद व खालीस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर शुक्रवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

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पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार विक्रमजीत सिंह की चुनाव याचिका पर शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि सांसद अमृतपाल सिंह को नोटिस सर्व नहीं हुआ है। उसके परिवार वालों ने भी नोटिस लेने से इन्कार कर दिया है और डिब्रूगढ़ जेल अधीक्षक के माध्यम से भी नोटिस सर्व नहीं हो पाया है। याची ने कहा कि अब वह नोटिस अखबार में प्रकाशित करवाएंगे।

विक्रमजीत सिंह ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि उसने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इसी सीट से नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत जेल में बंद अमृतपाल भी प्रत्याशी था। अमृतपाल सिंह का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि उसने नामांकन पत्र में कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। इसके साथ ही उसने चुनाव पर आए खर्च का भी पूरा ब्योरा नहीं दिया है। चुनाव प्रचार के लिए रोजाना होने वाली बैठकों, वाहनों और चुनावी सामग्री का भी उसने कोई ब्योरा नहीं दिया है। प्रचार के लिए जो राशि खर्च की गई है वह कहां से आई यह भी नहीं बताया गया है।
प्रचार में धार्मिक स्थल का भी किया प्रयोग
इसके साथ ही उसने चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थल का भी प्रयोग किया है जो गलत है। सोशल मीडिया पर जो प्रचार किया गया है उसका भी कोई ब्योरा नहीं दिया गया है। ऐसे कई आरोप लगाते हुए जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत अमृतपाल का निर्वाचन रद्द करने का निर्देश जारी करने की हाईकोर्ट से अपील की गई है।
इतने वोटों के अंतर से दर्ज की थी जीत
खडूर साहिब लोकसभा सीट पर अमृतपाल सिंह ने 4,04,430 मतों के साथ महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की थी। चुनाव में अमृतपाल सिंह के निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा थे, जिन्हें 2,07,310 वोट मिले थे। जीत के बाद अमृतपाल सिंह की पत्नी और वकील उससे मिलने डिब्रूगढ़ जेल गए थे।
अप्रैल 2023 से जेल में बंद है अमृतपाल
अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से जेल में बद है। 23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में हजारों की भीड़ अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस गई थी। पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ की गई थी। 18 मार्च को अमृतपाल घर से फरार हो गया। इस घटना के बाद अमृतपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। इसके बाद 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने उसे मोगा से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ एनएसए के तहत मामला दर्ज करने के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया। जेल से ही उसने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता भी था।