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South Africa: दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख हिंदू नेता अश्विन त्रिकमजी का निधन, राष्ट्रपति रामफोसा ने जताया दुख
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जोहान्सबर्ग
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 20 Mar 2025 05:16 PM IST
सार
दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख हिंदू नेता और वकील अश्विन त्रिकमजी का निधन हो गया है। उनके निधन पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने दुख व्यक्त किया है। बता दें कि, अश्विन त्रिकमजी, सुलह को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से नियुक्त राष्ट्रीय धार्मिक नेता मंच के पहले अध्यक्ष थे।
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मोंटेरेना सेकेंडरी में अभियान के दौरान अश्विन त्रिकमजी
- फोटो : sahms.org.za/gallery
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विस्तार
दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख हिंदू नेता और वकील अश्विन त्रिकमजी का गुरुवार को बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। बता दें कि, अश्विन त्रिकमजी दक्षिण अफ्रीकी हिंदू महासभा के अध्यक्ष और 1860 हेरिटेज सेंटर के बोर्ड निदेशक थे।
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राष्ट्रपति रामफोसा ने जताया दुख
वहीं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि, अश्विन त्रिकमजी के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने कहा, 'मैं हमारे देश की सेवा करने वाले इस उत्कृष्ट व्यक्ति के परिवार, मित्रों और सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जो 80 वर्ष की आयु में इस दुनिया से चले गए।' राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा कि अश्विन त्रिकमजी की गहरी आध्यात्मिक भक्ति उनके हिंदू जुड़ाव से परे थी क्योंकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में विविध धार्मिक समुदायों के बीच सहिष्णुता और सहयोग की वकालत की थी।
इस दौरान राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने याद किया कि रंगभेद युग में एक ब्लैक कॉन्शियसनेस कार्यकर्ता के रूप में, अश्विन त्रिकमजी ने नस्लीय भेदभाव और औपनिवेशिक उत्पीड़न से लड़ने के लिए महात्मा गांधी की तरफ से स्थापित नेटाल इंडियन कांग्रेस के डरबन सेंट्रल घटक का नेतृत्व किया था।
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कई अहम पदों पर रह चुके थे त्रिकमजी
अश्विन त्रिकमजी, सुलह को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से नियुक्त राष्ट्रीय धार्मिक नेता मंच के पहले अध्यक्ष थे। इसके अलावा, वे दक्षिणी अफ्रीका के लिए अंतर्राष्ट्रीय बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव थे और दक्षिण अफ्रीका के उच्च न्यायालय में कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्होंने एसए सॉकर फेडरेशन के परिषद सदस्य, नेशनल सॉकर लीग के अध्यक्ष, दक्षिण अफ्रीकी फुटबॉल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और संस्थापक सदस्य और एसएएफए अपील बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। त्रिकमजी को पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के अंतिम संस्कार में संस्कृत श्लोकों का पाठ करने पर भी दुनिया भर में पहचान मिली।
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राष्ट्रपति रामफोसा ने जताया दुख
वहीं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि, अश्विन त्रिकमजी के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने कहा, 'मैं हमारे देश की सेवा करने वाले इस उत्कृष्ट व्यक्ति के परिवार, मित्रों और सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जो 80 वर्ष की आयु में इस दुनिया से चले गए।' राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा कि अश्विन त्रिकमजी की गहरी आध्यात्मिक भक्ति उनके हिंदू जुड़ाव से परे थी क्योंकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में विविध धार्मिक समुदायों के बीच सहिष्णुता और सहयोग की वकालत की थी।
इस दौरान राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने याद किया कि रंगभेद युग में एक ब्लैक कॉन्शियसनेस कार्यकर्ता के रूप में, अश्विन त्रिकमजी ने नस्लीय भेदभाव और औपनिवेशिक उत्पीड़न से लड़ने के लिए महात्मा गांधी की तरफ से स्थापित नेटाल इंडियन कांग्रेस के डरबन सेंट्रल घटक का नेतृत्व किया था।
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कई अहम पदों पर रह चुके थे त्रिकमजी
अश्विन त्रिकमजी, सुलह को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से नियुक्त राष्ट्रीय धार्मिक नेता मंच के पहले अध्यक्ष थे। इसके अलावा, वे दक्षिणी अफ्रीका के लिए अंतर्राष्ट्रीय बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव थे और दक्षिण अफ्रीका के उच्च न्यायालय में कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्होंने एसए सॉकर फेडरेशन के परिषद सदस्य, नेशनल सॉकर लीग के अध्यक्ष, दक्षिण अफ्रीकी फुटबॉल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और संस्थापक सदस्य और एसएएफए अपील बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। त्रिकमजी को पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के अंतिम संस्कार में संस्कृत श्लोकों का पाठ करने पर भी दुनिया भर में पहचान मिली।
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