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Pakistan Terror Attack: आतंकवादी हमलों से हिल गया है पाकिस्तान, भरोसा बंधाने में नाकाम है इमरान सरकार
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Sat, 22 Jan 2022 03:26 PM IST
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सार
सरकार की सुरक्षा नीति के प्रति देश में बढ़ते असंतोष पाकिस्तान की संसद में भी दिख रहा है। वहां शुक्रवार को विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने हाल में हुए बम धमाकों पर गृह मंत्री शेख रशीद अहमद से सफाई मांगी।

इमरान खान
- फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में देश की नई सुरक्षा नीति को मंजूरी दी। उसमें जनता की आर्थिक सुरक्षा को केंद्रीय महत्त्व देने की बात कही गई। लेकिन फिलहाल, हालात ऐसे बन गए हैं कि सरकार लोगों की जान-माल की सुरक्षा करने में भी नाकाम हो रही है। विपक्षी दलों का आरोप है कि हाल में लगातार हुए आतंकवादी हमले इमरान खान सरकार की नाकामी का नतीजा हैं। वह दहशतगर्द गुटों के खिलाफ प्रभावी रणनीति अपनाने में पूरी तरह नाकाम रही है। इस मुद्दे पर पाकिस्तान की सेना भी घिरी हुई नजर आ रही है।
सरकार की सुरक्षा नीति के प्रति देश में बढ़ते असंतोष पाकिस्तान की संसद में भी दिख रहा है। वहां शुक्रवार को विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने हाल में हुए बम धमाकों पर गृह मंत्री शेख रशीद अहमद से सफाई मांगी। गौरतलब है कि सबसे ताजा बम धमाका गुरुवार को लाहौर के अनारकली बाजार में हुआ था, जिसमें तीन लोग मारे गए। इसके पहले इस्लामाबाद में हुई गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी।
हाल में कानून-व्यवस्था की बिगड़ी हालत से चिंतित सांसदों के दबाव में शुक्रवार को संसद के ऊपरी सदन सीनेट में आम कार्यवाही रोक कर इस मुद्दे पर बहस कराई गई। सासंदों ने इस बात पर आक्रोश जताया कि देश में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं। जबकि सरकार को अंदाजा ही नहीं है कि हमले कौन कर रहा है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि हाल में हुए एक हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी, जबकि गृह मंत्री ने उस हमले कि लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को दोषी ठहराया था।
सरकार की खास आलोचना बीते नवंबर में टीटीपी के साथ बातचीत करने को लेकर हुई है। विपक्षी सदस्यों ने दो टूक कहा कि हाल की घटनाओं से साबित हो गया है कि टीटीपी के प्रति सरकार ने गलत रुख अपनाया। उधर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सीनेटर इरफान सिद्दिकी ने कहा कि बात सिर्फ दहशतगर्दी की नहीं है। बल्कि राजधानी इस्लामाबाद में भी आम लूटपाट की घटनाएं बढ़ रही हैं।
सरकार की तरफ से गृह मंत्री रशीद ने कहा कि इस्लामाबाद में हुई गोलीबारी के पीछे खास मकसद था। सरकार उसकी जांच कर रही है। उन्होंनें कहा कि इस्लामबाद में दो आतंकवादी भी मारे गए और उनसे छह मोबाइल फोन बरामद हुए। लेकिन उन फोनों से क्या जानकारी मिली है, इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार कर दिया।
हालिया हमलों से पाकिस्तान की सेना भी परेशान दिखी है। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शुक्रवार को ही एक बयान में कहा कि पाकिस्तान में पूरी शांति बहाल की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मकसद के लिए पाकिस्तानी सैनिकों ने अतीत में जो कुर्बानियां दी हैं, उन्हें बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, उससे लड़ाई जारी रहेगी।
लेकिन पर्यवेक्षकों का कहना है कि सरकार और सेना के बयानों से देश में भरोसे का माहौल नहीं बना है। हाल में जिस तेजी से हिंसा बढ़ी है, उससे लोग सकते में हैं। आम लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर नया डर समा गया है।
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हाल में कानून-व्यवस्था की बिगड़ी हालत से चिंतित सांसदों के दबाव में शुक्रवार को संसद के ऊपरी सदन सीनेट में आम कार्यवाही रोक कर इस मुद्दे पर बहस कराई गई। सासंदों ने इस बात पर आक्रोश जताया कि देश में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं। जबकि सरकार को अंदाजा ही नहीं है कि हमले कौन कर रहा है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि हाल में हुए एक हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी, जबकि गृह मंत्री ने उस हमले कि लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को दोषी ठहराया था।
सरकार की खास आलोचना बीते नवंबर में टीटीपी के साथ बातचीत करने को लेकर हुई है। विपक्षी सदस्यों ने दो टूक कहा कि हाल की घटनाओं से साबित हो गया है कि टीटीपी के प्रति सरकार ने गलत रुख अपनाया। उधर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सीनेटर इरफान सिद्दिकी ने कहा कि बात सिर्फ दहशतगर्दी की नहीं है। बल्कि राजधानी इस्लामाबाद में भी आम लूटपाट की घटनाएं बढ़ रही हैं।
सरकार की तरफ से गृह मंत्री रशीद ने कहा कि इस्लामाबाद में हुई गोलीबारी के पीछे खास मकसद था। सरकार उसकी जांच कर रही है। उन्होंनें कहा कि इस्लामबाद में दो आतंकवादी भी मारे गए और उनसे छह मोबाइल फोन बरामद हुए। लेकिन उन फोनों से क्या जानकारी मिली है, इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार कर दिया।
हालिया हमलों से पाकिस्तान की सेना भी परेशान दिखी है। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शुक्रवार को ही एक बयान में कहा कि पाकिस्तान में पूरी शांति बहाल की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मकसद के लिए पाकिस्तानी सैनिकों ने अतीत में जो कुर्बानियां दी हैं, उन्हें बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, उससे लड़ाई जारी रहेगी।
लेकिन पर्यवेक्षकों का कहना है कि सरकार और सेना के बयानों से देश में भरोसे का माहौल नहीं बना है। हाल में जिस तेजी से हिंसा बढ़ी है, उससे लोग सकते में हैं। आम लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर नया डर समा गया है।