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Udaipur News: सलूंबर में फर्जी कॉल सेंटर से तीन ठग पकड़े, अमेरिकियों को लोन का झांसा देकर बना रहे थे शिकार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उदयपुर
Published by: उदयपुर ब्यूरो
Updated Thu, 13 Nov 2025 10:55 AM IST
सार
जांच में पता चला कि आरोपी VoIP कॉल्स के जरिए खुद को ‘केशनेट’ कंपनी का कर्मचारी बताते और बैंकिंग डिटेल्स हासिल कर डॉलर ट्रांसफर कर लेते थे। गिरफ्तार आरोपियों में दो मिजोरम के और एक जयपुर का युवक शामिल है।
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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सलूंबर जिले में साइबर सेल और DST टीम ने देवगांव के एक होटल से तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अमेरिकी नागरिकों को सस्ता लोन दिलाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी कर रहे थे। टीम ने होटल भाग्यश्री के कमरा नंबर 107 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा। तीनों युवकों को लैपटॉप पर बैठे हुए ही पकड़ लिया।
गिरफ्तार आरोपियों में मिजोरम के आइजोल निवासी लालरामलूना (पिता लालहरुहीया), एच जोहनमगहिया (पिता जोहमिनगलिना) और जयपुर का अक्षय शर्मा शामिल हैं। कमरे की तलाशी में पुलिस को तीन लैपटॉप, चार मोबाइल, तीन ब्लूटूथ हेडफोन और एक नेट राउटर मिला, जिसे वे कॉलिंग और बैंकिंग एक्सेस के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस की जांच दिल्ली में हुए ब्लास्ट केस के दौरान इस होटल तक पहुंची थी। कुछ डिजिटल इनपुट मिलने पर जब टीम कमरे का दरवाजा खुलवाने पहुंची तो तीनों युवक विदेशों में इंटरनेट कॉल कर रहे थे। उनसे पूछताछ की गई तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और पूरा मामला खुल गया।
ठगी का तरीका भी तयशुदा था। ये लोग VoIP के जरिए अमेरिकी नागरिकों से संपर्क करते और खुद को ‘केशनेट’ कंपनी का कर्मचारी बताते। कम ब्याज पर लोन देने की पेशकश करके वे पहले सिक्योरिटी कोड के आखिरी चार अंक लेते, फिर ‘मंथली इनकम डाटा शीट’ के नाम पर और जानकारी जुटाते। बातचीत बढ़ती तो बैंक खाते का यूजर नेम और पासवर्ड तक हासिल कर लेते थे। इसके बाद खाते से डॉलर अपनी आईडी में ट्रांसफर कर उसे रुपए में बदलकर निकाल लेते थे।
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तीनों ने पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम भी बना रखे थे। लालरामलूना ‘जेक’, जोहनमगहिया ‘डेविड’ और अक्षय ‘केविन’ के नाम से कॉल करते थे। साइबर सेल अब इनके नेटवर्क, साथी और ट्रांजेक्शन की कुल रकम की जांच कर रही है। जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है ताकि यह पता चल सके कि यह गिरोह कितने समय से सक्रिय था और कितने लोगों से ठगी कर चुका है।
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गिरफ्तार आरोपियों में मिजोरम के आइजोल निवासी लालरामलूना (पिता लालहरुहीया), एच जोहनमगहिया (पिता जोहमिनगलिना) और जयपुर का अक्षय शर्मा शामिल हैं। कमरे की तलाशी में पुलिस को तीन लैपटॉप, चार मोबाइल, तीन ब्लूटूथ हेडफोन और एक नेट राउटर मिला, जिसे वे कॉलिंग और बैंकिंग एक्सेस के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।
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पुलिस की जांच दिल्ली में हुए ब्लास्ट केस के दौरान इस होटल तक पहुंची थी। कुछ डिजिटल इनपुट मिलने पर जब टीम कमरे का दरवाजा खुलवाने पहुंची तो तीनों युवक विदेशों में इंटरनेट कॉल कर रहे थे। उनसे पूछताछ की गई तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और पूरा मामला खुल गया।
ठगी का तरीका भी तयशुदा था। ये लोग VoIP के जरिए अमेरिकी नागरिकों से संपर्क करते और खुद को ‘केशनेट’ कंपनी का कर्मचारी बताते। कम ब्याज पर लोन देने की पेशकश करके वे पहले सिक्योरिटी कोड के आखिरी चार अंक लेते, फिर ‘मंथली इनकम डाटा शीट’ के नाम पर और जानकारी जुटाते। बातचीत बढ़ती तो बैंक खाते का यूजर नेम और पासवर्ड तक हासिल कर लेते थे। इसके बाद खाते से डॉलर अपनी आईडी में ट्रांसफर कर उसे रुपए में बदलकर निकाल लेते थे।
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तीनों ने पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम भी बना रखे थे। लालरामलूना ‘जेक’, जोहनमगहिया ‘डेविड’ और अक्षय ‘केविन’ के नाम से कॉल करते थे। साइबर सेल अब इनके नेटवर्क, साथी और ट्रांजेक्शन की कुल रकम की जांच कर रही है। जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है ताकि यह पता चल सके कि यह गिरोह कितने समय से सक्रिय था और कितने लोगों से ठगी कर चुका है।