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Jaipur: जयपुर कार्यकारिणी सूची विवाद ने खोली BJP की अंदरूनी कलह; बेचारा तो मैं हूं- क्यों बोले प्रदेश अध्यक्ष?
सार
Jaipur Executive List Controversy: जयपुर शहर भाजपा कार्यकारिणी की सूची विवाद पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सूची का जारी होना अनुशासनहीनता है। पढ़ें पूरी खबर...।
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भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़
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विस्तार
भारतीय जनता पार्टी की जयपुर शहर इकाई की कार्यकारिणी को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार सुबह 9:30 बजे जयपुर शहर भाजपा जिला अध्यक्ष अमित गोयल के सोशल मीडिया अकाउंट से पार्टी की नई कार्यकारिणी सूची जारी की गई, जिसमें नए पदाधिकारियों के नाम शामिल थे। लेकिन महज 30 मिनट के भीतर ही सूची को हटाते हुए अवैध घोषित कर दिया गया, जिससे पार्टी के अंदर चल रही रस्साकशी एक बार फिर सार्वजनिक मंच पर उजागर हो गई।
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इस आधे घंटे में सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और चर्चा का विषय बन गई। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच असमंजस फैल गया कि आखिर यह सूची किसके आदेश से जारी हुई और फिर अचानक क्यों रद्द कर दी गई।
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‘यह अनुशासनहीनता है, जांच होगी’
जब इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर से सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह नहीं होना चाहिए था। यह अनुशासनहीनता है और मैं इस पर संज्ञान लूंगा। राठौर ने यह भी बताया कि उस समय वे राज्यसभा की कार्यवाही में व्यस्त थे और उन्हें इस सूची के बारे में मीडिया के जरिए जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी कि यह सूची कैसे और किसके निर्देश पर जारी की गई। प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी साफ किया कि यदि जरूरत पड़ी तो वे इस मामले की जांच के लिए विशेष समिति का गठन भी करेंगे, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आंतरिक संचार में चूक कहां और कैसे हुई।
‘बेचारा तो मैं हूं’
जब उनसे पूछा गया कि दावा किया जा रहा है कि जयपुर जिला अध्यक्ष तो सिर्फ मोहरा हैं, असली निर्णय तो आपने ही रोका है, ऐसे में क्या वे बेचारे हैं? इस पर राठौर ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि बेचारा तो मैं हूं। यह बयान न केवल पार्टी के भीतर के संचार और तालमेल की कमी की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि खुद प्रदेश अध्यक्ष भी इस पूरी स्थिति से असहज और असमंजस में हैं।
भ्रम की स्थिति और कार्यकर्ताओं में बेचैनी
इस घटना ने कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम और असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। पार्टी के संगठनात्मक अनुशासन और आंतरिक प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस तरह की घटनाएं पार्टी की साख और एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं, खासकर तब जब पार्टी को आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठित और सशक्त दिखना चाहिए।
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स्पष्टीकरण देने पहुंचे अमित गोयल
सूची जारी करने और फिर वापस लेने की इस उठापटक के बीच, जयपुर जिला अध्यक्ष अमित गोयल भाजपा मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर को अपना स्पष्टीकरण दिया। दोनों के बीच इस मुद्दे पर लंबी बातचीत भी हुई। हालांकि बातचीत का ब्योरा आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि गोयल ने सूची जारी करने के पीछे की परिस्थितियों को स्पष्ट करने की कोशिश की है।