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RAS Recruitment-2023: आरएएस भर्ती साक्षात्कार पर आयोग सख्त, करा रहा संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों की जांच

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अजमेर Published by: अजमेर ब्यूरो Updated Wed, 27 Aug 2025 10:52 PM IST
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सार

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस भर्ती-2023 में संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों पर सख्ती दिखाई है। दिव्यांग अभ्यर्थियों की अनिवार्य मेडिकल जांच की जाएगी।  

RAS Recruitment-2023 Interview: Commission is investigating suspicious disability certificates
आयोग करा रहा संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों की जांच
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विस्तार
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राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने आरएएस भर्ती परीक्षा-2023 में संदिग्ध दिव्यांग प्रमाण-पत्रों पर सख्त रुख अपनाया है। फर्जी प्रमाण-पत्रों के बढ़ते मामलों को देखते हुए आयोग ने पहली बार दिव्यांग अभ्यर्थियों की अनिवार्य मेडिकल जांच का प्रावधान किया है। इस कदम से उन अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया है जिनके प्रमाण-पत्र संदिग्ध पाए गए हैं। कई अभ्यर्थी मेडिकल जांच से दूरी बनाए हुए हैं और निर्धारित तिथियों पर मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

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श्रेणी बदलने की गुहार
चौंकाने वाली बात यह है कि कई अभ्यर्थियों ने आयोग को प्रार्थना-पत्र देकर अपनी श्रेणी दिव्यांग से सामान्य या अन्य श्रेणी में बदलने की मांग की है। जांच में सामने आया है कि इनमें से कई अभ्यर्थी पहले से ही सरकारी सेवाओं में तृतीय श्रेणी शिक्षक, पटवारी या अन्य पदों पर कार्यरत हैं। इनकी नियुक्तियां भी कथित फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्रों के आधार पर हुई थीं। आयोग ने ऐसे मामलों में संबंधित विभागों को भी पत्र लिखकर इन अभ्यर्थियों की दिव्यांगता की दोबारा जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
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निष्पक्ष भर्ती की ओर कदम
आयोग अध्यक्ष उत्कल रंजन साहू के अनुसार, यह कार्रवाई भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर सरकारी सेवाओं में बैठे लोगों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।

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गहन सत्यापन और कड़ी कार्रवाई
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि फर्जी प्रमाण-पत्रों का इस्तेमाल वास्तविक दिव्यांग अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन है। आयोग अब केवल दस्तावेजों की सतही जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि गहन सत्यापन के जरिए निष्पक्ष चयन सुनिश्चित कर रहा है। मेडिकल जांच के लिए उपस्थित नहीं होने वाले अभ्यर्थियों की अभ्यर्थिता रद्द की जा सकती है और उन्हें भविष्य की सरकारी भर्तियों से भी वंचित किया जा सकता है।

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