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India-America: जयशंकर से मिले अमेरिकी रक्षामंत्री ऑस्टिन, भारत-अमेरिका ने माना वैश्विक स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण

पीटीआई, वाशिंगटन Published by: Jeet Kumar Updated Tue, 27 Sep 2022 03:49 AM IST
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सार

एस जयशंकर ने अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन के साथ अपनी बैठक में कहा कि मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं कि इस साल (विभिन्न कारणों से) वैश्विक स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में।

US Defense Secretary Lloyd Austin Call With Indian Minister of External Affairs S Jaishankar
S Jaishankar and Lloyd J Austin III - फोटो : ani

विस्तार
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अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन ने मंगलवार को पेंटागन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने पूर्वी एशिया, हिंद महासागर क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों समेत यूक्रेन संकट पर बातचीत की। बता दें इस महीने की शुरुआत में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ऑस्टिन की मुलाकात हुई थी।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सोमवार को माना कि इस वर्ष वैश्विक स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है। विशेष रूप से हिंद-प्रशांत में चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। दोनों देशों की टिप्पणी के काफी मायने हैं क्योंकि चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
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संयुक्त महासभा के सालाना अधिवेशन में भाग लेने अमेरिका गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में विश्व के कई नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने वॉशिंगटन में अपने समकक्ष विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन सहित कई अमेरिकी कैबिनेट मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

एस जयशंकर ने पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन के साथ अपनी बैठक के दौरान टिप्पणी में कहा कि मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं कि इस साल (विभिन्न कारणों से) वैश्विक स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हिंद-प्रशांत की स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की जाए। 

इस मामले पर रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को बनाए रखना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। हाल के महीनों में, हमने देखा है कि पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) ने ताइवान में तेजी से उकसावे वाले काम किए हैं। चीन की तीखी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दो महान लोकतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक उज्जवल भविष्य की दिशा में एक साथ काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में कई जगह अपना विवादित दावा किया है। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ क्षेत्रीय विवाद भी है। इसी के साथ ताइवान, ब्रुनेई, इंडोनेशिया आदि से भी विवाद है। ऑस्टिन ने कहा कि चीन ने यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस का समर्थन किया। युद्ध के कारण हम शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए निरंतर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

आगे ऑस्टिन ने कहा कि मैं आपकी दोस्ती के लिए आभारी हूं। और हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण की दिशा में मिलकर काम करते रहेंगे। साथ ही उन्होंने इस दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपनी हालिया बातचीत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी ताकत से मजबूती की ओर बढ़ रही है।

अमेरिकी वाणिज्य सचिव को भारत आने का न्यौता
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो के साथ एक उत्कृष्ट बैठक। हमारी आपूर्ति श्रृंखला, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क, उच्च प्रौद्योगिकी सहयोग, सेमीकंडक्टर और व्यापार संवर्धन पर बातचीत हुई। साथ ही जयशंकर ने जीना रायमोंडो को भारत आने का न्यौता दिया।

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