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eSIM: क्या खत्म होने वाला है सिम कार्ड का दौर, Samsung से लेकर Apple तक, eSIM पर क्यों शिफ्ट हो रहे फोन्स?
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 16 Sep 2025 02:15 PM IST
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सार
eSIM Technology: हाल ही में Apple ने अपने नए iPhone Air को बिना सिम कार्ड स्लॉट के पेश किया है। यह फोन सिर्फ eSIM पर काम करेगा। इसके साथ ही सवाल उठने लगा है कि क्या अब फिजिकल सिम कार्ड का सफर खत्म होने वाला है? आइए जानते हैं कंपनियां तेजी से eSIM टेक्नोलॉजी क्यों अपना रही हैं।

जानिए eSIM के फायदे
- फोटो : AI
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विस्तार
क्या आने वाले समय में हमें प्लास्टिक वाले छोटे-छोटे सिम कार्ड भूलने पड़ेंगे? Apple ने पिछले हफ्ते अपने सबसे पतले iPhone Air को लॉन्च करके इस सवाल को और मजबूत कर दिया है। खास बात यह है कि यह फोन केवल eSIM सपोर्ट के साथ आता है।
शुरूआत से ही हम फोन में सिम कार्ड डालकर नेटवर्क से कनेक्ट होते रहे हैं। लेकिन अब iPhone Air खरीदने वालों को अब सिम ट्रे की जरूरत नहीं पड़ेगी। eSIM का फायदा यह है कि यूजर बिना किसी कार्ड बदले ही अलग-अलग नेटवर्क और प्लान इस्तेमाल कर सकते हैं।
eSIM की ओर बढ़ रही कंपनियां
Apple के नए iPhone Air में सिर्फ eSIM की सुविधा दी गई है। यह दुनिया का पहला ग्लोबल मॉडल है जो पूरी तरह eSIM पर आधारित है। हालांकि, अमेरिका में 2022 से ही सिर्फ eSIM वाले iPhone मिल रहे हैं। अमेरिका में iPhone 14 और उसके बाद लॉन्च हुए सभी मॉडल केवल eSIM सपोर्ट के साथ आते हैं। 2022 में iPhone 14 सीरीज पेश करते समय Apple ने eSIM को अधिक सुरक्षित बताते हुए प्रमोट किया था। इसके अलावा iPhone 17, 17 Pro और 17 Pro Max जैसे नए मॉडल भी कई मार्केट्स में केवल eSIM सपोर्ट के साथ लॉन्च किए गए हैं।
सैमसंग की बात करें तो Samsung Galaxy S सीरीज के स्मार्टफोन्स S21, S22, S23, S24, S25 eSIM सपोर्ट के साथ आते हैं। वहीं, Z Series के तहत कंपनी Galaxy Z Fold and Z Flip को भी eSIM सपोर्ट के साथ पेश कर रही है। कंपनी कुछ Note और A-Series डिवाइस में भी eSIM का ऑप्शन दे रही है। हालांकि, कंपनियों ने प्रीमियम फोन्स से फिजिकल सिम की जरूरत को पूरी तरह से खत्म नहीं किया है। आज कल के ज्यादातर प्रीमियम स्मार्टफोन्स एक फिजिकल सिम और एक eSIM के सपोर्ट के साथ आ रहे हैं।

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शुरूआत से ही हम फोन में सिम कार्ड डालकर नेटवर्क से कनेक्ट होते रहे हैं। लेकिन अब iPhone Air खरीदने वालों को अब सिम ट्रे की जरूरत नहीं पड़ेगी। eSIM का फायदा यह है कि यूजर बिना किसी कार्ड बदले ही अलग-अलग नेटवर्क और प्लान इस्तेमाल कर सकते हैं।
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eSIM की ओर बढ़ रही कंपनियां
Apple के नए iPhone Air में सिर्फ eSIM की सुविधा दी गई है। यह दुनिया का पहला ग्लोबल मॉडल है जो पूरी तरह eSIM पर आधारित है। हालांकि, अमेरिका में 2022 से ही सिर्फ eSIM वाले iPhone मिल रहे हैं। अमेरिका में iPhone 14 और उसके बाद लॉन्च हुए सभी मॉडल केवल eSIM सपोर्ट के साथ आते हैं। 2022 में iPhone 14 सीरीज पेश करते समय Apple ने eSIM को अधिक सुरक्षित बताते हुए प्रमोट किया था। इसके अलावा iPhone 17, 17 Pro और 17 Pro Max जैसे नए मॉडल भी कई मार्केट्स में केवल eSIM सपोर्ट के साथ लॉन्च किए गए हैं।
सैमसंग की बात करें तो Samsung Galaxy S सीरीज के स्मार्टफोन्स S21, S22, S23, S24, S25 eSIM सपोर्ट के साथ आते हैं। वहीं, Z Series के तहत कंपनी Galaxy Z Fold and Z Flip को भी eSIM सपोर्ट के साथ पेश कर रही है। कंपनी कुछ Note और A-Series डिवाइस में भी eSIM का ऑप्शन दे रही है। हालांकि, कंपनियों ने प्रीमियम फोन्स से फिजिकल सिम की जरूरत को पूरी तरह से खत्म नहीं किया है। आज कल के ज्यादातर प्रीमियम स्मार्टफोन्स एक फिजिकल सिम और एक eSIM के सपोर्ट के साथ आ रहे हैं।

eSIM स्मार्ट डिवाइसेज में भी ले रहा जगह
- फोटो : AI
eSIM के फायदे बनाते हैं इसे खास
सीसीएस इनसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में करीब 103 करोड़ eSIM आधारित स्मार्टफोन इस्तेमाल में थे। अनुमान है कि 2030 तक यह संख्या 301 करोड़ तक पहुंच सकती है। यानी धीरे-धीरे दुनिया मोबाइल कनेक्टिविटी के इस नए तरीके को अपना रही है। स्मार्टफोन कंपनियां तेजी से eSIM (Embedded SIM) की ओर बढ़ रही हैं। इसके पीछे कई बड़े कारण हैं, जिन्हें समझना जरूरी है:
1. जगह की बचत
हर स्मार्टफोन के अंदर बहुत सीमित जगह होती है। जब फोन में सिम कार्ड ट्रे और उसका स्लॉट दिया जाता है तो वह काफी स्पेस लेता है। eSIM चिप सीधे फोन के मदरबोर्ड पर लगी होती है, जिससे सिम स्लॉट और ट्रे की जरूरत खत्म हो जाती है। इस बची हुई जगह का इस्तेमाल कंपनियां बड़ी बैटरी, ज्यादा पावरफुल कैमरा सेंसर, या नई हार्डवेयर तकनीक जोड़ने में कर सकती हैं।
2. बेहतर डिज़ाइन और टिकाऊपन
सिम ट्रे हटने से फोन ज्यादा कॉम्पैक्ट और स्लिम बन जाता है। साथ ही, फोन में कम खुले पोर्ट होने से उसमें पानी और धूल घुसने की संभावना कम हो जाती है। यानी फोन की वॉटरप्रूफिंग और डस्ट रेसिस्टेंस क्षमता बेहतर हो जाती है। यही कारण है कि प्रीमियम फोन अब eSIM पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।
3. सुविधाजनक नेटवर्क स्विचिंग
फिजिकल सिम कार्ड बदलने के लिए यूजर को फोन से ट्रे निकालकर नया कार्ड डालना पड़ता है। eSIM में ये झंझट नहीं है। आप फोन की सेटिंग में जाकर कुछ क्लिक में ही नेटवर्क बदल सकते हैं या नया प्लान एक्टिवेट कर सकते हैं। कई फोन में एक साथ एक से ज्यादा eSIM प्रोफाइल सेव करने की सुविधा होती है, जिससे यूजर आसानी से नंबर बदल सकता है।
4. ग्लोबल कनेक्टिविटी
विदेश यात्रा करने वालों के लिए eSIM सबसे ज्यादा फायदेमंद है। पहले लोकल नेटवर्क इस्तेमाल करने के लिए नया फिजिकल सिम खरीदना पड़ता था, लेकिन अब eSIM के जरिए आप ऑनलाइन ही लोकल प्लान एक्टिवेट कर सकते हैं। इससे रोमिंग चार्ज से बचत होती है और यूजर तुरंत नेटवर्क इस्तेमाल कर सकता है।
5. पर्यावरण के लिए अच्छा
हर साल दुनिया भर में अरबों प्लास्टिक सिम कार्ड बनते और फेंके जाते हैं। इससे प्लास्टिक वेस्ट बढ़ता है। eSIM से इस प्लास्टिक कार्ड की जरूरत ही खत्म हो जाएगी। यानी यह कदम सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी और ग्रीन इनिशिएटिव की दिशा में बहुत अहम है।
6. फ्यूचर-रेडी टेक्नोलॉजी
eSIM सिर्फ स्मार्टफोन के लिए ही नहीं, बल्कि स्मार्टवॉच, टैबलेट, लैपटॉप और आने वाले IoT डिवाइस (जैसे स्मार्ट कार, स्मार्ट गैजेट्स) के लिए भी जरूरी है। आने वाले समय में जब 5G और 6G नेटवर्क पूरी तरह आम होंगे, तब eSIM तकनीक और भी कारगर साबित होगी। यही वजह है कि कंपनियां धीरे-धीरे इसे नए स्टैंडर्ड के रूप में आगे बढ़ा रही हैं।
फिलहाल eSIM की टेक्नोलॉजी केवल महंगे और प्रीमियम स्मार्टफोन्स तक ही सीमित है। लेकिन जिस तरह कंपनियां इस टेक्नोलॉजी पर जोर दे रही हैं, यह कहना गलत नहीं होगा कि स्मार्टफोन्स को अधिक सुविधाजनक बनाने के प्रयास में इस टेक्नोलॉजी का उपयोग सस्ते फोन्स में भी किया जाएगा। हालांकि, बदलाव हमेशा आसान नहीं होता। खासकर बुजुर्ग और टेक्नोलॉजी से कम परिचित लोग इसे तुरंत अपनाने में हिचक सकते हैं। यही वजह है कि टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को eSIM इस्तेमाल करना सिखाने पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
सीसीएस इनसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में करीब 103 करोड़ eSIM आधारित स्मार्टफोन इस्तेमाल में थे। अनुमान है कि 2030 तक यह संख्या 301 करोड़ तक पहुंच सकती है। यानी धीरे-धीरे दुनिया मोबाइल कनेक्टिविटी के इस नए तरीके को अपना रही है। स्मार्टफोन कंपनियां तेजी से eSIM (Embedded SIM) की ओर बढ़ रही हैं। इसके पीछे कई बड़े कारण हैं, जिन्हें समझना जरूरी है:
1. जगह की बचत
हर स्मार्टफोन के अंदर बहुत सीमित जगह होती है। जब फोन में सिम कार्ड ट्रे और उसका स्लॉट दिया जाता है तो वह काफी स्पेस लेता है। eSIM चिप सीधे फोन के मदरबोर्ड पर लगी होती है, जिससे सिम स्लॉट और ट्रे की जरूरत खत्म हो जाती है। इस बची हुई जगह का इस्तेमाल कंपनियां बड़ी बैटरी, ज्यादा पावरफुल कैमरा सेंसर, या नई हार्डवेयर तकनीक जोड़ने में कर सकती हैं।
2. बेहतर डिज़ाइन और टिकाऊपन
सिम ट्रे हटने से फोन ज्यादा कॉम्पैक्ट और स्लिम बन जाता है। साथ ही, फोन में कम खुले पोर्ट होने से उसमें पानी और धूल घुसने की संभावना कम हो जाती है। यानी फोन की वॉटरप्रूफिंग और डस्ट रेसिस्टेंस क्षमता बेहतर हो जाती है। यही कारण है कि प्रीमियम फोन अब eSIM पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।
3. सुविधाजनक नेटवर्क स्विचिंग
फिजिकल सिम कार्ड बदलने के लिए यूजर को फोन से ट्रे निकालकर नया कार्ड डालना पड़ता है। eSIM में ये झंझट नहीं है। आप फोन की सेटिंग में जाकर कुछ क्लिक में ही नेटवर्क बदल सकते हैं या नया प्लान एक्टिवेट कर सकते हैं। कई फोन में एक साथ एक से ज्यादा eSIM प्रोफाइल सेव करने की सुविधा होती है, जिससे यूजर आसानी से नंबर बदल सकता है।
4. ग्लोबल कनेक्टिविटी
विदेश यात्रा करने वालों के लिए eSIM सबसे ज्यादा फायदेमंद है। पहले लोकल नेटवर्क इस्तेमाल करने के लिए नया फिजिकल सिम खरीदना पड़ता था, लेकिन अब eSIM के जरिए आप ऑनलाइन ही लोकल प्लान एक्टिवेट कर सकते हैं। इससे रोमिंग चार्ज से बचत होती है और यूजर तुरंत नेटवर्क इस्तेमाल कर सकता है।
5. पर्यावरण के लिए अच्छा
हर साल दुनिया भर में अरबों प्लास्टिक सिम कार्ड बनते और फेंके जाते हैं। इससे प्लास्टिक वेस्ट बढ़ता है। eSIM से इस प्लास्टिक कार्ड की जरूरत ही खत्म हो जाएगी। यानी यह कदम सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी और ग्रीन इनिशिएटिव की दिशा में बहुत अहम है।
6. फ्यूचर-रेडी टेक्नोलॉजी
eSIM सिर्फ स्मार्टफोन के लिए ही नहीं, बल्कि स्मार्टवॉच, टैबलेट, लैपटॉप और आने वाले IoT डिवाइस (जैसे स्मार्ट कार, स्मार्ट गैजेट्स) के लिए भी जरूरी है। आने वाले समय में जब 5G और 6G नेटवर्क पूरी तरह आम होंगे, तब eSIM तकनीक और भी कारगर साबित होगी। यही वजह है कि कंपनियां धीरे-धीरे इसे नए स्टैंडर्ड के रूप में आगे बढ़ा रही हैं।
फिलहाल eSIM की टेक्नोलॉजी केवल महंगे और प्रीमियम स्मार्टफोन्स तक ही सीमित है। लेकिन जिस तरह कंपनियां इस टेक्नोलॉजी पर जोर दे रही हैं, यह कहना गलत नहीं होगा कि स्मार्टफोन्स को अधिक सुविधाजनक बनाने के प्रयास में इस टेक्नोलॉजी का उपयोग सस्ते फोन्स में भी किया जाएगा। हालांकि, बदलाव हमेशा आसान नहीं होता। खासकर बुजुर्ग और टेक्नोलॉजी से कम परिचित लोग इसे तुरंत अपनाने में हिचक सकते हैं। यही वजह है कि टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को eSIM इस्तेमाल करना सिखाने पर ज्यादा ध्यान देना होगा।