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मोगा में रिटायर्ड क्लर्क से साइबर ठगी: कस्टम अधिकारी बनकर ऐंठे 42 लाख रुपये, फिर खुद दी शिकायत देने की सलाह
संवाद न्यूज एजेंसी, मोगा (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 25 Dec 2025 01:37 PM IST
सार
साइबर क्राइम सेल के इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह ने बताया कि दर्शन सिंह ने 11 मार्च 2025 को मोगा एसएसपी के पास एक शिकायत की थी जिसके आधार पर मामले की जांच करते हुए 23 दिसंबर को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
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पीड़ित बुजुर्ग
- फोटो : संवाद
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विस्तार
मोगा में कस्टम विभाग का अधिकारी बनकर साइबर ठगों ने एक 70 वर्षीय रिटायर्ड बैंक क्लर्क से करीब 42 लाख 25 हजार रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित की पहचान दर्शन सिंह के रूप में हुई है, जो मोगा का निवासी है।
दर्शन सिंह ने बताया कि वह अगस्त 2024 में व्हाट्सएप पर आए एक कॉल के झांसे में आ गए। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को दिल्ली एयरपोर्ट कस्टम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से एक पार्सल आया है, जिसमें ड्रग्स, पासपोर्ट और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए हैं।
ठगों ने दर्शन सिंह को धमकाया कि यदि उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परिवार के सभी सदस्य विदेश में होने के कारण वह डर गए और ठगों के झांसे में आकर अगस्त 2024 से दिसंबर 2024 के बीच 17 अलग-अलग बैंक खातों में कुल 42 लाख 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पीड़ित ने बताया कि जब दिसंबर में उन्होंने आखिरी बार एक लाख रुपये देने के बाद अपने पैसे वापस मांगे तो ठगों ने उन्हें 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करने की सलाह दी। इसके बाद जब उन्होंने 1930 पर कॉल किया, तब उन्हें पता चला कि वे साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। 1930 हेल्पलाइन से मिली जानकारी के बाद दर्शन सिंह ने मोगा के एसएसपी को 11 मार्च 2025 को लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ने प्रशासन से अपील की है कि उनकी जीवन भर की कमाई वापस दिलाने में मदद की जाए, क्योंकि ठगी के बाद उनके पास कुछ भी नहीं बचा है।
साइबर क्राइम सेल के इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह ने बताया कि दर्शन सिंह ने 11 मार्च 2025 को मोगा एसएसपी के पास एक शिकायत की थी जिसके आधार पर मामले की जांच करते हुए 23 दिसंबर को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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दर्शन सिंह ने बताया कि वह अगस्त 2024 में व्हाट्सएप पर आए एक कॉल के झांसे में आ गए। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को दिल्ली एयरपोर्ट कस्टम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से एक पार्सल आया है, जिसमें ड्रग्स, पासपोर्ट और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए हैं।
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ठगों ने दर्शन सिंह को धमकाया कि यदि उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परिवार के सभी सदस्य विदेश में होने के कारण वह डर गए और ठगों के झांसे में आकर अगस्त 2024 से दिसंबर 2024 के बीच 17 अलग-अलग बैंक खातों में कुल 42 लाख 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पीड़ित ने बताया कि जब दिसंबर में उन्होंने आखिरी बार एक लाख रुपये देने के बाद अपने पैसे वापस मांगे तो ठगों ने उन्हें 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करने की सलाह दी। इसके बाद जब उन्होंने 1930 पर कॉल किया, तब उन्हें पता चला कि वे साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। 1930 हेल्पलाइन से मिली जानकारी के बाद दर्शन सिंह ने मोगा के एसएसपी को 11 मार्च 2025 को लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ने प्रशासन से अपील की है कि उनकी जीवन भर की कमाई वापस दिलाने में मदद की जाए, क्योंकि ठगी के बाद उनके पास कुछ भी नहीं बचा है।
साइबर क्राइम सेल के इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह ने बताया कि दर्शन सिंह ने 11 मार्च 2025 को मोगा एसएसपी के पास एक शिकायत की थी जिसके आधार पर मामले की जांच करते हुए 23 दिसंबर को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।