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UPPSC: कोरोना वायरस की भेंट चढ़ी आरओ/एआरओ परीक्षा
news desk amar ujala, prayagraj
Published by: अमर उजाला लोकल ब्यूरो
Updated Thu, 09 Apr 2020 12:32 PM IST
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यूपीपीएससी
- फोटो : अमर उजाला
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विवादों के कारण निरस्त हुई आरओ/आरओ-2016 प्रारंभिक परीक्षा कोरोना वायरस भेंट चढ़ गई है। लॉक डाउन के कारण उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में कामकाज ठप पड़ा हुआ है।
तीन मई को प्रस्तावित परीक्षा फिलहाल टल गई है।। आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर 2016 को आयोजित की गई थी। यह परीक्षा 21 जिलों के 827 केंद्रों में आयोजित की गई थी। परीक्षा के लिए कुल 385191 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से पहली पाली में 52.20 और दूसरी पाली में 52.77 फीसदी परीक्षार्थी उपस्थित हुए थे।
परीक्षा वाले दिन ही विवाद हो गया था। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि लखनऊ के एक केंद्र से पहली पाली का पेपर व्हाट्स एप पर वायरल हो गया है लेकिन आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में अभ्यर्थियों की तरफ से आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर आगे आए थे और उन्होंने लखनऊ में मुकदमा दर्ज करा दिया था।
इसके बाद मामले की सीबीसीआईडी जांच शुरू हो गई। हालांकि सीबीसीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में पेपर लीक से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। यह रिपोर्ट आने के बाद आयोग ने ढाई साल बाद जुलाई 2019 में प्रारंभिक परीक्षा की उत्तरकुंजी भी जारी कर दी लेकिन इसी बीच आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने न्यायालय में एक और वाद दाखिल कर दिया। मुकदमे के कारण परीक्षा परिणाम फिर फंस गया, सो आयोग ने इस विवाद को खत्म करने के लिए प्रारंभिक परीक्षा को ही निरस्त कर दिया और तीन मई 2020 को पुनः परीक्षा कराने का निर्णय लिया था।
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तीन मई को प्रस्तावित परीक्षा फिलहाल टल गई है।। आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर 2016 को आयोजित की गई थी। यह परीक्षा 21 जिलों के 827 केंद्रों में आयोजित की गई थी। परीक्षा के लिए कुल 385191 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से पहली पाली में 52.20 और दूसरी पाली में 52.77 फीसदी परीक्षार्थी उपस्थित हुए थे।
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परीक्षा वाले दिन ही विवाद हो गया था। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि लखनऊ के एक केंद्र से पहली पाली का पेपर व्हाट्स एप पर वायरल हो गया है लेकिन आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में अभ्यर्थियों की तरफ से आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर आगे आए थे और उन्होंने लखनऊ में मुकदमा दर्ज करा दिया था।
इसके बाद मामले की सीबीसीआईडी जांच शुरू हो गई। हालांकि सीबीसीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में पेपर लीक से संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। यह रिपोर्ट आने के बाद आयोग ने ढाई साल बाद जुलाई 2019 में प्रारंभिक परीक्षा की उत्तरकुंजी भी जारी कर दी लेकिन इसी बीच आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने न्यायालय में एक और वाद दाखिल कर दिया। मुकदमे के कारण परीक्षा परिणाम फिर फंस गया, सो आयोग ने इस विवाद को खत्म करने के लिए प्रारंभिक परीक्षा को ही निरस्त कर दिया और तीन मई 2020 को पुनः परीक्षा कराने का निर्णय लिया था।