नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि के पूजन का दिन होता है। ये रुप मां के दूसरे रुपों से बिल्कुल अलग है। मां इस रुप में गधे पर सवार होती हैं। मां कालरात्रि के लिए कहा जाता है कि जब चंड मुंड से युद्ध के लिए गई तब उन्होनें ये रुप लिया और राक्षसों का विनाश कर दिया। मां कालरात्रि का भोग गुड़ है। नवरात्रि के सातवें दिन उन्हें इसी का भोग लगता है। मां कालरात्रि को श्रृंगार स्वरुप काले नीले रंग के वस्त्र चढ़ाये जाते हैं। मां का विशेष मंत्रों से आह्वान करने पर वो बेहद प्रसन्न होती हैं। इस प्रकार नवरात्रि में मां कालरात्रि का रुप बेहद अलग होता है।
Next Article
Followed