सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Punjab ›   PAU Ludhiana teachers celebrated Teachers Day as Black Day

शिक्षक दिवस पर शिक्षक नाराज: पीएयू लुधियाना टीचर्स ने मनाया काला दिवस, मांगों को लेकर सरकार को घेरा

संवाद न्यूज एजेंसी, लुधियाना (पंजाब) Published by: अंकेश ठाकुर Updated Thu, 05 Sep 2024 10:23 PM IST
विज्ञापन
सार

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के शिक्षक 15 दिन से मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकों ने वीरवार को शिक्षक दिवस भी काला दिवस के रूप में मनाया। 

PAU Ludhiana teachers celebrated Teachers Day as Black Day
विरोध जताते पीएयू के शिक्षक। - फोटो : संवाद
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) को लगातार दूसरे वर्ष भारत में नंबर एक कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है, लेकिन फिर भी शिक्षक पिछले 15 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि उनकी मांगों को राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। 

loader
Trending Videos


वीरवार को शिक्षक दिवस पर पीएयू के टीचर्स ने विरोध स्वरूप काला दिवस मनाया। इस दौरान थापर हाल के बाहर रोष प्रदर्शन किया गया और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की गई। टीचर्स ने हाथों में अपनी मांगों से संबंधित पोस्टर एवं बैनर थाम रखे थे।
विज्ञापन
विज्ञापन




पीएयू शिक्षकों की मुख्य मांगों में भत्ते और ग्रेच्युटी में संशोधन करना, 1 जनवरी, 2016 से संशोधित वेतन बकाया का भुगतान करना, मूल वेतन अधिसूचना को वापस लेना और वेतन समानता का समाधान करना, पुरानी पेंशन योजना को लागू करना, 2016 से पहले सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए संशोधित पेंशन का प्रावधान करना, लंबित डीए की तीन किस्तों का भुगतान करना इत्यादि प्रमुख हैं।

पीएयू टीचर्स का विरोध प्रदर्शन पंद्रह दिन से जारी है, बावजूद इसके राज्य सरकार कृषि वैज्ञानिकों की लंबे समय से लंबित मांगों को संबोधित करने के लिए तैयार नहीं है। पीएयूटीए के अध्यक्ष डॉ. मनदीप सिंह गिल ने कहा कि पंजाब सरकार पिछले 17 महीनों से लंबित विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए गंभीर नहीं है। 

उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार के साथ-साथ विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध किया है और अपील की है कि पंजाब के सार्वजनिक क्षेत्र के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के बराबर संशोधित भत्ते, ग्रेच्युटी और संशोधित मूल वेतन के अनुसार बकाया प्रदान किया जाए। 

डॉ. केएस संघा ने कहा कि शिक्षकों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सरकारें स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को वित्त पोषित करने की अपनी जिम्मेदारियों से बच रही हैं।

पीएयूटीए सचिव डॉ. गुरमीत सिंह ढेरी ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही अन्य राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए संशोधित भत्ते और ग्रेच्युटी को अधिसूचित किया है, लेकिन पीएयू के शिक्षकों को इससे वंचित किया जा रहा है। पीएयू पेंशनर्स टीचर्स के अध्यक्ष डॉ. एसएस गिल ने कहा कि उनकी एसोसिएशन भी चल रहे विरोध का समर्थन कर रही है क्योंकि राज्य सरकार ने अभी तक पीएयू और गडवासू के उन शिक्षकों की पेंशन को संशोधित नहीं किया है जो 1.1.2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed