सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Rajasthan ›   Jaipur News ›   Bhajan Lal Government Opens New Path on OPS; Boards and Corporations Given Option to Withdraw from Old Pension

Rajasthan News: OPS पर भजनलाल सरकार की नई राह; बोर्ड-निगमों को ओल्ड पेंशन विड्रा करने का विकल्प दिया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Fri, 10 Oct 2025 04:53 PM IST
सार

राजस्थान सरकार ने बोर्ड-निगमों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) से बाहर निकलकर नई पेंशन योजना (NPS) अपनाने का विकल्प दिया है। कर्मचारी संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा।

विज्ञापन
Bhajan Lal Government Opens New Path on OPS; Boards and Corporations Given Option to Withdraw from Old Pension
पेंशन। - फोटो : अमर उजाला।
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

प्रदेश की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के सबसे बड़े मास्टर स्ट्रोक ओल्ड पेंशन स्कीम(OPS) में बदलाव कर दिया है। वित्त विभाग ने एक आदेश कर प्रदेश के बोर्ड और निगमों को यह विकल्प दिया है कि यदि वे ओल्ड पेंशन स्कीम(OPS) को विड्रा कर एनपीएस लागू करना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार में ओपीएस स्कीम लागू की गई थी, उसमें ओपीएस विकल्प चुनने के बाद इससे बाहर आने का प्रावधान नहीं दिया गया था। वहीं भजनलाल सरकार ने सत्ता संभालने के बाद विधानसभा में जवाब दिया कि ओपीएस योजना को बंद करने का उसका कोई विचार नहीं है।
Trending Videos

हालांकि ब्यूरो ऑफ एंटरप्राइजेज, तिलम संघ तथा एसएसी एसटी कॉपरेशन ने ओपीएस विड्रा करने के लिए पहले ही सरकार को प्रस्ताव भेज रखा था। वहीं आरटीडीसी जैसी कई संस्थाएं पेंशन के लिए सरकार से फंड की मांग कर रही हैं। लेकिन ओपीएस विड्रा करने के विकल्प दिए जाने के आदेश को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि जिन संस्थानों ने ओपीएस विड्रा की है उनके कई कर्मचारी इसके खिलाफ हाईकोर्ट चले गए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


क्या है आदेश
वित्त विभाग ने जो आदेश जारी किए हैं उनमें कहा गया है कि अनुदानित संस्थाओं को छोड़ जो स्वायत्तशासी संस्थान अपने स्तर पर पेंशन की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं वे ओपीएस से बाहर आ सकते हैं। हालांकि इन संस्थानों में भी जिन लोगों को पहले ओपीएस स्वीकृत हो चुकी है उसे बंद नहीं किया गया है।
 
बोर्ड-निगम में सवा लाख पेंशनर
 
जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में सरकार के बोर्ड और निगमों में करीब सवा लाख पेंशनर्स हैं।हालांकि जेडीए, रीको, मार्केटिंग बोर्ड, सरस डेयरी, वित्त निगम,रोडवेज बिजली कंपनियों से ही कई संस्थानों ने अपने स्तर पर पेंशन फंड की व्यवस्था की है। लेकिन सरकार के इस आदेश से सभी बोर्ड-निगमों को ओपीएस से बाहर आने का विकल्प मिल गया है। इनमें से कई संस्थान ऐसे हैं जो लगभग घाटे की स्थिति में हैं। ऐसे में भविष्य में जब भी ये ओपीएस से बाहर आना चाहेंगे इनके लिए कोई बाध्यता नहीं रहेगी।
विधानसभा में ओपीएस पर यह दिया था जवाब
मौजूदा सरकार ने विधानसभा में ओपीएस को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में कहा था कि वह ओपीएस को बंद नहीं कर रही है।
 कर्मचारियों में नाराजगी, बोले- इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने सरकार पर कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को वापस लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कर्मचारी इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि सरकार ने यह आदेश वापस नहीं लिया तो हम आंदोलन शुरू करेंगे।”
गजेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि सरकार ने फिलहाल इस फैसले को बोर्डों, आयोगों और निगमों पर लागू किया है, जिससे करीब एक लाख कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं। यह एक प्रायोगिक कदम है, ताकि प्रतिक्रिया देखकर भविष्य में इसे सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू किया जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार की एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme) भी कर्मचारियों को आकर्षित नहीं कर पाई थी, और केवल एक प्रतिशत कर्मचारियों ने ही इसे अपनाया। इसी तरह, आरटीडीसी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष तेज सिंह राठौड़ ने भी इस फैसले की निंदा की। उन्होंने कहा, “सरकार सभी कर्मचारियों को पेंशन देती है, फिर इसे सिर्फ 50,000 तक क्यों सीमित किया गया? बोर्ड और निगम सरकार के लिए काम करते हैं, न कि निजी क्षेत्र के लिए — फिर यह भेदभाव क्यों?”

यह भी पढें-  IT Raid: आयकर विभाग की कार्रवाई; NHAI ठेकेदारों के जयपुर, उदयपुर सहित 40 ठिकानों पर छापे, करोड़ों की नकदी मिली


 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed