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Abhishek-Ronaldo: रोनाल्डो से प्रेरणा लेते हैं एशिया कप हॉकी के स्टार अभिषेक, अब है विश्व कप जीतने का सपना
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 11 Sep 2025 12:30 PM IST
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सार
अभिषेक ने बताया कि भारतीय हॉकी के दिग्गज सरदार सिंह को देखकर ही उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया था। हालांकि जब तक अभिषेक टीम में आए, तब तक सरदार सिंह रिटायर हो चुके थे।

भारतीय हॉकी टीम
- फोटो : HockeyIndia-x
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विस्तार
भारतीय हॉकी टीम के स्टार फॉरवर्ड खिलाड़ी अभिषेक ने हाल ही में हुए एशिया कप में शानदार प्रदर्शन कर भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। भारत ने फाइनल में दक्षिण कोरिया को 4-1 से हराकर न केवल खिताब जीता, बल्कि 2026 हॉकी वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई भी कर लिया। इस टूर्नामेंट में अभिषेक ने छह गोल किए और कई मौकों पर गोल बनाने में सहायक रहे। उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।

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'मुझे रोनाल्डो से मिलती है प्रेरणा'
अभिषेक ने बताया कि उनके शुरुआती कोच शमशेर दहिया, अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी के फैन हैं और चाहते थे कि अभिषेक वैसा ही खेले। लेकिन अभिषेक ने हमेशा क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अपना आदर्श माना। उन्होंने कहा, 'मैं रोनाल्डो के मैच देखता हूं और उनसे स्कोरिंग, पोजिशनिंग, टाइमिंग और शूटिंग के बारे में सीखता हूं। फुटबॉल और हॉकी दोनों ही टीम गेम हैं, और रनिंग और स्टैमिना का अहम रोल होता है। रोनाल्डो मेरी प्रेरणा हैं।'
अभिषेक ने बताया कि उनके शुरुआती कोच शमशेर दहिया, अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी के फैन हैं और चाहते थे कि अभिषेक वैसा ही खेले। लेकिन अभिषेक ने हमेशा क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अपना आदर्श माना। उन्होंने कहा, 'मैं रोनाल्डो के मैच देखता हूं और उनसे स्कोरिंग, पोजिशनिंग, टाइमिंग और शूटिंग के बारे में सीखता हूं। फुटबॉल और हॉकी दोनों ही टीम गेम हैं, और रनिंग और स्टैमिना का अहम रोल होता है। रोनाल्डो मेरी प्रेरणा हैं।'
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सरदार को देखकर शुरू हुआ हॉकी का सफर
अभिषेक ने बताया कि भारतीय हॉकी के दिग्गज सरदार सिंह को देखकर ही उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया था। हालांकि जब तक अभिषेक टीम में आए, तब तक सरदार सिंह रिटायर हो चुके थे। अपने भाई आशीष और एक दोस्त को देखकर उन्होंने पहली बार हॉकी स्टिक थामी थी। बचपन में एक बार कलाई में चोट लगने के कारण माता-पिता ने हॉकी खेलने से मना कर दिया था, लेकिन उनके कोच ने उन्हें दोबारा मैदान पर लाने में मदद की। अभिषेक आज भी अपने पहले कोच, जो हिंदी शिक्षक भी थे, से सलाह लेते हैं। उन्होंने कहा, 'शमशेर सर को भले ही आधुनिक हॉकी की ज्यादा जानकारी न हो, लेकिन वह मेरे खेल को बहुत अच्छे से समझते हैं।'
अभिषेक ने बताया कि भारतीय हॉकी के दिग्गज सरदार सिंह को देखकर ही उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया था। हालांकि जब तक अभिषेक टीम में आए, तब तक सरदार सिंह रिटायर हो चुके थे। अपने भाई आशीष और एक दोस्त को देखकर उन्होंने पहली बार हॉकी स्टिक थामी थी। बचपन में एक बार कलाई में चोट लगने के कारण माता-पिता ने हॉकी खेलने से मना कर दिया था, लेकिन उनके कोच ने उन्हें दोबारा मैदान पर लाने में मदद की। अभिषेक आज भी अपने पहले कोच, जो हिंदी शिक्षक भी थे, से सलाह लेते हैं। उन्होंने कहा, 'शमशेर सर को भले ही आधुनिक हॉकी की ज्यादा जानकारी न हो, लेकिन वह मेरे खेल को बहुत अच्छे से समझते हैं।'
'अगला लक्ष्य: विश्व कप और ओलंपिक में पदक'
पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक और हांगझोउ एशियाई खेल 2022 में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस खिलाड़ी का अगला सपना है विश्व कप जीतना। उन्होंने कहा, 'हमने 50 वर्षों से विश्व कप नहीं जीता। मुझे लगता है कि हमारी टीम में वो काबिलियत है। हमें सिर्फ निरंतरता और फिनिशिंग पर काम करना होगा।' उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी को फिर से स्वर्णिम दौर में ले जाने के लिए टीम को जीतने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि अब ओलंपिक में सिर्फ कांस्य नहीं, सोने का पदक चाहिए।
पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक और हांगझोउ एशियाई खेल 2022 में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस खिलाड़ी का अगला सपना है विश्व कप जीतना। उन्होंने कहा, 'हमने 50 वर्षों से विश्व कप नहीं जीता। मुझे लगता है कि हमारी टीम में वो काबिलियत है। हमें सिर्फ निरंतरता और फिनिशिंग पर काम करना होगा।' उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी को फिर से स्वर्णिम दौर में ले जाने के लिए टीम को जीतने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि अब ओलंपिक में सिर्फ कांस्य नहीं, सोने का पदक चाहिए।
'जश्न का तरीका: परिवार के साथ समय'
एशिया कप में जीत के बाद अभिषेक ने कोई बड़ा जश्न नहीं मनाया। उनका मानना है कि परिवार के साथ समय बिताना ही सबसे बड़ा जश्न है। उन्होंने कहा, 'टूर्नामेंट में परिवार नहीं आ पाया क्योंकि भाभी मां बनने वाली हैं। लौटने के बाद हमने सबने मिलकर डिनर किया। यही मेरे लिए जश्न जैसा था।'
एशिया कप में जीत के बाद अभिषेक ने कोई बड़ा जश्न नहीं मनाया। उनका मानना है कि परिवार के साथ समय बिताना ही सबसे बड़ा जश्न है। उन्होंने कहा, 'टूर्नामेंट में परिवार नहीं आ पाया क्योंकि भाभी मां बनने वाली हैं। लौटने के बाद हमने सबने मिलकर डिनर किया। यही मेरे लिए जश्न जैसा था।'
पीएनबी में मैनेजर और भारत के लिए 48 गोल
अभिषेक इस समय पंजाब नेशनल बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अब तक भारत के लिए 113 मैचों में 48 गोल किए हैं। उन्होंने कहा, 'अब विश्व कप की तैयारी के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है। मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैं बेसिक्स को सुधारने पर काम कर रहा हूं।'
अभिषेक इस समय पंजाब नेशनल बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अब तक भारत के लिए 113 मैचों में 48 गोल किए हैं। उन्होंने कहा, 'अब विश्व कप की तैयारी के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है। मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैं बेसिक्स को सुधारने पर काम कर रहा हूं।'