Rajasthan: 'कमंडल' की पार्टी में 'मंडल' का बखेड़ा, आलाकमान के अल्टीमेटम के बाद जयपुर से दिल्ली तक बढ़ी सरगर्मी
मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, गोवा, पुडुचेरी और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में बीजेपी के नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है। लेकिन राजस्थान में कमंडल वाली पार्टी अभी मंडल के बखेड़े से ही बाहर नहीं निकल पाई है।
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राजस्थान बीजेपी में संगठनात्मक नियुक्तियों में हो रही देरी से आलाकमान नाराज है। भगवा पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना है और इसका रास्ता मंडल और जिलों से होकर ही आना है। लेकिन राजस्थान बीजेपी अभी मंडलों के बखेड़े में ही उलझी हुई है। प्रदेश में अभी मंडल अध्यक्षों की तैनाती का काम भी पूरा नहीं हुआ है और इसके बाद जिलाध्यक्ष के चुनाव भी होने हैं। पूरा मामला सियासत में उलझ गया है और प्रदेश नेतृत्व को समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करना है।
राजस्थान बीजेपी में कुल 1,058 मंडल हैं, जिनमें नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन कुछ सूचियों पर विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि अनुशासन समिति को हस्तक्षेप करके पहले हुए चयन को गलत मानना पड़ा। बीजेपी संगठन की प्रदेश अपील समिति की ओर से सोमवार को प्रदेश के 16 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगा दी गई। इनके अलावा पांच मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति को निरस्त करने की घोषणा कर दी गई। यह सब स्थानीय स्तर पर उपजे विरोध के बाद हुआ।
समिति के प्रदेश संयोजक घनश्याम तिवाड़ी ने बताया कि जयपुर शहर से जलमहल और पौड्रिक मंडल, जयपुर देहात से चौमूं नगर, भरतपुर से सेवर, रूदावल, सिरोही से डूंगरखेडा, अलवर दक्षिण से मालाखेड़ा, चुरू के रतनगढ़, अलवर के खोह, बीकानेर शहर के रानीबाजार, जुनागढ, पुराना शहर, जस्सुसर, नया शहर, बूंदी के इन्द्रगढ़ ग्रामीण और हनुमानगढ़ के संगरिया नगर मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर अंतरिम रूप से रोक लगाई गई है।
अनुशासन समिति को हस्तक्षेप करके पहले हुए चयन को गलत मानना पड़ा। संगठन की बात सत्ता के गले पड़ गई। नए नवेले अध्यक्ष इस बहाने मजबूत होना चाहते थे, लेकिन इतने कमजोर साबित हुए कि न निगलते बन रहा है न उगलते। चर्चा यही है कि कहीं मंडल कमंडल पर भारी न पड़ जाए। इस बीच जयपुर में नाराज होकर गए दिल्ली के संगठन वाले नेताजी अन्य राज्यों में मंडल प्रक्रिया सम्पन्न होने की मीडिया पोस्ट डाल रहे हैं, राजस्थान की कब डालेंगे इसका इंतजार है।
ट्वीटर पर हर रोज टैग कर अपडेट दे रहे बीएल संतोष
बीएल संतोष ने संगठनात्मक नियुक्तियों की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है, जिन राज्यों में संगठनात्मक नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वे सोशल मीडिया पर उन्हें टैग करके बधाई दे रहे हैं। ऐसे में अब राजस्थान पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
बुधवार को राजे और सीएम की मुलाकात से हलचल तेज
बुधवार शाम सीएम भजनलाल शर्मा सिविल लाइंस स्थिति पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के आवास पर मिलने के लिए पहुंच गए। दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा की मुलाकात हुई। वहीं, प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल भी अचानक दिल्ली से जयपुर पहुंचे। ताबड़तोड़ बैठकों के इस दौर से प्रदेश में सियासत गहमागहमी अचानक तेज होती नजर आ रही है। अटकलों का बाजार भी गरमाने लगा है कि कहीं ये मेल-मुलाकात भजनलाल सरकार के विस्तार के लिए तो नहीं है। हालांकि, बीजेपी सूत्रों की माने तो यह बैठकें संगठनात्मक नियुक्तियों में तेजी लाने के मकसद से की गई हैं।