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दक्षिण अफ्रीका: राष्ट्रपति रामाफोसा ने पीएम मोदी को दिया न्योता, जल निवेश परिषद पर होगी वैश्विक नेताओं की बैठक
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, दक्षिण अफ्रीका
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 14 Aug 2025 02:25 PM IST
सार
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने पीएम मोदी और अन्य विश्व नेताओं को ग्लोबल आउटलुक काउंसिल ऑन वाटर इन्वेस्टमेंट्स में आमंत्रित किया। यह जी20 पहल जल निवेश को वैश्विक राजनीतिक और वित्तीय चर्चाओं के केंद्र में लाने पर केंद्रित है।
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दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी
- फोटो : एक्स@narendramodi
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विस्तार
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य शीर्ष विश्व नेताओं का स्वागत करते हुए जल निवेश पर एक नई वैश्विक पहल की शुरुआत की है। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और अन्य विश्व नेताओं को जल निवेश पर वैश्विक दृष्टिकोण परिषद के परिषद सदस्य के रूप में आमंत्रित किया, जो सभी के लिए सुरक्षित जल सुनिश्चित करने के लिए जी-20 की एक पहल है।
रामाफोसा ने केप टाउन में अफ्रीका वाटर इन्वेस्टमेंट समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि जल निवेश अब जलवायु और वित्तीय चर्चाओं में उपेक्षित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे केंद्र में लाना होगा। यह पहल जी20 के तहत शुरू किए गए ग्लोबल आउटलुक काउंसिल ऑन वाटर इन्वेस्टमेंट्स का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य सभी के लिए सुरक्षित जल सुनिश्चित करना है।
जल निवेश को केंद्र में लाने की पहल
रामाफोसा ने केप टाउन में अफ्रीका वाटर इन्वेस्टमेंट समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह परिषद अफ्रीका वाटर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम को वैश्विक स्तर पर विस्तार देगी। उन्होंने कहा, “जल निवेश को न सिर्फ प्राथमिकता दी जाए, बल्कि इसे ट्रैक किया जाए और वित्तपोषित किया जाए।” इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य जी20, संयुक्त राष्ट्र, बहुपक्षीय विकास बैंकों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर जल निवेश की प्रगति को ट्रैक करना और वार्षिक रिपोर्ट जारी करना है।
विश्व नेताओं की भागीदारी
रामाफोसा ने परिषद के सदस्यों में पीएम मोदी के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाउम, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नाम घोषित किए। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और अफ्रीकी देशों के कई नेता भी इसमें शामिल हैं।
ये भी पढ़ें- महिला सांसद को गाजा का पक्ष लेना पड़ा भारी, इस्राइल प्रतिबंध प्रस्ताव से हंगामा; जानें पूरा मामला
वित्तीय एजेंडे में जल का स्थान
सम्मेलन का उद्देश्य जल को उच्चतम वैश्विक राजनीतिक और वित्तीय एजेंडे में शामिल करना है, जिसमें जी20, कॉप30 और 2026 के संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन तक इसे प्राथमिकता देना शामिल है। सम्मेलन में एक घोषणा-पत्र भी पारित होगा, जिसमें जल क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, सुशासन को मजबूत करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने का संकल्प होगा।
ये भी पढ़ें- पूर्व प्रथम महिला किम भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार, चुनाव में हस्तक्षेप और रिश्वतखोरी का आरोप
जल को विकास का साधन बनाना
रामाफोसा ने जोर देकर कहा कि जल को मानवाधिकार के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए और इसे किसी भी समुदाय, महिला या बच्चों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम एकजुट होकर काम करें तो जल केवल जीवन का साधन ही नहीं, बल्कि आर्थिक बदलाव, नवाचार और शांति का माध्यम भी बन सकता है।
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जल निवेश को केंद्र में लाने की पहल
रामाफोसा ने केप टाउन में अफ्रीका वाटर इन्वेस्टमेंट समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह परिषद अफ्रीका वाटर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम को वैश्विक स्तर पर विस्तार देगी। उन्होंने कहा, “जल निवेश को न सिर्फ प्राथमिकता दी जाए, बल्कि इसे ट्रैक किया जाए और वित्तपोषित किया जाए।” इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य जी20, संयुक्त राष्ट्र, बहुपक्षीय विकास बैंकों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर जल निवेश की प्रगति को ट्रैक करना और वार्षिक रिपोर्ट जारी करना है।
विश्व नेताओं की भागीदारी
रामाफोसा ने परिषद के सदस्यों में पीएम मोदी के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाउम, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नाम घोषित किए। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और अफ्रीकी देशों के कई नेता भी इसमें शामिल हैं।
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वित्तीय एजेंडे में जल का स्थान
सम्मेलन का उद्देश्य जल को उच्चतम वैश्विक राजनीतिक और वित्तीय एजेंडे में शामिल करना है, जिसमें जी20, कॉप30 और 2026 के संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन तक इसे प्राथमिकता देना शामिल है। सम्मेलन में एक घोषणा-पत्र भी पारित होगा, जिसमें जल क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, सुशासन को मजबूत करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने का संकल्प होगा।
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जल को विकास का साधन बनाना
रामाफोसा ने जोर देकर कहा कि जल को मानवाधिकार के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए और इसे किसी भी समुदाय, महिला या बच्चों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम एकजुट होकर काम करें तो जल केवल जीवन का साधन ही नहीं, बल्कि आर्थिक बदलाव, नवाचार और शांति का माध्यम भी बन सकता है।