{"_id":"6908aebadef9f980db0d07e3","slug":"pau-receives-national-iirf-award-for-excellence-in-education-research-and-extension-services-2025-11-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"PAU को IIRF अवॉर्ड: नई दिल्ली में 8वीं इंडस्ट्री-अकादमिक्स इंटीग्रेशन बैठक में मिला सम्मान, ए प्लस ग्रेड भी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    PAU को IIRF अवॉर्ड: नई दिल्ली में 8वीं इंडस्ट्री-अकादमिक्स इंटीग्रेशन बैठक में मिला सम्मान, ए प्लस ग्रेड भी
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, लुधियाना (पंजाब)             
                              Published by: अंकेश ठाकुर       
                        
       Updated Mon, 03 Nov 2025 07:01 PM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                साल 2026 के लिए इंडियन इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (आईआईआरएफ) अवॉर्ड से पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू), लुधियाना को नवाजा गया है।
    विज्ञापन
    
        
    
     
      
            
                            
                        पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी।
                                    - फोटो : संवाद 
                    
    
        
    
विज्ञापन
 
विस्तार
                                                 
                साल 2026 के लिए इंडियन इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (आईआईआरएफ) अवॉर्ड से पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू), लुधियाना को नवाजा गया है। यह सम्मान नई दिल्ली में आयोजित 8वीं इंडस्ट्री-अकादमिक्स इंटीग्रेशन बैठक के दौरान पीएयू को प्रदान किया गया। यह अवॉर्ड शिक्षा, शोध और कृषि विस्तार सेवाओं के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए दिया गया है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने इस सम्मान को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और किसानों की प्रगति के प्रति समर्पण का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि पीएयू ने न केवल कृषि विज्ञान के क्षेत्र में कुशल शोधकर्ता और विशेषज्ञ तैयार किए हैं, बल्कि किसानों को लाभकारी खेती से जोड़ने, पर्यावरण हितैषी तकनीक को अपनाने और कृषि एवं उद्योग जगत के बीच के अंतर को कम करने में भी अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड की ओर से 4 में से 3.59 अंक दिलाते हुए ए प्लस ग्रेड भी प्रदान किया गया है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
इसके अलावा पीएयू को एनआईआरएफ की राष्ट्रीय रैंकिंग में वर्ष 2023, 2024 और 2025 में लगातार देश की सर्वश्रेष्ठ कृषि यूनिवर्सिटी घोषित किया जा चुका है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
शिक्षा के क्षेत्र में पीएयू ने प्रायोगिक शिक्षण के साथ आधुनिकता को भी अपनाया है। स्मार्ट क्लासरूम से लेकर एआर-वीआर आधारित प्रयोगशालाएं और 1:5 का शिक्षक-छात्र अनुपात इस बात का प्रमाण है। पिछले पांच वर्षों में पीएयू के 35 विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री डाक्टोरल फेलोशिप से सम्मानित किया गया, जबकि 2016 से अब तक 520 से अधिक छात्र-छात्राएं विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए गए हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
विश्वविद्यालय ने अमेरिका की कंसास यूनिवर्सिटी, ओहायो स्टेट, येल, पर्ड्यू, मैकगिल, सिडनी और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया जैसी प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज़ के साथ शैक्षिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा दिया है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
                                
                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
पीएयू के डीन डॉ. मानवइंद्र सिंह गिल ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय 92 शैक्षणिक कार्यक्रम चला रहा है, जिनमें 11 स्नातक, 47 परास्नातक और 30 डॉक्टरेट डिग्री के कोर्स शामिल हैं। इस सत्र में 4000 से अधिक छात्र विभिन्न देशों से यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कृषि विस्तार सेवाओं में भी पीएयू पंजाब के किसानों के लिए संबल बना हुआ है। 18 कृषि विज्ञान केंद्रों और 15 किसान सलाह सेवा केंद्रों के माध्यम से लाखों किसान हर साल पीएयू के मेलों और डिजिटल प्लेटफार्मों के जरिए जुड़ते हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
डॉ. गोसल ने इसे हरित क्रांति के बाद की वैज्ञानिक कृषि की सफलता का प्रमाण बताया, जिसने भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने इस उपलब्धि को अकादमिक प्रतिबद्धता और किसान समाज की सेवा का प्रतीक बताया।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
Trending Videos
 
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने इस सम्मान को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और किसानों की प्रगति के प्रति समर्पण का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि पीएयू ने न केवल कृषि विज्ञान के क्षेत्र में कुशल शोधकर्ता और विशेषज्ञ तैयार किए हैं, बल्कि किसानों को लाभकारी खेती से जोड़ने, पर्यावरण हितैषी तकनीक को अपनाने और कृषि एवं उद्योग जगत के बीच के अंतर को कम करने में भी अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड की ओर से 4 में से 3.59 अंक दिलाते हुए ए प्लस ग्रेड भी प्रदान किया गया है।
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            इसके अलावा पीएयू को एनआईआरएफ की राष्ट्रीय रैंकिंग में वर्ष 2023, 2024 और 2025 में लगातार देश की सर्वश्रेष्ठ कृषि यूनिवर्सिटी घोषित किया जा चुका है।
शिक्षा के क्षेत्र में पीएयू ने प्रायोगिक शिक्षण के साथ आधुनिकता को भी अपनाया है। स्मार्ट क्लासरूम से लेकर एआर-वीआर आधारित प्रयोगशालाएं और 1:5 का शिक्षक-छात्र अनुपात इस बात का प्रमाण है। पिछले पांच वर्षों में पीएयू के 35 विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री डाक्टोरल फेलोशिप से सम्मानित किया गया, जबकि 2016 से अब तक 520 से अधिक छात्र-छात्राएं विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए गए हैं।
विश्वविद्यालय ने अमेरिका की कंसास यूनिवर्सिटी, ओहायो स्टेट, येल, पर्ड्यू, मैकगिल, सिडनी और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया जैसी प्रसिद्ध यूनिवर्सिटीज़ के साथ शैक्षिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा दिया है।
पीएयू के डीन डॉ. मानवइंद्र सिंह गिल ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय 92 शैक्षणिक कार्यक्रम चला रहा है, जिनमें 11 स्नातक, 47 परास्नातक और 30 डॉक्टरेट डिग्री के कोर्स शामिल हैं। इस सत्र में 4000 से अधिक छात्र विभिन्न देशों से यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कृषि विस्तार सेवाओं में भी पीएयू पंजाब के किसानों के लिए संबल बना हुआ है। 18 कृषि विज्ञान केंद्रों और 15 किसान सलाह सेवा केंद्रों के माध्यम से लाखों किसान हर साल पीएयू के मेलों और डिजिटल प्लेटफार्मों के जरिए जुड़ते हैं।
डॉ. गोसल ने इसे हरित क्रांति के बाद की वैज्ञानिक कृषि की सफलता का प्रमाण बताया, जिसने भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने इस उपलब्धि को अकादमिक प्रतिबद्धता और किसान समाज की सेवा का प्रतीक बताया।