सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Rajasthan ›   Jaipur News ›   Rajasthan Anta By Election 2025 Top Leaders Political Equation Ground Report News in Hindi

अंता विधानसभा उपचुनाव: चढ़ने लगा सियासी पारा, नेताओं की बयानबाजी और ग्रामीणों की नाराजगी बनी चर्चा का विषय

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: प्रिया वर्मा Updated Mon, 03 Nov 2025 10:52 AM IST
सार

अंता उपचुनावों को लेकर सियासी पारा अब चढ़ने लगा है। विधानसभा क्षेत्र में आने वाले अपने वोट को लेकर सजग हैं। इधर प्रत्याशी भी मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं।

विज्ञापन
Rajasthan Anta By Election 2025 Top Leaders Political Equation Ground Report News in Hindi
अंता उपचुनाव में चढ़ने लगा सियासी रंग - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का रंग अब पूरी तरह चढ़ने लगा है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीति में बयानबाजी तेज और माहौल गरमाता नजर आ रहा है। एक ओर प्रत्याशी गांव-गांव जाकर मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं, तो दूसरी ओर कई स्थानों पर ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर नाराज भी दिखाई दे रहे हैं।



नरेश मीणा के बयान से गुर्जर समाज में रोष
कांग्रेस से नाराज चल रहे नरेश मीणा एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। शनिवार को प्रेस वार्ता में उन्होंने पूर्व मंत्री अशोक चांदना को ‘चांदनी’ कहकर संबोधित किया, जिसके बाद गुर्जर समाज में गहरी नाराजगी फैल गई। समाज के लोगों ने इस टिप्पणी को अपमानजनक बताया और कहा कि नरेश पहले भी गुर्जर समुदाय को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। सोशल मीडिया पर गुर्जर युवाओं ने विरोध दर्ज कराया है, वहीं कई स्थानों पर बैठकों में इस बयान की तीखी निंदा की जा रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें: Jodhpur Accident: रफ्तार में थी टैंपो ट्रैवलर, ट्रक से टकराते ही धमाके जैसी आवाज; दहला देंगी हादसे की तस्वीरें

मोरपाल सुमन की सादगी बनी ताकत
वहीं भाजपा उम्मीदवार मोरपाल सुमन को उनकी सरल और सादगीपूर्ण छवि का बड़ा फायदा मिलता दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुमन की सादगी चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोग उन्हें अपना आदमी मानते हैं और विश्वास जता रहे हैं कि अगर वे जीतते हैं तो जनता की समस्याओं को सीधे और सरल तरीके से सरकार तक पहुंचा पाएंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि मोरपाल सुमन की ईमानदार छवि और जमीनी जुड़ाव भाजपा के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया को लेकर मतभेद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद जैन भाया को लेकर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक वर्ग मानता है कि भाया के अनुभव और प्रभाव से क्षेत्र में विकास की गति तेज हो सकती है, जबकि दूसरा वर्ग उनसे दूरी महसूस करता है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि भाया से मिलना आसान नहीं है, इसलिए आम जनता की समस्याएं सीधे उन तक नहीं पहुंच पातीं।

ग्रामीणों का मतदान बहिष्कार, जमीन विवाद बना बड़ा मुद्दा
इन राजनीतिक समीकरणों के बीच बैगना (छापर) गांव के लोगों ने इस बार मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने 200 से अधिक परिवारों को जमीन खाली करने के नोटिस दिए हैं, जबकि वे पिछले 40 वर्षों से उसी जमीन पर रह रहे हैं। पट्टे पहले सरकार ने ही जारी किए थे, जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि जब तक कलेक्टर स्वयं गांव आकर समाधान का भरोसा नहीं देते, वे वोट नहीं डालेंगे।

अंता उपचुनाव में जहां सादगी बनाम सियासी बयानबाजी की जंग जारी है, वहीं जनता की असल चिंताएं जमीन, योजनाओं का लाभ और संवाद की कमी, चुनाव का असली मुद्दा बनकर उभर रही हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता विकास और सम्मान के बीच किसे प्राथमिकता देती है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed