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G20: US में होने वाली जी20 बैठक से बाहर हुआ द. अफ्रीका, भड़के रामाफोसा, ट्रंप के फैसले को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, केपटाउन
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:39 AM IST
सार
रामाफोसा ने कहा कि इस साल दक्षिण अफ्रीका की ओर से आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन सबसे सफल सम्मेलनों में से एक रहा और इसके जरिए दुनिया की सबसे गंभीर चुनौतियों का हल निकालने में बहुपक्षवाद की मजबूती और प्रासंगिकता दोहराई गई।
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सिरिल रामाफोसा
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का विरोध किया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने साल 2026 में मयामी में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए उनके देश को आमंत्रित नहीं किए जाने की बात कही थी। रामाफोसा ने दक्षिण अफ्रीका को जी20 सम्मेलन से बाहर रखने के ट्रंप के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उनके और उनकी सरकार की बार-बार कोशिशों के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप दक्षिण अफ्रीका के बारे में भ्रामक सूचनाओं और गलत तथ्यों के आधार पर सजा देने वाले कदम उठाते रहे हैं।
राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा कि इस साल दक्षिण अफ्रीका की ओर से आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन सबसे सफल सम्मेलनों में से एक रहा और इसके जरिए दुनिया की सबसे गंभीर चुनौतियों का हल निकालने में बहुपक्षवाद की मजबूती और प्रासंगिकता दोहराई गई। इसके बाद ट्रंप के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका जी20 का “पूर्ण, सक्रिय और रचनात्मक सदस्य” बना रहेगा। उन्होंने सभी सदस्य देशों से अपील की कि जी20 की प्रक्रिया बहुपक्षवाद, सर्वसम्मति और सभी सदस्यों की बराबर की भागीदारी की भावना के साथ जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ रिश्तों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों के बावजूद ट्रंप प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
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राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा कि इस साल दक्षिण अफ्रीका की ओर से आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन सबसे सफल सम्मेलनों में से एक रहा और इसके जरिए दुनिया की सबसे गंभीर चुनौतियों का हल निकालने में बहुपक्षवाद की मजबूती और प्रासंगिकता दोहराई गई। इसके बाद ट्रंप के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका जी20 का “पूर्ण, सक्रिय और रचनात्मक सदस्य” बना रहेगा। उन्होंने सभी सदस्य देशों से अपील की कि जी20 की प्रक्रिया बहुपक्षवाद, सर्वसम्मति और सभी सदस्यों की बराबर की भागीदारी की भावना के साथ जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ रिश्तों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों के बावजूद ट्रंप प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
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उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका एक स्वायत्त संवैधानिक लोकतांत्रिक देश है और वह अपनी सदस्यता या वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका पर किसी अन्य देश की अपमानजनक टिप्पणी को स्वीकार नहीं करता। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करता है और कभी किसी राष्ट्र का असम्मान नहीं करता।
रामाफोसा ने बताया कि चूंकि अमेरिका इस वर्ष के जी20 शिखर सम्मेलन में उपस्थित नहीं था, इसलिए जी20 अध्यक्षता से जुड़े दायित्व दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग विभाग मुख्यालय में अमेरिका के दूतावास के एक अधिकारी को सौंपे गए। उन्होंने कहा कि जी20 के संस्थापक सदस्यों में एक होने के नाते दक्षिण अफ्रीका हमेशा सहमति, सहयोग और साझेदारी की भावना को अहमियत देता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन से अपेक्षा थी कि वह दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के दौरान सभी जी20 बैठकों में भाग लेगा, लेकिन उसने स्वेच्छा से जोहान्सबर्ग में आयोजित नेताओं के शिखर सम्मेलन में उपस्थित न होने का फैसला किया।
रामाफोसा ने बताया कि चूंकि अमेरिका इस वर्ष के जी20 शिखर सम्मेलन में उपस्थित नहीं था, इसलिए जी20 अध्यक्षता से जुड़े दायित्व दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग विभाग मुख्यालय में अमेरिका के दूतावास के एक अधिकारी को सौंपे गए। उन्होंने कहा कि जी20 के संस्थापक सदस्यों में एक होने के नाते दक्षिण अफ्रीका हमेशा सहमति, सहयोग और साझेदारी की भावना को अहमियत देता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन से अपेक्षा थी कि वह दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के दौरान सभी जी20 बैठकों में भाग लेगा, लेकिन उसने स्वेच्छा से जोहान्सबर्ग में आयोजित नेताओं के शिखर सम्मेलन में उपस्थित न होने का फैसला किया।
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