Anta Bypoll: अंता में प्रचार का शोर थमा; अखिरी दिन नेताओं की मैराथन रैलियां, अब मैदान में मतदाताओं की बारी
Anta Bypoll: अंता उपचुनाव में प्रचार थम गया। बीजेपी ने सीएम भजनलाल शर्मा व वसुंधरा राजे के साथ पूरा जोर लगाया, कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया को उतारा। नरेश मीणा को आरएलपी व आप का समर्थन। त्रिकोणीय मुकाबले में अंता राजस्थान की सियासत का पॉवर सेंटर बना।
विस्तार
राजस्थान की अंता सीट पर आज प्रचार का शोर थम गया। आखिरी दिन बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थन में नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी। बीजेपी और कांग्रेस ने रोड शो निकाले। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने शनिवार को यहां रोड शो निकाला था। बीजेपी के रोड शो में सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,प्रदेशाध्यक्षमदन राठौड,सांसद दुष्यंत सिंह प्रत्याशी मोरपाल सुमन साथ रहे। वहीं कांग्रेस के रोड शो में प्रमोद जैन भाया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक अशोक चांदना मौजूद रहे। हालांकि पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी आज अंता में थे लेकिन वे रोड शो में शामिल नहीं हुए।
बीजेपी का पॉवर शो
मौजूदा विधानसभा में राजस्थान में अब तक 7 विधानसभा उपुचनाव हुए हैं इनमें से 5 बीजेपी जीती है। अंता उपचुनाव में भी बीजेपी ने अपना पूरा दम लगा दिया है। बीजेपी ने यहां अपने सबसे बड़े तुरप के पत्ते वसुंधरा राजे को कमान सौंप रखी है। सीएम भजनलाल शर्मा भी यहां लगातार रैलीयां कर रहे हैं। बीजेपी ने चुनाव में प्रदेश के मंत्रियों से लेकर विधायकों तक को झौंक दिया। यही नहीं केंद्रीय नेताओं को यहां प्रचार के लिए उतारा गया।
कांग्रेस का माइक्रो मैनेजमेंट
पार्टी ने अब तक 272 नेताओं को जिम्मेदारी दी है, जिनमें 40 बड़े नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया गया है। चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी और स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायतवार 170 प्रभारी नियुक्त किए । हर पंचायत में 3-3 नेताओं को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने बूथ स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट पर जोर दिया । कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने अंता में रोड शो किया। गोविंद डोटासरा, सुखजिंदर रंधावा, और टीकाराम जूली जैसे दिग्गज नेता कई दिनों से यहां प्रचार में जुटे थे।
नरेश ने संघर्ष त्रिकोणीय मुकाबले में बदला
निर्दलीय नरेश मीणा को आरएलपी और आम आदमी पार्टी ने अपना समर्थन देकर चुनाव और भी रोचक बना दिया। शनिवार को यहां नरेश का रोड शो था। जिसमें आरएलपी चीफ हनुमान बेनीवाल, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, पूर्व विधायक राजेंद्र गुढ़ा सहित कई नेता मौजूद थे।
कौन बनेगा अंता का पॉवर हाऊस
राजस्थान का पहला गैस-आधारित थर्मल पावर प्लांट अंता में है। यही अंता इन दिनों राजस्थान की सियासत का भी पॉवर सेंटर बन चुका है। अंता का पॉवर सेंटर कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया के हाथों में रहा है। जबकि जिस हाड़ौती इलाके में अंता आता है उसका पॉवर सेंटर बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हैं। वहीं उपचुनाव में नरेश मीणा भी नया पॉवर सेंटर बनकर उभरे हैं। वहीं प्रमोद जैन भाया कांग्रेस के पॉवर हाऊस अशोक गहलोत के करीबी हैं। यही वजह है कि अंता सीट के गठन के बाद से अब तक भाया ही यहां कांग्रेस का एक मात्र चेहरा रहे हैं। जबकि बीजेपी ने हर बार यहां अपने चेहरे बदले हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए अब तक यहां कोई बड़ा स्कोप नहीं रहा है लेकिन इस बार नरेश मीणा ने मुकाबला त्रिकोणीय जरूर बना दिया है।
राजे ने क्षेत्र की मांगे बताईं, सीएम नोट करते गए
भजनलाल शर्मा के साथ प्रचार करते हुए वसुंधरा राजे ने अंता की स्थानीय जरूरतों पर फोकस किया। उन्होंने साफ पेयजल, नए बस स्टैंड, एक डिस्पेंसरी और ट्रैफिक जाम कम करने के लिए अलग सब्जी मंडी की मांग उठाई। साथ ही उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय को जारी रखने पर भी जोर दिया। वहीं भजनलाल शर्मा ने अपनी जेब से डायरी निकाल कर उनको नोट भी किया। वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अंता में रोड शो के दौरान अपनी सरकार की प्राथमिकताओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “सरकार बनने के तुरंत बाद हमने पाँच साल का रोडमैप तैयार किया, जिसमें पानी को राजस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में चिन्हित किया गया।” उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) और हरियाणा के साथ यमुना जल-साझेदारी समझौते पर तेजी से काम किया है।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत प्रचार के अंतिम दिन अंता आयोजित चुनावी रैली में पहुंचे। गहलोत ने कहा- दो साल हो गए ऐसी निकम्मी सरकार आई है कि कोई सोच भी नहीं सकता। सरकार नाम की चीज नहीं है। लोग कह रहे हैं कि हम जाएं किसके पास, बिना पैसे दिए कोई काम नहीं हो रहा।
गहलोत ने कहा कि ये टाइम पास सरकार है। न मंत्रियों की कोई सुन रहा है और न ही सीएम की। भजनलाल कब तक सीएम रहेंगे यह यह भी चर्चा बीजेपी में होने लगी है। नरेश मीणा को लेकर गहलोत ने कहा कि उसे भी पता है कि वह जीतेगा नहीं सिर्फ कांग्रेस के वोट खराब करेगा। उन्होंने कहा कि मीणा समाज तो कांग्रेस की रीढ की हड्डी है और आपसे अपील करूंगा कि नरेश को समझाएं कि कांग्रेस के वोट खराब नहीं करे।
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प्रोफाइल
प्रमोद जैन भाया: अंता सीट 2008 में बनी। इस पर पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने बीजेपी के दिग्गज रघुवीर सिंह कोशल को हराया था। अगले चुनाव में भाया को बीजेपी के प्रभुलाल सैनी ने हराया। इसके बाद 2018 में भाया ने प्रभुलाल को हराकर हिसाब चुकता कर दिया। लेकिन 2023 में बीजेपी ने यहां चेहरा बदला। वसुंधरा राजे के खास कंवरलाल मीणा ने प्रमोद जैन भाया को हरा कर पहली बार विधानसभा में एंट्री ली।
मोरपाल सुमन: मोरपाल सुमन यहां आरएसएस के पदाधिकारी रहे हैं। टिकट घोषित होने से पहले ही साइबर ठगी का शिकार होकर सुमन चर्चाओं में आ गए। सुमन का यह पहला विधानसभा चुनाव है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, सांसद दुष्यंत सिंह, सीएम भजनलाल शर्मा सहित सरकार के तमाम मंत्री, विधायक और केंद्रीय मंत्री तक मोरपाल के लिए वोट मांगते नजर आ रहे हैं।
नरेश मीणा: नरेश ने 2023 में छबड़ा से पहला चुनाव लड़ा। इसमें यह तीसरे नंबर पर रहे। 2024 में हुए देवली उनियारा में उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में एसडीएम के थप्पड़ मार कर बवाल मचा दिया था। इसके चलते नरेश को जेल भी जाना पड़ा। अब नरेश अंता से उपचुनाव लड़ रहे हैं। देवली उनियारा में नरेश दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार भी नरेश ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है।