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Greta Thunberg: 'मुझे बांधा, प्रताड़ित किया और धमकाया', ग्रेटा थनबर्ग ने इस्राइली 'यातना' पर अब तोड़ी चुप्पी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, तेल अवीव
Published by: लव गौर
Updated Thu, 16 Oct 2025 09:03 AM IST
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सार
Greta Thunberg On Israeli torture: फलस्तीनियों के लिए राहत सामग्री ले जाने के दौरान इस्राइल ने अंतराष्ट्रीय पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग को हिरासत में लिया था। जिसके बाद अब थनबर्ग ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार पर चुप्पी तोड़ते हुए इस्राइली 'यातना' की पूरी कहानी बयां की है। उन्होंने बताया कि मुझे बांधा, प्रताड़ित किया और धमकाया गया।

Greta Thunberg
- फोटो : एक्स@IsraelMFA
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विस्तार
इस्राइल की हिरासत में रहने के दौरान ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ क्या-क्या हुआ? अब इस पर स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ने चुप्पी तोड़ी है। 22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने गाजा फ्लोटिला की गिरफ्तारी के बाद इस्राइली हिरासत में यातना के गंभीर आरोप लगाए। ग्रेटा थनबर्ग ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के बारे में खुलकर बात की, जब उन्हें फीडम फ्लोटिला में हिस्सा लेने के बाद इस्राइली अधिकारियों ने हिरासत में लिया था।
इस फ्लोटिला का उद्देश्य गाजा में नाकाबंदी के तहत फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता पहुंचाना था। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में इस्राइली बलों ने इस मिशन को रोक दिया, और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए कई जहाजों पर चढ़े और 400 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया।
हाई सिक्योरिटी जेल में रखा, धमकाया
ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथी कार्यकर्ताओं को हाई सिक्योरिटी वाली जेल में रखा गया था। उन्हें कई दिनों बाद रिहा कर दिया गया, लेकिन अब उनका दावा है कि हिरासत के दौरान उन्हें शारीरिक शोषण, धमकियां और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। अब ग्रेटा थनबर्ग ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, धमकाया और परेशान किया, जिसमें उन्हें बांधना और फिर सेल्फी लेना भी शामिल था।
'मुझे बांधा, प्रताड़ित किया और सेल्फी ली'
थनबर्ग ने स्वीडिश आउटलेट आफ्टनब्लैडेट को बताया कि गार्डों में ना तो कोई सहानुभूति है और ना ही मानवता और वे मेरे साथ सेल्फी लेते रहे। बहुत कुछ ऐसा है जो मुझे याद नहीं है। वे मुझे घसीटकर उस तरफ ले गए जहां दूसरे लोग बैठे थे, और पूरे समय मेरे चारों ओर झंडा लटका हुआ था। उन्होंने मेरी पिटाई की और लात मारी। उन्होंने आगे कहा, "एक साथ इतना कुछ हो रहा होता है। आप सदमे में होते हैं। आपको दर्द होता है, लेकिन आप शांत रहने की कोशिश करते हैं।" थनबर्ग ने बताया कि उन्होंने लगभग 50 लोगों को घुटनों के बल, हथकड़ी लगे और जमीन पर माथे रखे देखा।
उन्होंने दावा किया कि इस्राइली गार्डों ने उनके हाथों को कसकर बांधा और जब वह शांत हो गई तो उनके साथ सेल्फी लेने के लिए कतार में खड़े हो गए थे। थनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया कि एक समय तो बंदियों को गैस से मारने की धमकी भी दी गई थी। उन्होंने कहा कि फिर गार्ड आए और कहा, 'हम तुम्हें गैस से मार देंगे।' ऐसा कहना उनके लिए आम बात थी। उन्होंने एक गैस सिलेंडर दिखाया और धमकी दी।
थनबर्ग ने जोर देकर कहा कि ध्यान नाकाबंदी और अकाल से जूझ रहे फलस्तीनियों की नाकाबंदी पर होना चाहिए, ना कि उनके व्यक्तिगत अनुभव पर। उन्होंने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मैं यह नहीं बताना चाहती कि मेरे साथ क्या हुआ? क्योंकि मैं नहीं चाहती कि यह सुर्खियां बने।"

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इस फ्लोटिला का उद्देश्य गाजा में नाकाबंदी के तहत फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता पहुंचाना था। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में इस्राइली बलों ने इस मिशन को रोक दिया, और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए कई जहाजों पर चढ़े और 400 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया।
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हाई सिक्योरिटी जेल में रखा, धमकाया
ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथी कार्यकर्ताओं को हाई सिक्योरिटी वाली जेल में रखा गया था। उन्हें कई दिनों बाद रिहा कर दिया गया, लेकिन अब उनका दावा है कि हिरासत के दौरान उन्हें शारीरिक शोषण, धमकियां और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। अब ग्रेटा थनबर्ग ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, धमकाया और परेशान किया, जिसमें उन्हें बांधना और फिर सेल्फी लेना भी शामिल था।
'मुझे बांधा, प्रताड़ित किया और सेल्फी ली'
थनबर्ग ने स्वीडिश आउटलेट आफ्टनब्लैडेट को बताया कि गार्डों में ना तो कोई सहानुभूति है और ना ही मानवता और वे मेरे साथ सेल्फी लेते रहे। बहुत कुछ ऐसा है जो मुझे याद नहीं है। वे मुझे घसीटकर उस तरफ ले गए जहां दूसरे लोग बैठे थे, और पूरे समय मेरे चारों ओर झंडा लटका हुआ था। उन्होंने मेरी पिटाई की और लात मारी। उन्होंने आगे कहा, "एक साथ इतना कुछ हो रहा होता है। आप सदमे में होते हैं। आपको दर्द होता है, लेकिन आप शांत रहने की कोशिश करते हैं।" थनबर्ग ने बताया कि उन्होंने लगभग 50 लोगों को घुटनों के बल, हथकड़ी लगे और जमीन पर माथे रखे देखा।
उन्होंने दावा किया कि इस्राइली गार्डों ने उनके हाथों को कसकर बांधा और जब वह शांत हो गई तो उनके साथ सेल्फी लेने के लिए कतार में खड़े हो गए थे। थनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया कि एक समय तो बंदियों को गैस से मारने की धमकी भी दी गई थी। उन्होंने कहा कि फिर गार्ड आए और कहा, 'हम तुम्हें गैस से मार देंगे।' ऐसा कहना उनके लिए आम बात थी। उन्होंने एक गैस सिलेंडर दिखाया और धमकी दी।
थनबर्ग ने जोर देकर कहा कि ध्यान नाकाबंदी और अकाल से जूझ रहे फलस्तीनियों की नाकाबंदी पर होना चाहिए, ना कि उनके व्यक्तिगत अनुभव पर। उन्होंने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मैं यह नहीं बताना चाहती कि मेरे साथ क्या हुआ? क्योंकि मैं नहीं चाहती कि यह सुर्खियां बने।"