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Eastern Ladakh Row: भारत की आपत्ति के बाद चीन की सफाई, कहा- सीमा पर स्थिति फिलहाल स्थिर
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग/नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Sat, 13 Aug 2022 08:48 PM IST
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सार
भारत में चीनी राजदूत ने कहा कि चीन भारतीय छात्रों का स्वागत करता है। चीन में पढ़ाई शुरू करने वाले भारतीय छात्रों का पहला बैच निकट भविष्य में बीजिंग पहुंचेगा। दोनों देशों के संबंधित विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।

भारत में चीनी राजदूत सुन वेइदॉन्ग
- फोटो : ANI
विस्तार
पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन की हरकतों पर भारत की आपत्ति के बाद ड्रैगन ने सफाई दी है। दरअसल, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास सैन्य और हवाई गतिविधियों की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने इस पर नाराजगी जताई थी।
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इस पर भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने कहा कि चीन भारत और चीन के बीच हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार सीमा पर सभी गतिविधियों का संचालन करता है। मुझे किसी भी तरह की सैन्य और हवाई गतिविधियों की कोई विशेष जानकारी नहीं है। सीमा पर स्थिति फिलहाल स्थिर है।
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1998 के IC 814 अपहरण के मास्टरमाइंडों में से एक JeM के अब्दुल रऊफ असगर पर UNSC में चीन की तकनीकी पकड़ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चीन को आवेदन का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के लिए और समय चाहिए। इसके बाद प्रक्रियाओं का पालन करने का निर्णय लिया जाएगा। चीन अपने सभी रूपों में आतंकवाद का कड़ा विरोध करता है।
भारत में चीनी राजदूत ने कहा कि चीन भारतीय छात्रों का स्वागत करता है। चीन में पढ़ाई शुरू करने वाले भारतीय छात्रों का पहला बैच निकट भविष्य में बीजिंग पहुंचेगा। दोनों देशों के संबंधित विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।
इससे पहले भारत-चीन मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि हमने अपना रुख कायम रखा है कि अगर चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है तो इससे हमारे संबंधों पर असर पड़ेगा। हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं, ये सामान्य नहीं हो सकते क्योंकि सीमा की स्थिति सामान्य नहीं है।
जयशंकर ने कहा था कि भारत लगातार अपने इस रुख पर कायम है कि अगर चीन ने सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है या नियमों का उल्लंघन करता है, तो इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा। जयशंकर ने कहा कि कमांडर स्तर पर हमारी 15 दौर की बातचीत हुई है। दोनों पक्षों के उन स्थानों से पीछे हटने के बारे में कई अहम फैसले किए हैं। हमनें उन पर अमल करना भी शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा था कि अभी भी कुछ जगहें हैं जहां वे पीछे नहीं हटे हैं। हालांकि, हम लगातार इस रुख पर कायम हैं कि अगर चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है, तो इसका संबंधों पर असर पड़ेगा। जयशंकर दो साल पहले लद्दाख में झड़प के बाद चीन के साथ रिश्तों में तनाव से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।