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AIFF New President: कौन हैं बाईचुंग भूटिया को हराने वाले कल्याण चौबे? जानें टाटा एकेडमी से AIFF अध्यक्ष का सफर
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: रोहित राज
Updated Fri, 02 Sep 2022 05:17 PM IST
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सार
कल्याण चौबे 1996 में देश के मशहूर क्लब मोहन बागान में शामिल हुए थे। एक सीजन के बाद चौबे मोहन बागान कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल की टीम में शामिल हो गए। बंगाल मुंबई एफसी में शामिल होने से पहले इस गोलकीपर ने ईस्ट बंगाल के साथ दो सीजन बिताए।

कल्याण चौबे
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के 85 साल के इतिहास में पहली बार किसी पू्र्व खिलाड़ी को अध्यक्ष चुना गया है। भारत के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया को हराकर कल्याण चौबे एआईएफए के नए अध्यक्ष बने हैं। कल्याण चौबे मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के पूर्व गोलकीपर रहे हैं। 45 वर्षीय चौबे ने बाईचुंग भूटिया को 33-1 के अंतर से हराया। आइए जानते हैं भूटिया को हराने वाले कल्याण चौबे कौन हैं...

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सबसे पहले मोहन बागान से जुड़े थे कल्याण चौबे
कल्याण चौबे बहुत कम उम्र में फुटबॉल से जुड़ गए थे। वह 1989-1995 तक टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) में ट्रेनिंग समूह के दूसरे बैच का हिस्सा थे। चौबे ने टाटा अकदामी में ही फुटबॉल सीखा और फिर आगे बढ़ें। वह 1996 में देश के मशहूर क्लब मोहन बागान में शामिल हो गए। एक सीजन के बाद चौबे मोहन बागान कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल की टीम में शामिल हो गए। इस टीम के साथ ही चौबे ने अपने सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल का आनंद लिया। बंगाल मुंबई एफसी में शामिल होने से पहले इस गोलकीपर ने ईस्ट बंगाल के साथ दो सीजन बिताए।
कल्याण चौबे बहुत कम उम्र में फुटबॉल से जुड़ गए थे। वह 1989-1995 तक टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) में ट्रेनिंग समूह के दूसरे बैच का हिस्सा थे। चौबे ने टाटा अकदामी में ही फुटबॉल सीखा और फिर आगे बढ़ें। वह 1996 में देश के मशहूर क्लब मोहन बागान में शामिल हो गए। एक सीजन के बाद चौबे मोहन बागान कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल की टीम में शामिल हो गए। इस टीम के साथ ही चौबे ने अपने सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल का आनंद लिया। बंगाल मुंबई एफसी में शामिल होने से पहले इस गोलकीपर ने ईस्ट बंगाल के साथ दो सीजन बिताए।
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कल्याण चौबे ने गोवा के सालगांवकर एफसी के साथ भी कुछ समय बिताए। 2002 में उन्होंने जर्मनी के दूसरे डिवीजन की टीम कार्लजूर एससी और जर्मन क्लब वीएफआर हेइलब्रॉन के साथ ट्रेनिंग की थी। चौबे कई वर्षों तक भारत के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। वह 1999 और 2005 में सैफ चैंपियनशिप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। कोलकाता में मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के साथ चौबे ने कई घरेलू टूर्नामेंट जीते। वह 1999 में साउथ एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के भी सदस्य थे।
संन्यास के बाद फुटबॉल प्रशासन में आए
फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद कल्याण चौबे कई वर्षों से प्रशासनिक भूमिकाओं में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उन्होंने 2011 से 2013 तक मोहन बागान की अकादमी के साथ-साथ कुछ युवा विकास कार्यक्रमों के साथ काम किया। 2012 में वह कोलकाता में गोल्ज प्रोजेक्ट के समन्वयक बने। उस प्रोजेक्ट ने वंचित बच्चों की मदद की और उन्हें फुटबॉल से जोड़ा। 2015 में चौबे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और फिर उन्होंने कोलकाता के मानिकतला से चुनाव लड़ा। वह वर्तमान में उत्तर कोलकाता जिला भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
फुटबॉल से संन्यास लेने के बाद कल्याण चौबे कई वर्षों से प्रशासनिक भूमिकाओं में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उन्होंने 2011 से 2013 तक मोहन बागान की अकादमी के साथ-साथ कुछ युवा विकास कार्यक्रमों के साथ काम किया। 2012 में वह कोलकाता में गोल्ज प्रोजेक्ट के समन्वयक बने। उस प्रोजेक्ट ने वंचित बच्चों की मदद की और उन्हें फुटबॉल से जोड़ा। 2015 में चौबे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और फिर उन्होंने कोलकाता के मानिकतला से चुनाव लड़ा। वह वर्तमान में उत्तर कोलकाता जिला भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।