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ISRO CMS-03: इसरो के सबसे भारी सैटेलाइट का क्या होगा काम? 2 नवंबर को भरेगा उड़ान
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 27 Oct 2025 01:52 PM IST
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सार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 अब लॉन्च के लिए तैयार है। यह मिशन 2 नवंबर 2025 को श्रीहरिकोटा से LVM3 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जो देश की डिजिटल कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगा।
इसरो सैटेलाइट (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : isro/एक्स
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विस्तार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। संगठन ने घोषणा की है कि भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 आगामी 2 नवंबर 2025 को लॉन्च किया जाएगा। यह लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी।
CMS-03 सैटेलाइट को LVM3 रॉकेट के जरिए कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह LVM3 की पांचवीं ऑपरेशनल उड़ान होगी। इस मिशन को भारत की डिजिटल कनेक्टिविटी को अंतरिक्ष से मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट
ISRO के मुताबिक, CMS-03 का वजन करीब 4,400 किलोग्राम है, जो इसे भारत में लॉन्च होने वाला सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट बनाता है। यह मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट भारत के मुख्य भूभाग और आसपास के समुद्री क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करेगा। इस सैटेलाइट का उद्देश्य बेहतर नेटवर्क कवरेज, तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई मजबूती देना है।
CMS-03 सैटेलाइट को LVM3 रॉकेट के जरिए कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह LVM3 की पांचवीं ऑपरेशनल उड़ान होगी। इस मिशन को भारत की डिजिटल कनेक्टिविटी को अंतरिक्ष से मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट
ISRO के मुताबिक, CMS-03 का वजन करीब 4,400 किलोग्राम है, जो इसे भारत में लॉन्च होने वाला सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट बनाता है। यह मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट भारत के मुख्य भूभाग और आसपास के समुद्री क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करेगा। इस सैटेलाइट का उद्देश्य बेहतर नेटवर्क कवरेज, तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई मजबूती देना है।
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Adobe Stock
दूरदराज इलाकों तक पहुंचेगी हाई-स्पीड कनेक्टिविटी
CMS-03 सैटेलाइट के सक्रिय होने के बाद, देश के नागरिक, रणनीतिक और समुद्री उपयोगकर्ता सभी को उन्नत संचार सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह मिशन भारत की डिजिटल पहुंच को दूरदराज के इलाकों तक बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही, LVM3 रॉकेट की क्षमता एक बार फिर साबित होगी कि यह भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक भेजने में सक्षम है।
चंद्रयान-3 के बाद LVM3 का अगला मिशन
LVM3 रॉकेट ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के साथ वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन किया था। अब यही रॉकेट CMS-03 को अंतरिक्ष में पहुंचाने की तैयारी में है। लॉन्च से पहले फ्यूलिंग, चेकआउट और अंतिम रिहर्सल्स तेजी से चल रही हैं। ISRO के इस मिशन से न केवल भारत की संचार क्षमताएं बढ़ेंगी, बल्कि यह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई दिशा भी देगा।
CMS-03 सैटेलाइट के सक्रिय होने के बाद, देश के नागरिक, रणनीतिक और समुद्री उपयोगकर्ता सभी को उन्नत संचार सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह मिशन भारत की डिजिटल पहुंच को दूरदराज के इलाकों तक बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही, LVM3 रॉकेट की क्षमता एक बार फिर साबित होगी कि यह भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक भेजने में सक्षम है।
चंद्रयान-3 के बाद LVM3 का अगला मिशन
LVM3 रॉकेट ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के साथ वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन किया था। अब यही रॉकेट CMS-03 को अंतरिक्ष में पहुंचाने की तैयारी में है। लॉन्च से पहले फ्यूलिंग, चेकआउट और अंतिम रिहर्सल्स तेजी से चल रही हैं। ISRO के इस मिशन से न केवल भारत की संचार क्षमताएं बढ़ेंगी, बल्कि यह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई दिशा भी देगा।