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Youth Asian Games: भारोत्तोलक प्रीतिस्मिता ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, युवा एशियाई खेलों में जीता स्वर्ण पदक
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, मनामा
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Mon, 27 Oct 2025 08:28 AM IST
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सार
प्रीतिस्मिता की स्नैच की दो लिफ्ट अगर विफल नहीं हुई होतीं तो उनका कुल वजन ज्यादा होता। स्नैच में वह पहली ही लिफ्ट में सफल हो सकीं, उन्होंने इसकी भरपाई क्लीन एंड जर्क में पूरी कर ली और 87, 90 और 92 की तीन लिफ्ट उठाईं।
प्रीतिस्मिता भोई
- फोटो : @GovernorOdisha
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विस्तार
भारतीय भारोत्तोलक प्रीतिस्मिता भोई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई यूथ खेलों में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इन खेलों में देश को तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया है। प्रीतिस्मिता ने क्लीन एंड जर्क और कुल वजन में यूथ का विश्व रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 44 किलो भार वर्ग में 158 किलो वजन उठाते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने स्नैच में 66 और और क्लीन एंड जर्क में 92 किलो वजन उठाया। राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली प्रीतिस्मिता ने 150 किलो वजन उठाया।
प्रीतिस्मिता की स्नैच की दो लिफ्ट अगर विफल नहीं हुई होतीं तो उनका कुल वजन ज्यादा होता। स्नैच में वह पहली ही लिफ्ट में सफल हो सकीं, उन्होंने इसकी भरपाई क्लीन एंड जर्क में पूरी कर ली और 87, 90 और 92 की तीन लिफ्ट उठाईं।
दो वर्ष की आयु में पिता को खोया, मां ने दिया साथ
मोदीनगर में भारतीय टीम के मुख्य प्रशिक्षक विजय शर्मा के संरक्षण में तैयारियां कर रहीं प्रीतिस्मिता जब दो वर्ष की थीं तब उनके पिता का निधन हो गया था। उनका और उनकी बड़ी बहन का लालन-पालन उनकी मां ने किया। दोनों एथलेटिक्स करती थीं। वेटलिफ्टिंग कोच गोपाल दास ने दोनों को मां से वेटलिफ्टिंग में उतारने का अनुरोध किया। मां तैयार नहीं थीं, लेकिन कोच के समझाने पर वह राजी हुईं। प्रीतिस्मिता बीते वर्ष 40 भार वर्ग में विश्व यूथ चैंपियनशिप में भी स्वर्ण जीत चुकी हैं।
प्रीतिस्मिता की स्नैच की दो लिफ्ट अगर विफल नहीं हुई होतीं तो उनका कुल वजन ज्यादा होता। स्नैच में वह पहली ही लिफ्ट में सफल हो सकीं, उन्होंने इसकी भरपाई क्लीन एंड जर्क में पूरी कर ली और 87, 90 और 92 की तीन लिफ्ट उठाईं।
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दो वर्ष की आयु में पिता को खोया, मां ने दिया साथ
मोदीनगर में भारतीय टीम के मुख्य प्रशिक्षक विजय शर्मा के संरक्षण में तैयारियां कर रहीं प्रीतिस्मिता जब दो वर्ष की थीं तब उनके पिता का निधन हो गया था। उनका और उनकी बड़ी बहन का लालन-पालन उनकी मां ने किया। दोनों एथलेटिक्स करती थीं। वेटलिफ्टिंग कोच गोपाल दास ने दोनों को मां से वेटलिफ्टिंग में उतारने का अनुरोध किया। मां तैयार नहीं थीं, लेकिन कोच के समझाने पर वह राजी हुईं। प्रीतिस्मिता बीते वर्ष 40 भार वर्ग में विश्व यूथ चैंपियनशिप में भी स्वर्ण जीत चुकी हैं।