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साक्ष्य के लिए जेल अधीक्षक कोर्ट में तलब
mau, bearu
Updated Sat, 05 Mar 2016 11:54 PM IST
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ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह की हत्या के मामले में शनिवार को अपर जिला जज कोर्ट नंबर तीन राजीव गोयल के कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान जेल अधीक्षक गोरखपुर शिवकुमार शर्मा रजिस्ट्रर के साथ कोर्ट में उपस्थित हुए। जिनका बचाव पक्ष के अधिवक्ता दारोगा सिंह व लियाकत अली तथा अन्य ने कोर्ट में बयान कराया। इसके बाद जेल अधीक्षक से सहायक शासकीय अधिवक्ता दयाशंकर राय ने जिरह की।
जिरह पूरी होने के बाद बचाव पक्ष से जेल अधीक्षक आनंद कुमार सिंह को तथा अभियोजन की ओर से जेल अधीक्षक मऊ को बंदी दाखिल रजिस्ट्रर-एक नवंबर 2009 के साथ तलब करने के लिए अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिया गया। जिस पर दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद एडीजे ने बचाव पक्ष की ओर से जेल अधीक्षक को तलब करने का प्रार्थना खारिज कर दिया। अभियोजन की ओर से जेल अधीक्षक मऊ को साक्ष्य के लिए तलब करने का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया। तथा साक्ष्य के लिए 16 मार्च की तिथि तय की।
मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है। ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह को लक्ष्य कर29 अगस्त 2009 को गाजीपुर तिराहे के पास हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। अजय की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि गोलियां लगने से राजेश राय व चालक शब्बीर घायल हो गए। बाद में राजेश राय की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।
घटना के बावत हरेंद्र सिंह की तहरीर पर अज्ञात हत्यारोपियों के विरुद्घ रिपोर्ट दर्ज हुई। मामले की विवेचना के बाद पुलिस ने सदर विधायक मुख्तार अंसारी, हनुमान पांडेय, संतोष सिंह, उमेश सिंह, अनुज कन्नौजिया, राजू कन्नौजिया सहित 11 लोगों के विरुद्व आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया था।
इस मामले में पत्रावली सफाई साक्ष्य के लिए कोर्ट ने शनिवार की तिथि नियत की थी।
विधायक मुख्तार अंसारी को शनिवार को अदालत में हाजिर होना था। उनकी पेशी के मद्देनजर कचहरी परिसर में सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए थे। बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। अपर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने कचहरी जाकर खुद सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया था। हालांकि जेल में बंद विधायक मुख्तार अंसारी को कोर्ट में नहीं पेश किया गया।
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जिरह पूरी होने के बाद बचाव पक्ष से जेल अधीक्षक आनंद कुमार सिंह को तथा अभियोजन की ओर से जेल अधीक्षक मऊ को बंदी दाखिल रजिस्ट्रर-एक नवंबर 2009 के साथ तलब करने के लिए अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिया गया। जिस पर दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद एडीजे ने बचाव पक्ष की ओर से जेल अधीक्षक को तलब करने का प्रार्थना खारिज कर दिया। अभियोजन की ओर से जेल अधीक्षक मऊ को साक्ष्य के लिए तलब करने का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया। तथा साक्ष्य के लिए 16 मार्च की तिथि तय की।
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मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है। ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह को लक्ष्य कर29 अगस्त 2009 को गाजीपुर तिराहे के पास हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। अजय की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि गोलियां लगने से राजेश राय व चालक शब्बीर घायल हो गए। बाद में राजेश राय की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।
घटना के बावत हरेंद्र सिंह की तहरीर पर अज्ञात हत्यारोपियों के विरुद्घ रिपोर्ट दर्ज हुई। मामले की विवेचना के बाद पुलिस ने सदर विधायक मुख्तार अंसारी, हनुमान पांडेय, संतोष सिंह, उमेश सिंह, अनुज कन्नौजिया, राजू कन्नौजिया सहित 11 लोगों के विरुद्व आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया था।
इस मामले में पत्रावली सफाई साक्ष्य के लिए कोर्ट ने शनिवार की तिथि नियत की थी।
विधायक मुख्तार अंसारी को शनिवार को अदालत में हाजिर होना था। उनकी पेशी के मद्देनजर कचहरी परिसर में सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए थे। बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। अपर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने कचहरी जाकर खुद सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया था। हालांकि जेल में बंद विधायक मुख्तार अंसारी को कोर्ट में नहीं पेश किया गया।