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Rajasthan Cabinet: जयपुर में 3700 करोड़ रुपये लागत से 95 एकड़ में बनेंगे राजस्थान मण्डपम और जीसीसी टावर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Sat, 23 Aug 2025 10:19 PM IST
सार

Rajasthan Cabinet: राज्य सरकार ने जयपुर में ₹3700 करोड़ की लागत से राजस्थान मण्डपम और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) टावर के निर्माण को मंजूरी दी है। यह परियोजना 95 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी।

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Rajasthan Cabinet:: 3,700 Crore Rajasthan Mandapam and GCC Tower Project Announced in Jaipur
cabinet briefing - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई राजस्थान कैबिनेट की बैठक में जयपुर के बी-2 बाईपास क्षेत्र में 95 एकड़ भूमि पर राजस्थान मण्डपम और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) टावर के निर्माण को मंजूरी दी गई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिनमें  विजन डॉक्यूमेंट ‘विकसित राजस्थान/2047’ एवं 2 नीतियों को मजूंरी दी गई। इसके साथ ही, आगामी विधानसभा सत्र को देखते हुए 3 विधेयकों के प्रारूप के अनुमोदन, परवन बांध डूब क्षेत्र के विस्थापितों को विशेष अनुग्रह राशि स्वीकृत करने तथा युवाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहन देने से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले किए गए। 
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संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ तथा जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इस विजन डॉक्यूमेंट में राजस्थान को वर्ष 2030 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और वर्ष 2047 तक 4.3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दस्तावेज में शत-प्रतिशत साक्षरता, छात्र-केंद्रित और कौशल आधारित शिक्षा प्रणाली, युवाओं और महिलाओं का सशक्तीकरण, सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, सतत् जल प्रबंधन, स्मार्ट शहरीकरण, किफायती आवास, आधुनिक परिवहन, पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
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उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं को स्वावलंबी बनाने एवं रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करने के उद्देश्य से विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी प्रदान की गई। इस योजना के तहत 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को वित्तीय संस्थानों के माध्यम से मार्जिन मनी एवं कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकेंगे या पहले से स्थापित उद्यम का विस्तार, विविधीकरण अथवा आधुनिकीकरण कर सकेंगे। योजना में अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 8 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान दिया जाएगा। महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग श्रेणी के उद्यमियों, ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित उद्यम, कार्ड धारक बुनकर एवं शिल्पकारों को 1 करोड़ से अधिक और 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान मिलेगा। साथ ही, वित्तीय संस्थान द्वारा दिए गए ऋण पर 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम 5 लाख रुपये तक मार्जिन मनी अनुदान भी प्रदान किया जाएगा। 

रिम्स की स्थापना के लिए आएगा विधेयक
जोगाराम पटेल ने कहा कि वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा की अनुपालना में राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज का उन्नयन कर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स), जयपुर की स्थापना के लिए विधेयक के प्रारूप पर कैबिनेट में सहमति प्रदान की गई। एम्स, नई दिल्ली की तर्ज पर यह संस्थान राज्य का एकमात्र पीजी स्तर का चिकित्सा संस्थान होगा। इसके माध्यम से सुपर-स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम मिलेगा तथा चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति होगी।
 
 पटेल ने कहा कि सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन संचालित राज्य कैंसर संस्थान भी रिम्स में शामिल होगा। आरयूएचएस में कार्यरत सभी वर्तमान फैकल्टी, कर्मचारी और स्टाफ के पास सरकार में शामिल होने या आरयूएचएस के कर्मचारी के रूप में बने रहने का विकल्प होगा। राज्य के मुख्य सचिव रिम्स के अध्यक्ष होंगे। रिम्स में प्रमुख का दायित्व निभाने के लिए निदेशक की नियुक्ति की जाएगी। 

नगरीय क्षेत्रों के लिए भूमि आवंटन नीति-2025 को मंजूरी
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राज्य में सार्वजनिक, सामाजिक, धार्मिक एवं चैरिटेबल संस्थाओं, ट्रस्ट, निजी निवेशकों, कम्पनियों तथा विभिन्न विभागों द्वारा शैक्षणिक, चिकित्सकीय, औद्योगिक, व्यावसायिक और पर्यटन इकाइयों आदि के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी, एकरूप बनाने के उद्देश्य से ‘नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2025’ लाई जा रही है। इस नीति में विभिन्न सामाजिक उपयोगों हेतु भूमि आवंटन आरक्षित/डी.एल.सी. दर की 40 प्रतिशत दर पर किया जाएगा। रीको एवं आवासन मंडल को अविकसित भूमि कृषि डी.एल.सी. दर पर आवंटित की जा सकेगी। राजकीय विभागों को उनकी गतिविधियों हेतु निर्धारित सीमा तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। साथ ही पर्यटन, आई.टी. उद्योग जैसी विशिष्ट नीतियों के तहत भी राज्य सरकार की स्वीकृति से भूमि आवंटन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यह नीति भूमि आवंटन नीति-2015 को प्रतिस्थापित करेगी। इस नीति के अंतर्गत आवासीय परियोजना, वाणिज्यिक परिसर, रिटेल फ्यूल स्टेशन, गैस वितरण प्रोजेक्ट, गैस गोदाम, रेड कैटेगरी उद्योग आदि को भूमि आवंटन नहीं किया जाएगा।

एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों हेतु हवाई पट्टियों की भूमि लीज आवंटन नीति
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राज्य में एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों को बढ़ावा देने, वर्तमान में कम उपयोग में आ रही हवाई पट्टियों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने और एडवेंचर ट्यूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए “एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों हेतु हवाई पट्टियों की भूमि लीज आवंटन नीति“ को मंजूरी दी गई है। इस नीति से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हांगे, साथ ही राज्य के राजस्व तथा जीडीपी में भी अभिवृद्धि होगी। इस नीति के तहत भूमि का लीज शुल्क 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष तथा कंसेशन शुल्क 6 लाख रुपये प्रति एयरस्ट्रिप प्रति वर्ष होगा। पहले 5 वर्षों तक दरों में 5 प्रतिशत एवं 6वें से 20वें वर्ष तक 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि की जाएगी। लीज अवधि अधिकतम 20 वर्ष की होगी तथा अधिकतम 2000 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की जा सकेगी।

एनबीसीसी करेगी राजस्थान मण्डपम, जीसीसी टावर का निर्माण
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने बताया कि बी-2 बाईपास, जयपुर स्थित रीको की 95 एकड़ भूमि पर राजस्थान मण्डपम, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, आईटी टावर का निर्माण राजस्व सृजन सह विकास मॉडल के आधार पर एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के माध्यम से कराये जाने के प्रस्ताव का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन किया गया। इस भूमि पर राजस्थान मण्डपम, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर/आईटी टावर, 5-स्टार होटल, 4-स्टार होटल, आवासीय एवं वाणिज्यिक टावरों का विकास किया जाएगा। परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 3700 करोड़ रुपए है, जिसमें 635 करोड़ रुपये की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। परियोजना पूर्ण होने की अनुमानित अवधि 30 माह है।

उन्होंने बताया कि राजस्थान मण्डपम लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में कन्वेंशन सेंटर के रूप में 2200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जायेगा, जिसकी क्षमता 7000 से 7500 व्यक्तियों की होगी। इस 95 एकड़ भूमि में से 15 हजार वर्गमीटर भूमि पर यूनिटी मॉल का निर्माण भी कार्यकारी एजेन्सी रीको के माध्यम से करवाया जा रहा है, जो लगभग डेढ़ साल में पूरा होने की सम्भावना है। 

राजस्थान राज्य राजमार्ग शुल्क नियम में एक्सप्रेसवे की दरों में संशोधन
कर्नल राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के अनुसार एक्सप्रेसवे की 7 परियोजनाओं  की डीपीआर तैयार करवाई जा रही है। अब तक 4 एक्सप्रेसवे परियोजनाओं कोटपूतली-किशनगढ़, जयपुर-भीलवाड़ा, ब्यावर-भरतपुर, जयपुर-फलौदी की रिपोर्ट डीपीआर सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई है जबकि शेष 3 परियोजनाओं जालोर-झालावाड़, अजमेर-बांसवाड़ा एवं श्रीगंगानगर की रिपोर्ट का कार्य अभी प्रगति पर है।

उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य राजमार्ग शुल्क नियम, 2015 के अनुसार एक्सप्रेसवे पर शुल्क की दरें वर्तमान में राज्य राजमार्गों की निर्धारित दर से दोगुनी हैं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग एक्सप्रेसवे पर यह दर 1.25 गुणा है। राज्य राजमार्ग एक्सप्रेसवे के लिए भी दरें भारत सरकार की अधिसूचना के अनुरूप करने के लिए नियमों में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक - 2025
उन्होंने कहा कि कारखाना अधिनियम, 1948 (केन्द्रीय अधिनियम) में संशोधन करने के लिए कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक- 2025 के प्रारूप का अनुमोदन भी किया गया। इस प्रस्तावित संशोधन से कारखाना श्रमिकों के साप्ताहिक कार्यसमय 48 घंटों में उनकी दैनिक कार्य अवधि अधिकतम 9 घंटे से बढ़ा कर 10 घंटे तथा विश्राम से पूर्व कार्य की अधिकतम अवधि 5 घंटे से बढ़ा कर 6 घंटे की जाएगी। कार्य समय एवं विश्राम अवधि सहित कारखाना श्रमिकों के कार्यस्थल पर अधिकतम समय की सीमा साढ़े दस घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे की जाएगी। तिमाही में ओवरटाइम की अधिकतम सीमा 144 घंटे की जाएगी। इसके लिए श्रमिक की सहमति आवश्यक होगी।     महिला श्रमिकों को सुरक्षा शर्तों एवं लिखित सहमति से रात्रिकालीन पारी (सायं 7 बजे के बाद एवं प्रातः 6 बजे से पूर्व) कार्य की अनुमति दी जा सकेगी। 

राजस्थान मत्स्य (संशोधन) विधेयक-2025
पटेल ने बताया कि राजस्थान मत्स्य अधिनियम, 1953 में संशोधन के लिए मंत्रिमंडल द्वारा राजस्थान मत्स्य (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस विधेयक में मत्स्य अपराधों के लिए जुर्माने की राशि बढ़ाकर पच्चीस हजार रुपये, पुनः अपराध की स्थिति में पचास हजार रुपये तक करना प्रस्तावित किया गया है। अपराधों के शमन हेतु निर्धारित राशि को सौ रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। यह संशोधन इसलिए आवश्यक थे क्योंकि मत्स्य अपराधों को रोकने के लिए वर्तमान में निर्धारित जुर्माना राशि अत्यंत कम है।

विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी
पटेल ने बताया कि विधानसभा में अतिरिक्त मार्शल के पद पर पदोन्नति हेतु उप मार्शल का 2 वर्ष का अनुभव सहित 10 वर्ष के अनुभव का प्रावधान किया जा रहा है। उप मार्शल के पद के 2 वर्ष के अनुभव का एक-बारीय शिथिलन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान तकनीकी शिक्षा अधीनस्थ सेवा में प्रतियोगी परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान करने के साथ ही न्यूनतम योग्यता अंक 40 प्रतिशत निर्धारित किए जाएंगे। एससी-एसटी अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) में भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में प्रत्येक प्रश्नपत्र में न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक तथा औसत 40 प्रतिशत अंक अनिवार्य होंगे। एससी-एसटी अभ्यर्थियों को उपरोक्त में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके लिए संबंधित नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई।
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अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन
उन्होंने बताया कि नए सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना और पहले से चल रहे सोलर प्रोजेक्ट्स के विस्तार के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में 10 प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। 1283 हेक्टेयर भूमि पर लगने वाली इन परियोजनाओं से प्रदेश में 2 हजार 400 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का सृजन होगा। 

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बताया कि राज्य के सभी 3 डिस्कॉम में आरडीएसएस के अंतर्गत धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का आरडीएसएस योजना के अंतर्गत क्रियान्वयन किया जाएगा। इसका उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आजीविका संबंधी अंतराल को दूर कर उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इस योजना में ऐसे गांवों को शामिल किया गया है जिनकी जनसंख्या 500 या उससे अधिक है और जिनमें कम से कम 50 प्रतिशत आदिवासी निवासी हैं, साथ ही आकांक्षी जिलों के वे गांव भी सम्मिलित किए गए हैं जहां आदिवासी जनसंख्या 50 प्रतिशत या उससे अधिक है।  खराड़ी ने बताया कि परवन बांध डूब क्षेत्र में आ रहे मकानों के परिवारों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए अलग-अलग प्रकरणों में कुल 52 करोड़ रुपये से अधिक की विशेष अनुग्रह राशि देने का निर्णय किया गया है।

मंत्रिपरिषद् की बैठक में वन स्टेट-वन इलेक्शन को लेकर चर्चा
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार वन स्टेट, वन इलेक्शन को लागू करने की दिशा में निरंतर जरूरी कदम उठा रही है। पंचायतीराज एवं शहरी निकायों के परिसीमन, पुनर्गठन इत्यादि के संबंध में गठित मंत्रिगणों की कमेटियों द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य ओबीसी आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना करते हुए पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के सम्बन्ध में आरक्षण के बारे में सर्वे पूरा होने के बाद आगामी तीन माह में अनुशंषा देगा।
 
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