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खनन परियोजना का विरोध: अब सरकार के 1700 करोड़ के एमओयू का क्या? ग्रामीणों ने सांसद खेल महोत्सव से किया बॉयकॉट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिरोही
Published by: सिरोही ब्यूरो
Updated Fri, 07 Nov 2025 05:35 PM IST
सार
सिरोही जिले के पिंडवाड़ा उपखंड क्षेत्र में प्रस्तावित 1700 करोड़ रुपये की खनन परियोजना को लेकर ग्रामीणों में व्याप्त नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रहे है। ग्रामीण परियोजना को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर।
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सिरोही। प्रस्तावित खनन परियोजना का विरोध ग्रामीणों ने उठाया बड़ा कदम।
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विस्तार
सिरोही में 1700 करोड़ रुपये की खनन परियोजना का अब क्या होगा? गुरुवार को प्रभावित ग्रामीणों ने भीमाना गांव में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर और वाटेरा, भीमाना एवं भारजा में सांसद खेल महोत्सव का बहिष्कार किया। सूचना मिलने पर क्षेत्रीय विधायक समाराम गरासिया यहां पहुंचे तथा ग्रामीणों की समझाईस कर हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया है।
गौरतलब है कि पिंडवाड़ा उपखंड के विभिन्न गांवों में चूना पत्थर खनन परियोजना प्रस्तावित है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह परियोजना खेती, पर्यावरण और जलस्रोतों के लिए विनाशकारी साबित होगी। ऐसे में जब तक यह प्रस्तावित खनन परियोजना पूर्ण रूप से निरस्त नहीं किया जाएगा। तब तक हर राजकीय कार्यक्रम का बहिष्कार जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री से मुलाकात की तैयारी
सूचना मिलते ही विधायक समाराम गरासिया, उपखंड अधिकारी नरेंद्र कुमार एवं तहसीलदार शंकरलाल परिहार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से संवाद कर उन्हें समझाइस की। विधायक गरासिया ने ग्रामीणों को 10 नवंबर के बाद प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि “वर्तमान में चुनावी व्यस्तताओं के चलते मुख्यमंत्री से समय नहीं मिल पाया है, लेकिन जल्द ही इस मामले को सर्वोच्च स्तर पर रखा जाएगा।
ग्रामीणों की परियोजना पूर्ण रूप से निरस्त करवाने की मांग
बैठक में ग्रामीणों ने विधायक के समक्ष एक ही स्वर में कहा है “हमारी एक ही मांग है यह प्रस्तावित खनन परियोजना रद्द हो। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार इस परियोजना को निरस्त करवाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालयों से संवाद करे, ताकि पर्यावरणीय स्वीकृति जारी न हो सके। इसके साथ ही ग्रामीणों ने जनसुनवाई की प्रक्रिया को ही निरस्त करने और सरकार द्वारा कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग रखी।
साथ ही राज्य सरकार द्वारा कंपनी के साथ 1700 करोड़ रुपये के एमओयू को तत्काल निरस्त करने की भी मांग रखी। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान जनभावनाओं के अनुरूप क्षेत्रहित की बात रखी जाएगी और उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वह जनता के साथ है। इस दौरान भाजपा नेता भुवनेश राजपुरोहित जिला महामंत्री नरपत सिंह राणावत, और भीमाना प्रशासक हेमेंद्र सिंह भी मौजूद रहें।
ये भी पढ़ें- खोए हुए 60 फोन जब्त: 60 दिन और 6 राज्यों में चली विशेष खोजबीन, पुलिस टीम ने जब मालिकों सौंपा तो खिल उठे चेहरे
ग्रामीणों ने सांसद लुंबाराम चौधरी पर दागा सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के सांसद लुंबाराम चौधरी अब तक आंदोलनरत जनता के बीच नहीं पहुंचे। जबकि दो माह से किसान, आदिवासी और आमजन सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब क्षेत्र की जनता खनन परियोजना के विरोध में संघर्षरत है और सांसद संवाद करने तक क्षेत्र में नहीं पहुंचे है इससे आमजन नाराज है। तो ऐसे में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भाग लेना जनभावनाओं के विपरीत होगा।
हालांकि, अजारी गांव के मार्कंडेश्वर धाम में भाजपा के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की जनता वहा पहुंची थी और जनप्रतिनिधियों के समक्ष आक्रोश प्रकट किया था उस दौरान सांसद वहां मौजूद थे। पर आंदोलनरत गांव में अभी तक सिरोही जालौर सांसद एक ही बार नहीं पहुंचे और न ही भीमाना धरने में और एसडीएम घेराव के दौरान जनसभा में मौजूद थे।
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गौरतलब है कि पिंडवाड़ा उपखंड के विभिन्न गांवों में चूना पत्थर खनन परियोजना प्रस्तावित है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह परियोजना खेती, पर्यावरण और जलस्रोतों के लिए विनाशकारी साबित होगी। ऐसे में जब तक यह प्रस्तावित खनन परियोजना पूर्ण रूप से निरस्त नहीं किया जाएगा। तब तक हर राजकीय कार्यक्रम का बहिष्कार जारी रहेगा।
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मुख्यमंत्री से मुलाकात की तैयारी
सूचना मिलते ही विधायक समाराम गरासिया, उपखंड अधिकारी नरेंद्र कुमार एवं तहसीलदार शंकरलाल परिहार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से संवाद कर उन्हें समझाइस की। विधायक गरासिया ने ग्रामीणों को 10 नवंबर के बाद प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि “वर्तमान में चुनावी व्यस्तताओं के चलते मुख्यमंत्री से समय नहीं मिल पाया है, लेकिन जल्द ही इस मामले को सर्वोच्च स्तर पर रखा जाएगा।
ग्रामीणों की परियोजना पूर्ण रूप से निरस्त करवाने की मांग
बैठक में ग्रामीणों ने विधायक के समक्ष एक ही स्वर में कहा है “हमारी एक ही मांग है यह प्रस्तावित खनन परियोजना रद्द हो। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार इस परियोजना को निरस्त करवाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालयों से संवाद करे, ताकि पर्यावरणीय स्वीकृति जारी न हो सके। इसके साथ ही ग्रामीणों ने जनसुनवाई की प्रक्रिया को ही निरस्त करने और सरकार द्वारा कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग रखी।
साथ ही राज्य सरकार द्वारा कंपनी के साथ 1700 करोड़ रुपये के एमओयू को तत्काल निरस्त करने की भी मांग रखी। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान जनभावनाओं के अनुरूप क्षेत्रहित की बात रखी जाएगी और उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वह जनता के साथ है। इस दौरान भाजपा नेता भुवनेश राजपुरोहित जिला महामंत्री नरपत सिंह राणावत, और भीमाना प्रशासक हेमेंद्र सिंह भी मौजूद रहें।
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ग्रामीणों ने सांसद लुंबाराम चौधरी पर दागा सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र के सांसद लुंबाराम चौधरी अब तक आंदोलनरत जनता के बीच नहीं पहुंचे। जबकि दो माह से किसान, आदिवासी और आमजन सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब क्षेत्र की जनता खनन परियोजना के विरोध में संघर्षरत है और सांसद संवाद करने तक क्षेत्र में नहीं पहुंचे है इससे आमजन नाराज है। तो ऐसे में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भाग लेना जनभावनाओं के विपरीत होगा।
हालांकि, अजारी गांव के मार्कंडेश्वर धाम में भाजपा के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की जनता वहा पहुंची थी और जनप्रतिनिधियों के समक्ष आक्रोश प्रकट किया था उस दौरान सांसद वहां मौजूद थे। पर आंदोलनरत गांव में अभी तक सिरोही जालौर सांसद एक ही बार नहीं पहुंचे और न ही भीमाना धरने में और एसडीएम घेराव के दौरान जनसभा में मौजूद थे।