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Rajasthan Assembly: नेता प्रतिपक्ष की माफी पर कांग्रेस का एक धड़ा नाराज, डोटासरा नहीं पहुंचे विधानसभा
सार
राजस्थान विधानसभा में इंदिरा गांधी पर टिप्प्णी को लेकर शुरू हुए सियासी विवाद का पटाक्षेप सदन में तो प्रतिपक्ष की माफी से हो गया लेकिन कांग्रेस के भीतर इससे असंतोष पनपता दिख रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा निलंबन निरस्त होने के बावजूद आज सदन में नहीं आए।
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राजस्थान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान विधानसभा में सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच 7 दिनों तक चला गतिरोध समाप्त हो गया। प्रतिपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने डोटासरा के किए के लिए सदन में माफी मांग ली। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सभी 6 कांग्रेसी विधायकों के निलंबन को निरस्त करने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया लेकिन सूत्रों की मानें तो इस माफी को लेकर अब कांग्रेस बंट गई है।
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सूत्रों का कहना है कांग्रेस का एक धड़ा इस बात से आहत है कि जूली ने सदन में एकतरफा माफी मांगी जबकि सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने उस शब्द के लिए कुछ भी नहीं कहा, जिस पर सारा विवाद खड़ा हुआ। गुरुवार शाम निलंबन समाप्त होने के बाद भी डोटासरा सदन में नहीं पहुंचे और आज शुक्रवार को भी वे कार्रवाई में शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि वे माफी वाली बात से नाखुश हैं। डोटासरा ही नहीं कांग्रेस के एक बड़े नेता ने भी इस तरह से सदन में माफी मांगने पर ऐतराज जताया है।
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गौरतलब है कि पूरे गतिरोध के दौरान भी डोटासरा बार-बार इसी बात पर जोर दे रहे थे कि वे पूरे घटनाक्रम पर खेद जता चुके हैं और व्यक्तिगत रूप से माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि जिस मुद्दे को लेकर सारा विवाद हुआ उस पर सरकार के मंत्री ने माफी नहीं मांगी। गुरुवार को सदन में माफी मांगने और निलंबन रद्द होने के बाद डोटासरा और जूली की देर रात मुलाकात भी हुई, जिसमें माफी को लेकर डोटासरा ने जूली से अपनी नाराजगी जाहिर की।
क्या कहा था डोटासरा ने
मुझे पांच साल के लिए टर्मिनेट कर दो लेकिन सदन चलने दो। मैंने तो खेद भी प्रकट कर दिया। मीडिया की बातों को आधार बनाकर सदन चलाया जाएगा, अपमानित किया जाएगा तो ठीक नहीं है। उस टिप्पणी को हटाइए। मंत्री खेद प्रकट करें। अगर अध्यक्ष को तकलीफ हुई है तो मैं खेद व्यक्त कर चुका हूं। अध्यक्ष ईगो रखने वाले व्यक्ति हैं।
क्या था विवाद
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी का नाम लेकर टिप्प्णी कर दी थी। उन्होंने कांग्रेस विधायकों की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि आपने तो अपनी योजनाओं का नाम अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर कर दिया। इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस विधायक भड़क गए। इस टिप्पणी को सदन की कार्रवाई से बाहर निकालने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक वेल में आ गए और डोटासरा वेल से आगे बढ़ते हुए स्पीकर की डायस पर चढ़ गए। इसके बाद डोटासरा सहित छह कांग्रेसी विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इस विवाद के बाद अगले 3 दिन तक कांग्रेस सदन के अंदर और बाकी 3 दिन सदन के बाहर धरने पर रही। गुरुवार को मुख्यमंत्री भजनलाल के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और सभी छह कांग्रेसी विधायकों का निलंबन निरस्त हुआ।