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China: चीन के इस शहर में फिर लॉकडाउन की तैयारी, कोरोना नहीं कोई और बीमारी है इसका कारण, जानें इसके बारे में

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवेंद्र तिवारी Updated Tue, 14 Mar 2023 07:45 AM IST
सार
चीन में इन्फ्लूएंजा के मामलों में पिछले एक हफ्ते में अचानक वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा असर उत्तर-पश्चिमी शहर शीआन में देखने को मिला है।
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China: Xian likely to impose pandemic-style lockdowns as flu outbreak intensifies
चीन में फ्लू का खतरा बढ़ा - फोटो : AMAR UJALA

विस्तार
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चीन के एक शहर में फिर से लॉकडाउन लगाने की तैयारी है। दरअसल, शीआन शहर ने इन्फ्लूएंजा फैलने की स्थिति में लॉकडाउन के उपयोग पर विचार करने का एलान किया है। घोषणा के बाद लोगों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। महामारी के दौरान, चीन ने दुनिया के कुछ सबसे कड़े प्रतिबंधों को लागू किया था। कुछ शहरों में तो महीनों तक जारी रहने वाले लॉकडाउन लगाए गए थे।

H3N2 Virus
H3N2 Virus - फोटो : Istock
चीन में अभी क्या हो रहा है?
चीन में इन्फ्लूएंजा के मामलों में पिछले एक हफ्ते में अचानक वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा असर उत्तर-पश्चिमी शहर शीआन में देखने को मिला है। शीआन की आबादी लगभग 1.3 करोड़ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लगातार छह हफ्तों से पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी जारी है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा कि फ्लू की पॉजिटिवीटी रेट पिछले सप्ताह के 25.1 फीसदी से बढ़कर इस सप्ताह 41.6 फीसदी हो गया है। 

जब चीन में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, फ्लू के मामले बड़ी संख्या में लोगों को बीमार कर रहे हैं। बच्चों के बीमार पड़ने और एंटीवायरल दवा की कमी के कारण चीन भर के कई स्कूलों ने कक्षाओं को निलंबित कर दिया है। वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित शहर शीआन ने संक्रमण में वृद्धि को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है।

जियान ने ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए लॉकडाउन लगाया (file photo)
जियान ने ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए लॉकडाउन लगाया (file photo) - फोटो : agency
यह लॉकडाउन कैसा होगा?
शीआन शहर में लगने वाला लॉकडाउन ठीक वैसा ही है जैस कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इसमें स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चार चरणों में पाबंदियों को लगाने की योजना है। सामुदायिक प्रसार खतरनाक स्तर पर पहुंचने की स्थिति में लॉकडाउन लगाए जाने की बात कही गई है। हालांकि, लॉकडाउन कई मायनों में स्वैच्छिक भी होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थिति खराब होने पर शहर के अधिकारी संक्रमित क्षेत्रों को बंद कर सकते हैं, यातायात क्वारंटीन किया जा सकता है और उत्पादन और व्यावसायिक गतिविधियों को निलंबित किया जा सकता है। इसके बाद भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे शॉपिंग मॉल, थिएटर, पुस्तकालय, संग्रहालय, पर्यटन केंद्र आदि बंद होंगे।

इस आपातकालीन स्तर पर, सभी स्तरों पर स्कूलों और नर्सरी को बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा छात्रों और शिशुओं की स्वास्थ्य स्थितियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की होगी।

चीन का ध्वज
चीन का ध्वज - फोटो : पिक्साबे
क्या लॉकडाउन का विरोध भी हो रहा है?
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने सभी कोविड प्रतिबंधों को हटा दिया था। लेकिन फ्लू के प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा का अब लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से चीन की सोशल मीडिया वेबसाइटों पर कई यूजर्स के बीच चिंता और विरोध देखा गया। लोगों ने कहा कि यह लॉकडाउन सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के समान है। 

चीन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक यूजर ने लिखा, 'लॉकडाउन शुरू करने के बजाय टीकाकरण करना बेहतर होगा।' एक अन्य यूजर ने पूछा, 'राष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट निर्देश के बिना शीआन के काम और व्यावसायिक गतिविधियों को निलंबित करने का प्रस्ताव जारी किया गया, तो लोग कैसे नहीं घबराएंगे?'

शीआन शहर में कोरोना के कारण भी लगा था सख्त लॉकडाउन 
महामारी के दौरान, चीन ने दुनिया के कुछ सबसे गंभीर कोविड प्रतिबंधों को लागू किया था, जिसमें कुछ शहरों में महीनों तक चलने वाले लॉकडाउन भी शामिल थे। यह दुनिया के उन देशों में से एक था जिसने सबसे अंत में टेस्ट और सख्त क्वारंटीन जैसे उपायों को समाप्त किया था।

शीआन की बात करें तो यह दिसंबर 2021 और जनवरी 2022 के बीच एक कठोर लॉकडाउन में रहा। इस दौरान यहां के निवासियों को सप्ताह के अंत में अपने घरों तक ही सीमित रहना पड़ता था। कई लोगों के पास भोजन और अन्य आवश्यक आपूर्ति की कमी देखी गई थी। चिकित्सा सेवाएं भी प्रभावित हुईं थीं।

h3n2 influenza
h3n2 influenza - फोटो : Agency (File Photo)
क्या है H3N2 वायरस?
इन्फ्लुएंजा वायरस फ्लू की तरह ही संक्रामक बीमारी का कारण है। ये चार अलग-अलग प्रकार के होते हैं: ए, बी, सी और डी। इन्फ्लुएंजा ए को अलग-अलग उपप्रकारों में वर्गीकृत किया गया है और उनमें से एक H3N2 है। अमेरिका की संयुक्त राज्य रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, 1968 की फ्लू महामारी का कारण H3N2 ही था। तब इसके कारण दुनिया भर में लगभग दस लाख लोगों की मौत हुई थी और अकेले अमेरिका में लगभग एक लाख लोग मारे गए थे। यही इन्फ्लुएंजा इस वक्त चीन की नई मुश्किल बना हुआ है।

खतरनाक हुआ H3N2 वायरस
खतरनाक हुआ H3N2 वायरस - फोटो : अमर उजाला
क्या भारत में भी इसके मामले आ रहे हैं?
इंफ्लुएंजा के सीजनल वायरल के मामले भारत में भी दर्ज किए गए हैं। बीते शुक्रवार को कर्नाटक और हरियाणा में एच3एन2 वायरस से एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि भी हो चुकी है। इसके देखते हुए गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन संक्रमित मरीजों में गंभीरता कम है। डॉक्टरों की माने तो लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंच रहे अधिकतर मरीजों की आरटी पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव पाई जा रही है, हालांकि उन्हें खांसी, बुखार और जुकाम की शिकायत है। पहले से अस्थमा व सांस के मरीजों में सांस लेने में दिक्कत पाई जा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया - फोटो : पीटीआई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की थी समीक्षा बैठक
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार दिसंबर से मौसमी इन्फ्लूएंजा के मरीज आ रहे हैं। एच3एन2 संक्रमण का प्रसार भी बढ़ता दिखाई दिया है। मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि मार्च के अंत तक संक्रमण के प्रसार में कमी आ सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में एच3एन2 के बढ़ते मामलों को लेकर पिछले सप्ताह समीक्षा बैठक भी की थी। राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी। उन्होंने इस दौरान कहां की केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है और स्वास्थ्य उपायों के लिए तत्पर है।
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