Tech Explained: क्या Fast Charging सच में बिगाड़ देती है फोन की Battery? जानिए पूरी सच्चाई
Fast Charing Battery Health: स्मार्टफोन कंपनियां आज 33W से लेकर 150W तक की फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी पेश कर रही हैं, लेकिन इसके साथ एक सवाल हमेशा उठता है कि क्या तेज चार्जिंग बैटरी हेल्थ को खराब कर देती है? आइए जानते हैं क्या है सच्चाई...
विस्तार
आज के दौर में स्मार्टफोन कंपनियां 33W से लेकर 150W तक की फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी पेश कर रही हैं। कुछ ब्रांड तो 10 मिनट में फोन को 100% चार्ज करने का दावा भी करते हैं। हालांकि, कई टेक एक्सपर्ट्स दावा करते हैं कि कंपनियां तो फास्ट चार्जिंग दे रही हैं, लेकिन इससे बैटरी को नुकसान होता है। ऐसे में यूजर्स के मन में भी ये सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या फास्ट चार्जिंग बैटरी की लाइफ कम कर देती है? क्या फोन जल्दी खराब होने लगता है? इस सवाल का जवाब सीधा नहीं, लेकिन साइंस और टेक एक्सपर्ट्स की राय हमें एक स्पष्ट तस्वीर दिखाती है।
Fast Charging कैसे काम करती है?
फास्ट चार्जिंग से बैटरी जल्दी खराब होता है या नहीं, ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि फास्ट चार्जिंग काम कैसे करता है। दरअसल, फास्ट चार्जिंग में बैटरी में ज्यादा वॉट का पावर इनपुट भेजकर उसे तेजी से चार्ज किया जाता है। इसके लिए हाई-वोल्टेज चार्जर, बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) और थर्मल कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल होता है। फोन का सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर मिलकर यह तय करता है कि बैटरी कितना पावर सुरक्षित रूप से संभाल सकती है।
क्या इससे Battery पर असर पड़ता है?
हां, कुछ हद तक असर पड़ता है, लेकिन उतना नहीं जितना लोग सोचते हैं। एक लिथियम-आयन बैटरी की सबसे बड़ी दुश्मन हीट (गर्मी) होती है। फास्ट चार्जिंग के दौरान बैटरी में हीट ज्यादा और तेजी से बनती है और यही गर्मी धीरे-धीरे बैटरी की हेल्थ घटाने का कारण बनती है।
लेकिन आधुनिक Fast Charging सिस्टम हीट को कंट्रोल करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। इनमें हीट डिसिपेशन चैम्बर, ग्रेफाइट लेयर्ड बैटरी और AI बेस्ड चार्जिंग ऑप्टिमाइजेशन दिया जाता है जिससे बैटरी को सीधा नुकसान कम होता है।
क्या Battery जल्दी खराब होने लगती है?
सीधे शब्दों में कहें तो हा, थोड़ा बहुत फर्क पड़ता है। फास्ट चार्जिंग से बैटरी के चार्ज साइकल तेजी से खत्म होते हैं। एक बैटरी आमतौर पर 500 से 800 साइकल चलती है।
फास्ट चार्जिंग का लगातार इस्तेमाल बैटरी की डेग्रेडेशन रेट बढ़ा सकता है, यानी बैटरी हेल्थ साल-दो साल में थोड़ा जल्दी गिरने लगती है। लेकिन अंतर इतना बड़ा नहीं होता कि फोन 1–2 साल में बेकार हो जाए।
कंपनियों का दावा- फास्ट चार्जिंग सुरक्षित
Smartphone कंपनियां दावा करती हैं कि उनकी फास्ट चार्जिंग पूरी तरह सुरक्षित है। जैसे Xiaomi 120W फास्ट चार्जिंग के लिए 800 साइकल के बाद भी 80% बैटरी हेल्थ का दावा करती है।
वहीं, OnePlus और Oppo सुपरवूक (SuperVOOC) में अलग बैटरी सेल और इंटरनल कंट्रोल यूनिट का उपयोग करती हैं। Apple भी iPhones में हाई-टेम्परेचर प्रोटेक्शन देता है। ये सारे फीचर्स बैटरी लाइफ को अधिक समय तक सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
कब Fast Charging नुकसान करती है?
- फास्ट चार्जिंग का सबसे ज्यादा नुकसान तब होता है जब फोन गर्म माहौल में चार्ज किया जाए।
- जब आप गेम खेलते हुए या वीडियो कॉलिंग करते हुए फोन चार्ज करते हैं तब भी बैटरी ज्यादा गर्म होती है।
- बार-बार 100% तक फास्ट चार्ज करने पर भी बैटरी की लाइफ पर असर पड़ता है।
नुकसान को कैसे कम करें?
- 30% से 80% तक चार्ज रखें।
- फास्ट चार्जिंग सिर्फ जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें।
- रात भर फास्ट चार्जिंग न करें।
- फोन को चार्ज करते समय भारी एप्स न चलाएं।
- जेन्युइन कंपनी वाला चार्जर ही इस्तेमाल करें।
- बहुत गर्म जगह पर चार्जिंग न करें।
- अगर फोन बेहद गर्म हो जाए तो चार्जिंग तुरंत निकाल दें।