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पूर्व आईजी ने खुद को मारी गोली: 8.10 करोड़ की ठगी... 12 पेज के सुसाइड नोट में लिखा दर्द; पीएम से की ये अपील
अमर उजाला नेटवर्क, पटियाला
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 23 Dec 2025 12:14 PM IST
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सार
8.10 करोड़ की साइबर ठगी का शिकार हुए पंजाब के पूर्व आईजी अमर सिंह चहल ने खुद को गोली मार ली। उनकी हालत गंभीर है। 12 पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा कि ठगी की वजह से मानसिक तनाव में हूं। लोगों को चेहरा दिखाने लायक नहीं रहा है। डीजीपी से इंसाफ की मांग करते हुए लिखा कि ऐसी फर्जी वेबसाइट्स को पूरी तरह बंद किया जाए।
amar singh chahal
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
पटियाला से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पंजाब पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) अमर सिंह चहल ने सोमवार को अपने घर में सुरक्षाकर्मी की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को छाती में गोली मार ली। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
उन्हें पटियाला-राजपुरा रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच के दौरान मौके से 12 पेज का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जो मुख्य रूप से पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के नाम संबोधित है।
इस सुसाइड नोट में चहल ने साइबर ठगों द्वारा खुद के साथ हुई 8.10 करोड़ रुपये की बड़ी ठगी का विस्तार से जिक्र किया है। उन्होंने गहरे मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान का दर्द बयां किया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, जिसमें ठगी के आरोपों की भी पड़ताल शामिल है।
अस्पताल पहुंचे एसपी (सिटी) पलविंदर सिंह चीमा ने बताया कि पूर्व आईजी के दोस्तों ने सोमवार को ही पुलिस के साथ एक नोट साझा किया था, जिसमें आशंका जताई थी कि चहल आत्महत्या जैसा कदम उठा सकते हैं।
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उन्हें पटियाला-राजपुरा रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच के दौरान मौके से 12 पेज का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जो मुख्य रूप से पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के नाम संबोधित है।
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इस सुसाइड नोट में चहल ने साइबर ठगों द्वारा खुद के साथ हुई 8.10 करोड़ रुपये की बड़ी ठगी का विस्तार से जिक्र किया है। उन्होंने गहरे मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान का दर्द बयां किया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, जिसमें ठगी के आरोपों की भी पड़ताल शामिल है।
अस्पताल पहुंचे एसपी (सिटी) पलविंदर सिंह चीमा ने बताया कि पूर्व आईजी के दोस्तों ने सोमवार को ही पुलिस के साथ एक नोट साझा किया था, जिसमें आशंका जताई थी कि चहल आत्महत्या जैसा कदम उठा सकते हैं।
इसके तुरंत बाद संबंधित थाना प्रभारी और डीएसपी पूर्व आईजी के घर पहुंचे जहां वह घायल हालत में पड़े थे। उन्हें तत्काल अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जहां उनकी सर्जरी की जा रही है। एसपी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि अमर सिंह चहल 2015 में फरीदकोट में हुए बहबल कलां व कोटकपुरा गोलीकांड मामले में आरोपी हैं।
फरवरी 2023 में एडीजीपी एलके यादव की अगुवाई वाली पंजाब पुलिस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (सिट) ने फरीदकोट अदालत में एक चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें कई राजनेताओं और अमर सिंह चहल समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम थे।
पीएम मोदी के नाम पत्र में मांगा इंसाफ
पूर्व आईजी चहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम नोट लिखकर बताया कि वह धोखेबाजों के एक गिरोह के शिकार हो गए हैं, जो डीबीएस का नाम इस्तेमाल कर रहा है। दो महीनों से ज्यादा समय तक उन्हें भारी मुनाफा देने का वादा किया जिसक झांसे में वे आ गए और 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी का शिकार हो गए हैं।
पूर्व आईजी चहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम नोट लिखकर बताया कि वह धोखेबाजों के एक गिरोह के शिकार हो गए हैं, जो डीबीएस का नाम इस्तेमाल कर रहा है। दो महीनों से ज्यादा समय तक उन्हें भारी मुनाफा देने का वादा किया जिसक झांसे में वे आ गए और 8 करोड़ से ज्यादा की ठगी का शिकार हो गए हैं।
इसमें से 7.5 करोड़ उन्होंने दोस्तों व रिश्तेदारों से उधार लिए हैं। अब उनके पास अपनी जिंदगी लेने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। वह सार्वजनिक तौर पर चेहरा दिखाने के काबिल नहीं रहे हैं। लिखा है कि इस मामले की व्यापक स्तर पर जांच कर अपराधियों को पकड़ा जाए।
उनसे पैसे की रिकवरी की जाए और ऐसी वेबसाइटों को पूरी तरह बंद किया जाए। वहीं उन्होंने डीजीपी गौरव यादव से मांग की है कि वह साइबर ठगों की धरपकड़ करके उनसे धोखाधड़ी से ली गई रकम वसूल कर उसे परिवार को लौटाएं। एसपी पलविंदर सिंह चीमा के मुताबिक पूर्व आईजी के बच्चे वर्क फ्राम होम हैं। घटना के समय वह अपने दफ्तर में काम कर रहे थे।
वित्तीय साइबर ठगी में स्वार्थ बड़ी वजह रहती है। जब भी कोई कॉल वित्तीय लाभदेने से संबंधित आती है तो पहली सोच में हम उसमें अपना स्वार्थ ढूंढते हैं, बस यहीं हम साइबर ठग के जाल में फंस जाते हैं। साइबर ठगी से हम जागरूक हैं मगर कई बार फिर भी लापरवाही कर जाते हैं। -प्रो. सुरेश देसवाल, अपराध नियंत्रण विषय में विशेषज्ञ
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