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कनाडा में खालिस्तानियों को बढ़ावा: कैप्टन अमरिंदर बोले- वोट के लिए ट्रूडो ने दोनों देशों के रिश्ते खराब किए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Fri, 25 Oct 2024 06:37 PM IST
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सार
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा है। कैप्टन ने कहा कि ट्रूडो ने सिख वोटों के लिए दोनों देशों के रिश्ते खराब किए हैं।

खन्ना में कैप्टन अमरिंदर सिंह।
- फोटो : सोशल मीडिया

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विस्तार
भारत और कनाडा के बीच चल रहे तनाव को लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसके लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को जिम्मेदार ठहराया है। कैप्टन ने ट्रूडो पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देशों (भारत-कनाडा) के संबंधों को खराब किया है। कैप्टन ने आरोप लगाया कि ट्रूडो
ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका मकसद चुनाव में सिख समुदाय के वोट हासिल करना है। वोटों के लिए ट्रूडो ऐसा कर रहे हैं। अमरिंदर सिंह ने यह टिप्पणी भारत और कनाडा के बीच खराब हुए संबंधों को लेकर की है।
भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है। क्योंकि 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में एक खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कनाडाई जांच में उन्हें भारतीय उच्चाधिकारियों को शामिल नहीं किया गया था।
अमरिंदर सिंह शुक्रवार को खन्ना में थे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बात की। कैप्टन ने कहा कि ट्रूडो को केवल चुनाव में अपने लिए कनाडा में रहने वाले सिखों के वोट चाहिए। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि इससे क्या होगा। उन्होंने पहले भी यह काम किया है। वे खालिस्तानियों को बढ़ावा दे रहे हैं जो स्वीकार करने योग्य नहीं है।
कनाडाई रक्षा मंत्री से मिलने से किया था इनकार
कैप्टन ने कहा कि जब वह पंजाब के मुख्यमंत्री थे, तब कनाडा के तत्कालीन रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन भारत दौरे पर आए थे। कैप्टन ने अपने कार्यकाल 2018 में कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन से मिलने से इनकार कर दिया था। क्योंकि कैप्टन उन्हें खालिस्तानी समर्थक मानते थे। कैप्टन ने कहा कि कनाडा और भारत के बीच दोस्ताना संबंध थे। लेकिन ट्रूडो ने इसे बर्बाद कर दिया।
ट्रूडो की भारत यात्रा का विवाद
कैप्टन ने कहा कि वर्ष 2018 में जब ट्रूडो भारत आए थे, तो उन्होंने पंजाब दौरे पर जाने की इच्छा जताई थी। भारत सरकार ने कहा था कि अगर ट्रूडो मुख्यमंत्री से नहीं मिलेंगे, तो उन्हें पंजाब में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसके बाद अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो से मुलाकात की थी।
ट्रूडो की भारत यात्रा और विवाद
अमरिंदर ने बताया कि 2018 में जब ट्रूडो भारत आए थे और पंजाब जाने की इच्छा जताई थी, तो भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अगर वे पंजाब जाना चाहते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री
से मिलना होगा। इसके बाद ही अमरिंदर ने उनसे मुलाकात की थी। पंजाब की अपनी यात्रा के दौरान ट्रूडो और उनके परिवार के लोगों ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का दौरा किया था।
भारत-कनाडा के रिश्तों में दरार
कनाडा में आठ लाख से अधिक सिख समुदाय की बड़ी संख्या है, जिसमें खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने वालों का भी एक वर्ग है। भारत सरकार ने आरोप लगाया है कि कनाडा इस गतिविधि को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। वहीं कनाडा सरकार खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रहा है, क्योंकि वे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करना चाहते हैं।
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ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका मकसद चुनाव में सिख समुदाय के वोट हासिल करना है। वोटों के लिए ट्रूडो ऐसा कर रहे हैं। अमरिंदर सिंह ने यह टिप्पणी भारत और कनाडा के बीच खराब हुए संबंधों को लेकर की है।
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भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है। क्योंकि 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में एक खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कनाडाई जांच में उन्हें भारतीय उच्चाधिकारियों को शामिल नहीं किया गया था।
अमरिंदर सिंह शुक्रवार को खन्ना में थे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बात की। कैप्टन ने कहा कि ट्रूडो को केवल चुनाव में अपने लिए कनाडा में रहने वाले सिखों के वोट चाहिए। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि इससे क्या होगा। उन्होंने पहले भी यह काम किया है। वे खालिस्तानियों को बढ़ावा दे रहे हैं जो स्वीकार करने योग्य नहीं है।
कनाडाई रक्षा मंत्री से मिलने से किया था इनकार
कैप्टन ने कहा कि जब वह पंजाब के मुख्यमंत्री थे, तब कनाडा के तत्कालीन रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन भारत दौरे पर आए थे। कैप्टन ने अपने कार्यकाल 2018 में कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन से मिलने से इनकार कर दिया था। क्योंकि कैप्टन उन्हें खालिस्तानी समर्थक मानते थे। कैप्टन ने कहा कि कनाडा और भारत के बीच दोस्ताना संबंध थे। लेकिन ट्रूडो ने इसे बर्बाद कर दिया।
ट्रूडो की भारत यात्रा का विवाद
कैप्टन ने कहा कि वर्ष 2018 में जब ट्रूडो भारत आए थे, तो उन्होंने पंजाब दौरे पर जाने की इच्छा जताई थी। भारत सरकार ने कहा था कि अगर ट्रूडो मुख्यमंत्री से नहीं मिलेंगे, तो उन्हें पंजाब में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसके बाद अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो से मुलाकात की थी।
ट्रूडो की भारत यात्रा और विवाद
अमरिंदर ने बताया कि 2018 में जब ट्रूडो भारत आए थे और पंजाब जाने की इच्छा जताई थी, तो भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अगर वे पंजाब जाना चाहते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री
से मिलना होगा। इसके बाद ही अमरिंदर ने उनसे मुलाकात की थी। पंजाब की अपनी यात्रा के दौरान ट्रूडो और उनके परिवार के लोगों ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का दौरा किया था।
भारत-कनाडा के रिश्तों में दरार
कनाडा में आठ लाख से अधिक सिख समुदाय की बड़ी संख्या है, जिसमें खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने वालों का भी एक वर्ग है। भारत सरकार ने आरोप लगाया है कि कनाडा इस गतिविधि को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। वहीं कनाडा सरकार खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रहा है, क्योंकि वे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करना चाहते हैं।