भजनलाल सरकार के दो साल: अमृत 2.0 की मूल डीपीआर में खामियां, दो साल और लगेंगे- मंत्री कन्हैयालाल चौधरी
राजस्थान में भाजपा सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। इन दो वर्षों में प्रदेश में हुए विकास कार्यों को लेकर अमर उजाला ने प्रदेश के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के साथ जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और अन्य योजनाओं के बारे में बातचीत की।
विस्तार
राजस्थान में पानी की समस्या हमेशा से सबसे बड़ा मुद्दा रही है। जल जीवन मिशन में राज्य की स्थिति, केंद्र से फंड, भ्रष्टाचार के आरोप और अमृत 2.0 जैसी योजनाओं को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। राजस्थान सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर इन्हीं मुद्दों पर अमर उजाला ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से खास बातचीत की।
राजस्थान के लिए सबसे पहली प्राथमिकता और जरूरत पानी है। जल जीवन मिशन में राजस्थान देश में 31वें स्थान पर है। इसे आप कैसे देखते हैं?
निश्चित रूप से जब हमने 2024 में सत्ता संभाली थी, तब राजस्थान 31वें स्थान पर यानी सबसे आखिरी पायदान पर था। दुर्भाग्य से जो काम मार्च 2024 तक पूरा हो जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ, केंद्र सरकार ने इसे रोक ही देना था लेकिन मैं पूरे सिस्टम को धन्यवाद देना चाहूंगा कि 31वें स्थान पर होने के बावजूद हमें सहयोग मिला। पिछली सरकार ने जो 38 लाख कनेक्शनों का दावा किया था, उनमें से केवल 15 लाख तक ही पानी पहुंच पा रहा था। हमारा पहला लक्ष्य उनकी गलतियों को सुधारना था। हम पूरे सिस्टम को बदल नहीं सकते और न ही हमारे पास इसके लिए अतिरिक्त बजट है।
हमारा प्राथमिक कार्य उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना था, जो इसके लिए जिम्मेदार थे और जहां पाइप लाइन बिछाई गई थी, उन्हें ठीक करना था। हमने उन टंकियों और कनेक्शनों तक पानी पहुंचाने का काम किया, जो वे पहले ही बना चुके थे। शायद इसीलिए कनेक्शनों के मामले में हमारी प्रगति धीमी दिख रही है लेकिन आज हम बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। अगर गांवों की बात करें, तो हमने प्रति वर्ष लगभग 5 हजार गांवों को जोड़ा है, यानी हमने इन दो बरसों में 10 हजार गांवों को जोड़ा है, जबकि वे प्रतिवर्ष केवल 4,000 गांव ही जोड़ पाए थे। अब हमारी प्रगति बहुत अधिक है। बजट और खर्च के मामले में भी हमने पहले से ज्यादा खर्च किया है।
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केंद्र सरकार ने भी फंड रोक दिया था और भ्रष्टाचार पर असंतोष जताया था?
निश्चित रूप से, अनियमितताओं को देखते हुए केंद्र सरकार के पास असंतुष्ट होने के पूरे कारण थे। अब चूंकि लापरवाहियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और रिपोर्ट दर्ज की जा रही है, केंद्र सरकार हमसे संतुष्ट है और भविष्य में फंड उपलब्ध कराएगी।
अमृत 2.0 योजना 2026 तक पूरी होनी है लेकिन इसमें भी देरी हो रही है?
इसमें देरी इसलिए हुई क्योंकि मूल डीपीआर और काम सही तरीके से नहीं किया गया था। हमने दोबारा सर्वे कराया है। इसमें समय लग सकता है, लेकिन हम चाहते हैं कि जनता के पैसे का सही उपयोग हो। इसीलिए इसमें समय लगा। हम अगले दो वर्षों में अमृत 2.0 योजना को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
आप जानते हैं कि पानी कितना महत्वपूर्ण है और लोगों की स्थिति क्या है। क्या यह सिर्फ कागजी कार्रवाई होगी या सरकार वास्तव में काम करेगी और लोगों की इस समस्या का समाधान करेगी?
यह कोई कागजी कार्रवाई नहीं है। अगर आप पिछले दो साल देखें, तो आपको लोग पानी के लिए सड़कें जाम करते या मटके फोड़ते नहीं दिखेंगे, जैसा पहले होता था। यह दर्शाता है कि हम काम में सुधार कर रहे हैं।
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यह समस्या कब तक हल हो जाएगी? आपने कहा कि इसमें दो साल और लगेंगे?
निश्चित रूप से इसमें दो साल और लगेंगे।
किसलिए दो साल और? दो साल बीत चुके हैं और दो साल की और जरूरत है?
शेष कनेक्शनों को पूरा करने, हर घर तक पानी पहुंचाने और बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इतना समय लगेगा।
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