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Antim Panghal: वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली अंतिम पंघल की सफलता की कहानी

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Fri, 03 Mar 2023 09:28 AM IST
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Antim Panghal Success Story First Indian Girl Win Gold in World Under 20 Wrestling Championships
अंतिम पंघल - फोटो : Twitter
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Antim Panghal Success Story: भारत की कई महिला एथलीट देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रही हैं। ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ खेलों तक में भारतीय महिला एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन कर साबित किया कि देश की महिलाएं किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं। पिछले साल वर्ल्ड अंडर 20 रेसलिंग चैंपियनशिप में एक महिला पहलवान ने भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल कर देश का मान बढ़ाया है। इस महिला पहलवान का नाम अंतिम पंघल है। अंतिम पंघल का नाम भले ही दूसरे अर्थ में आखिरी हो लेकिन वह अपने करियर में अव्वल हैं। विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में अंतिम पंघल ने 53 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया है। इस पुरस्कार के बाद वह स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गई हैं। चलिए जानते हैं भारतीय महिला पहलवान अंतिम पंघल के बारे में।

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कौन हैं अंतिम पंघल

अंतिम पंघल हरियाणा के हिसार जिले के भगाना गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम रामनिवास पंघल है और माता कृष्णा कुमारी है। वह अपने परिवार की चौथी बेटी हैं, इसलिए उनके जन्म पर माता पिता ने उनका नाम अंतिम रखा। दरअसल, उस गांव की प्रथा है कि जिस घर में बहुत सारी लड़कियों का जन्म होता है, वहां उनको काफी या अंतिम जैसे नामों से संबोधित किया जाता है। ऐसा और लड़कियां पैदा न होने की मान्यता के साथ लोग करते हैं।
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अंतिम ने भले ही आज अपने माता पिता, गांव, राज्य समेत पूरे देश का नाम रोशन किया है लेकिन उनके जन्म के समय हालात कुछ और थे। रामनिवास पंघल की पहले से तीन बेटियां थीं। परिवार एक बेटे की ख्वाहिश में था लेकिन चौथी बेटी के रूप में अंतिम का जन्म हुआ।

हालांकि गांव की प्रथा की वजह से उनका नाम अंतिम पड़ गया लेकिन उनके माता पिता ने हमेशा अपनी बेटी का समर्थन किया। अंतिन ने रेसलर बनने का सपना देखा तो पिता ने उसके सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया। अंतिम की बड़ी बहन सरिता राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी है। अंतिम और सरिता दोनों हिसार से ट्रेनिंग के लिए 20 किलोमीटर दूर जाया करती थीं। उनके पिता दोनों बेटियों को ट्रेनिंग के लिए ले जाया करते।

अंतिम का रेसलिंग करियर

कोच रौशनी देवी के नेतृत्व में अंतिम ने रेसलिंग करनी शुरू की। रामनिवास ने बेटी अंतिम को रेसलिंग सीखने के लिए भेजा। कड़ी मेहनत के बाद अंतिम पंघल ने एशिया अंडर 20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा वर्ल्ड अंडर 17 में कांस्य और एशिया अंडर 23 में सिल्वर पदक हासिल किया। महज 17 साल की उम्र में अंतिम पंघल ने जूनियर रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर भारत के लिए इतिहास रच दिया। 

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