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Shravan Purnima 2025: श्रावण पूर्णिमा पर सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए कौन से उपाय होते हैं कारगर
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sun, 03 Aug 2025 12:43 PM IST
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सार
Shravan Purnima 2025: सावन की पूर्णिमा को भगवान शिव-पार्वती,गणेश,कार्तिकेय और नंदी की पूजा करनी बेहद शुभ मानी जाती है। 09 अगस्त 2025 को श्रावण पूर्णिमा है।

सावन पूर्णिमा मे शिव आराधना का महत्व
- फोटो : adobe stock
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विस्तार
Shravan Purnima 2025: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और 09 अगस्त को इसका समापन होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण पूर्णिमा पर सावन का महीना खत्म होता है। हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन मनाया जाता है साथ ही दिन पूर्णिमा का त्योहार भी मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इसमें गंगा स्नान, दान और पूजा-पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण पूर्णिमा पर व्रत रखते हुए और गंगा स्नान करते हुए शिवजी का विशेष रूप से जलाभिषेक करने से महादेव की कृपा मिलती है। इसके साथ जीवन मे सुख-शांति और पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
अन्य पूर्णिमा में जहां भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है, लेकिन सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा-अर्चना की जाती है। इससे भक्तों को दोगुने फल की प्राप्ति होती है और इस दिन कुछ उपाय करने से हर तरह की इच्छाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा पर कौन-कौन से उपाया लाभकारी रहेगा।
शिव-पार्वती समेत परिवार की करें पूजा
सावन की पूर्णिमा को भगवान शिव-पार्वती,गणेश,कार्तिकेय और नंदी की पूजा करनी बेहद शुभ मानी जाती है। यदि आप इस दिन शिव परिवार की पूजा पंचामृत चढ़ाकर करें, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर आपके सभी कष्टों को दूर करके सभी मनोरथों को शीघ्र पूर्ण कर सकते हैं। भगवान शिव के शिवलिंग के ऊपर रुद्राभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं वहीं, शिवजी पर दूध चढ़ाने से कुंडली में चंद्र दोष मुक्ति मिलती है।
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना का महत्व
सावन पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी। इसी से प्रसन्न होकर राजा बलि ने वामन रूप में पाताल लोक में मौजूद भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी के साथ बैकुंठ विदा कर दिया। इसलिए रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा के दिन राजा बलि नाम से भी एक राखी भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के चरणों में रखना चाहिए। इससे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी से बनाएं स्वस्तिक
इस दिन मां लक्ष्मी के आगमन और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और जल का मिश्रण मिलाकर स्वास्तिक जरूर बनाएं। वही मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का तोरण लगाएं,ये शुभ और समृद्धिकारक माना गया है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके घर में धन और धान्य की कमी नहीं होने देंगी।
पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु एवं माँ लक्ष्मी की पूजा करने के लिए उत्तम तिथि है। यदि आपके घर में काफी समय से आर्थिक तंगी चल रही है या फिर कारोबार में सफलता नहीं मिल रही है तो प्रत्येक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने और पूजन करने से आपको विशेष लाभ होगा और आपके घर में धन की वृद्धि होगी। इसके अलावा भी जीवन में कोई भी परेशानी है तो वह भी विष्णुजी की कृपा से दूर हो जाएगी।
श्रावण पूर्णिमा पर करें दान
सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल आदि का दान करें। इस दिन ब्राह्मण, बहन और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा अवश्य दें। शाम के समय जल में थोड़ा कच्चा दूध,चावल और चीनी मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से आप पर चंद्रमा की सदैव कृपा बनी रहती है।

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शिव-पार्वती समेत परिवार की करें पूजा
सावन की पूर्णिमा को भगवान शिव-पार्वती,गणेश,कार्तिकेय और नंदी की पूजा करनी बेहद शुभ मानी जाती है। यदि आप इस दिन शिव परिवार की पूजा पंचामृत चढ़ाकर करें, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर आपके सभी कष्टों को दूर करके सभी मनोरथों को शीघ्र पूर्ण कर सकते हैं। भगवान शिव के शिवलिंग के ऊपर रुद्राभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं वहीं, शिवजी पर दूध चढ़ाने से कुंडली में चंद्र दोष मुक्ति मिलती है।
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मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना का महत्व
सावन पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी। इसी से प्रसन्न होकर राजा बलि ने वामन रूप में पाताल लोक में मौजूद भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी के साथ बैकुंठ विदा कर दिया। इसलिए रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा के दिन राजा बलि नाम से भी एक राखी भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के चरणों में रखना चाहिए। इससे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी से बनाएं स्वस्तिक
इस दिन मां लक्ष्मी के आगमन और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और जल का मिश्रण मिलाकर स्वास्तिक जरूर बनाएं। वही मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का तोरण लगाएं,ये शुभ और समृद्धिकारक माना गया है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके घर में धन और धान्य की कमी नहीं होने देंगी।
Sawan Purnima 2025: सावन पूर्णिमा पर करें ये 5 पवित्र दान, शिव कृपा से मिलेगा सुख-समृद्धि
सत्यनारायण की कथा का पाठ करना लाभदायीपूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु एवं माँ लक्ष्मी की पूजा करने के लिए उत्तम तिथि है। यदि आपके घर में काफी समय से आर्थिक तंगी चल रही है या फिर कारोबार में सफलता नहीं मिल रही है तो प्रत्येक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने और पूजन करने से आपको विशेष लाभ होगा और आपके घर में धन की वृद्धि होगी। इसके अलावा भी जीवन में कोई भी परेशानी है तो वह भी विष्णुजी की कृपा से दूर हो जाएगी।
श्रावण पूर्णिमा पर करें दान
सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल आदि का दान करें। इस दिन ब्राह्मण, बहन और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा अवश्य दें। शाम के समय जल में थोड़ा कच्चा दूध,चावल और चीनी मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से आप पर चंद्रमा की सदैव कृपा बनी रहती है।
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