'भारत विकास के सफर का साथी': बोत्सवाना की संसद में मुर्मू का संबोधन, दोनों देशों की साझेदारी को बताया मजबूत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बोत्सवाना यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस दौरान उन्होंने बोत्सवाना की संसद को संबोधित भी किया। जहां उन्होंने भारत को बोत्सवाना के विकास सफर भरोसेमंद साझेदार बताया। साथ ही दोनों देशों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। खास बात यह रही कि सस्ती भारतीय दवाओं की आपूर्ति और एचआईवी उपचार के लिए एआरवी दवाएं भेजने का समझौता हुआ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बोत्सवाना यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस दौरान उन्होंने बोत्सवाना की संसद को संबोधित भी किया। जहां उन्होंने भारत को बोत्सवाना के विकास सफर भरोसेमंद साझेदार बताया। साथ ही दोनों देशों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। खास बात यह रही कि सस्ती भारतीय दवाओं की आपूर्ति और एचआईवी उपचार के लिए एआरवी दवाएं भेजने का समझौता हुआ।
विस्तार
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को बोत्सवाना की राष्ट्रीय विधानसभा (नेशनल असेंबली) को संबोधित किया। संसद पहुंचने पर उनका स्वागत स्पीकर दिथापेलो एल केओरापेत्से, डिप्टी स्पीकर और विपक्ष के नेता ने किया। अपने संबोधन में मुर्मू ने बोत्सवाना की स्वतंत्रता के बाद की प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत बोत्सवाना के विकास सफर में शुरू से ही उसका विश्वसनीय साझेदार रहा है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद बोत्सवाना के मेहनती लोगों और दूरदर्शी नेताओं ने शांति, स्थिरता और समावेशी विकास के लिए समर्पित एक मजबूत राष्ट्र बनाया है। मुर्मू ने कहा कि भारत को गर्व है कि उसने बोत्सवाना की राष्ट्र-निर्माण यात्रा में प्रारंभिक सहयोगी के रूप में भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि भारत और बोत्सवाना के बीच सहयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक, कृषि, रक्षा, व्यापार और निवेश जैसे कई क्षेत्रों में फैला है।
बता दें कि यह राष्ट्रपति मुर्मू की बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा है। उन्होंने राष्ट्रपति दुमा बोकॉ से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात कर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने, रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देने पर सहमति जताई।
इन मुद्दों पर हुई बातचीत
राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि आज सुबह राष्ट्रपति बोकॉ के साथ बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। दोनों देशों ने लोकतांत्रिक मूल्यों और परस्पर सम्मान पर आधारित अपने गहरे संबंधों को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत और बोत्सवाना के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिससे बोत्सवाना के नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण भारतीय दवाएं आसानी से मिल सकेंगी। साथ ही भारत बोत्सवाना को जरूरी एआरवी दवाएं (HIV उपचार के लिए) भेजेगा।
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बोत्सवाना लोकतंत्र और सुशासन का चमकता उदाहरण- मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि बोत्सवाना लोकतंत्र, सुशासन और प्रभावी नेतृत्व का चमकता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि जब लोकतंत्र आम लोगों के कल्याण के लिए काम करता है और राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग सभी के विकास के लिए किया जाता है, तब एक देश सशक्त बनता है। उन्होंने कहा कि भारत और बोत्सवाना के रिश्ते आपसी भरोसे, सम्मान और लोकतंत्र के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। दोनों देशों की दोस्ती न केवल उनके अतीत से मजबूत हुई है, बल्कि भविष्य के उज्जवल वादों पर भी टिकी है।
भारत और बोत्सवाना का कई क्षेत्रों में सहयोग
मुर्मू ने बताया कि भारत-बोत्सवाना सहयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक, कृषि, रक्षा, व्यापार और निवेश जैसे कई क्षेत्रों में फैला है। उन्होंने कहा कि भारत को गर्व है कि वह मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण में बोत्सवाना का प्रमुख सहयोगी रहा है। पिछले एक दशक में 1,000 से ज्यादा बोत्सवाना के युवाओं ने भारत में पढ़ाई और प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने युवाओं पर जोर देते हुए कहा कि आज के युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार और उद्यम के अवसर देने की जरूरत है। इसके लिए मजबूत और पर्यावरण के अनुकूल आर्थिक विकास जरूरी है।
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बोत्सवाना में भारतीय कंपनियों की भूमिका पर जोर
मुर्मू ने यह भी बताया कि बोत्सवाना की अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों की भूमिका लगातार बढ़ रही है, खासकर हीरा उद्योग, कृषि प्रसंस्करण, दवा निर्माण, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्रों में। उन्होंने अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि भारत, इंडिया-अफ्रीका फोरम समिट जैसे मंचों के माध्यम से महाद्वीप के विकास में भागीदार बना रहेगा।
प्रोजेक्ट चीता में सहयोग के लिए कहा धन्यवाद
मुर्मू ने बोत्सवाना को भारत के ‘प्रोजेक्ट चीता’ में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि बोत्सवाना से भारत में चीता लाने की पहल हमारे वन्यजीव संरक्षण के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। हम आपके चीतों का अच्छी तरह ध्यान रखेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू इससे पहले अंगोला की यात्रा पर थीं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जोआओ लौरेन्सो से मुलाकात की और देश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ में हिस्सा लिया। उन्होंने अंगोला की संसद को भी संबोधित किया और स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, डिजिटल तकनीक और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।