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सुरक्षित नहीं डाॅक्टर: लुधियाना सिविल अस्पताल में ड्यूटी डाॅक्टर पर हमले का प्रयास, पुलिस के साथ भी की बदतमीजी
संवाद न्यूज एजेंसी, लुधियाना (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 10 Sep 2024 08:22 AM IST
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सार
सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉ. सुनीता अग्रवाल ने बताया कि बस्ती जोधेवाल इलाके में दो गुटों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। दोनों पक्ष एमएलआर कटवाने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे। वह ड्यूटी पर तैनात थी। इसी दाैरान आरोपियों ने बदतमीजी की।

police crime
- फोटो : istock
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विस्तार
पंजाब में जहां एक तरफ डाॅक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर हड़ताल पर हैं वहीं, दूसरी तरफ लुधियाना सिविल अस्पताल में कुछ लोगों ने ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर पर हमला करने की कोशिश की। मामला रविवार देर रात का है।

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डाॅक्टर को अपनी जान बचाने के लिए एक अलग कमरे में जाना पड़ा। वहीं अस्पताल के अंदर ही पुलिस चौकी होने के बावजूद मुलाजिम काफी समय बाद पहुंचे। इसके बाद हमलावरों ने पुलिस के साथ भी बहस की। डाॅक्टरों ने आरोप लगाया कि जब पीसीआर कर्मचारी पहुंचे तो उन्होंने हमलावरों को काबू करने के बजाय उन पर ही सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद हमलावर वहां से फरार हो गए।
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सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉ. सुनीता अग्रवाल ने बताया कि बस्ती जोधेवाल इलाके में दो गुटों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। दोनों पक्ष एमएलआर कटवाने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे। वह ड्यूटी पर तैनात थी। डाॅक्टरों ने एक पक्ष की एमएलआर काट दी और दूसरे पक्ष वालों को उन्होंने इतना ही बोला था कि आप लोगों को चोट ज्यादा है पहले इलाज करवा लें उसके बाद एमएलआर काट दी जाएगी। लेकिन वह शराब के नशे में थे और बहसबाजी करने लगे। जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो वह उलटा धमकियां देने लगे और हमले की कोशिश की। हालात इतने बेकाबू हो गए कि डॉक्टरों को एक कमरे में बंद कर दिया गया।
सुनीता अग्रवाल ने तुरंत पुलिस को फोन किया। जब चौकी में तैनात मुलाजिम पहुंचे तो हमलावरों ने पुलिस के साथ भी बहसबाजी शुरू कर दी। डॉ. ने आरोप लगाया कि युवक शराब के नशे में थे और वे डॉक्टरों की किसी भी बात को सुनने के लिए तैयार ही नहीं थे। उन्हें बार बार समझाने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने किसी की भी नहीं मानी, और अस्पताल के अंदर ही हंगामा करने लगे, सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने लगे। मामला यहीं नहीं रुका, युवकों ने डॉक्टर और स्टाफ पर जानलेवा हमला करने का भी प्रयास किया और आरोप लगाए कि डॉक्टरों ने पहले पहुंचे पक्ष से पैसे लेकर जानबूझ कर ज्यादा कट मारे हैं और उनका गलत पर्चा बनाया है।
डॉ. सुनीता अग्रवाल ने कहा कि जब मामला ज्यादा बढ़ा तो मौके पर पुलिस को बुलाया गया। जो पीसीआर मुलाजिम आए थे वह उल्टा अस्पताल के स्टाफ को ही नसीहत देने लगे। जब उन्हें पूरा मामला समझाया तो वह हमलावरों को रोकने के लिए गए। डॉ. सुनीता ने बताया कि रात में उनके साथ एक डॉक्टर काम पर है, मगर हमारी कोई सुरक्षा नहीं है। लड़ाई करने की नीयत से करीब 10 युवक उनके कमरे में घुस गए। मगर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया। डॉक्टरों को बाहर तक नहीं निकलने दिया। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी उनकी कोई मदद नहीं की।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
इस मामले में थाना डिविजन दो के एसएचओ इंस्पेक्टर गुरजीत सिंह ने कहा कि डाॅक्टरों द्वारा लगाए आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि जैसे ही विवाद की सूचना मिली तो तुरंत पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने ही हमलावरों को बाहर किया है। मामले की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।