सावरकार एक बार फिर राजनीति में चर्चा का केन्द्र हैं। इस बार ये चर्चा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुरु की है । सावरकर को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे सावरकर ने खुद दया याचिका ब्रिटिश हुकुमत को नहीं दी थी बल्कि उन्होंने ये महात्मा गांधी के कहने पर किया था। इसके आगे सावरकार की विचारधारा को लेकर उन्होंने कहा कि सावरकर हिन्दुत्व को मानते थे पर हिन्दुवादी नेता नहीं थे। उनको विचारधारा के चश्में से देखना ठीक नहीं है।
मौका था उदय माहुरकर और चिरायु पंडित की लिखी किताब वीर सावरकर द मैन हू कैन प्रिवेेटेड पार्टिशन के विमोचन का जहां संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। एक बार फिर सावरकार को लेकर बहस छिड़ गई है देखना है ये बहस किस ओर जाती है।
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