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Germany: कौन हैं रीचबर्गर, जिन पर जर्मन सरकार ने लगाया प्रतिबंध, ये जर्मनी को देश ही नहीं मानते!
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बर्लिन
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 13 May 2025 02:07 PM IST
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सार
रीच नागरिक अभियान की शुरुआत 1980 में हुई थी। साल 2020 में इस समूह के लोगों ने जर्मनी की संसद पर हमले की साजिश भी रची थी, जिसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पहले इस समूह को हानि रहित सनकी संगठन माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह आंदोलन तेजी से उभरा है।

पुलिस
- फोटो : iStock

विस्तार
जर्मनी की सरकार ने देश के सबसे बड़े रीच नागरिक समूह पर प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं इस समूह के नेताओं के ठिकानों पर देशभर में छापेमारी कार्रवाई की गई। रीच नागरिक समूह एक धुर दक्षिणपंथी संगठन है, जो खुद को जर्मन राजशाही का हिस्सा मानते हैं। ये समूह देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को नहीं मानते। जर्मनी की सरकार ने मंगलवार की सुबह कई राज्यों में इस समूह के नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया।
कई नेताओं के ठिकानों पर हुई छापेमारी
जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्री एलेक्जेंडर डोब्रिंड ने बताया कि रीच नागरिक समूह के सदस्य और ये संगठन देश के भीतर एक अलग व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इन्होंने समानांतर आर्थिक और आपराधिक ढांचा खड़ा कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि समूह के सदस्यों ने यहूदी विरोधी षड्यंत्र की कहानियों के साथ सत्ता में आने के अपने कथित दावे की पुष्टि की है। मंत्री ने कहा कि जो लोग हमारी मुक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला कर रहे हैं, उनके खिलाफ सरकार निर्णायक कार्रवाई करेगी।
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क्या है रीच नागरिक संगठन, जिससे डरी जर्मन सरकार
रीच नागरिक संगठन, जिन्हें रीचबर्गर भी कहा जाता है, एक धुर दक्षिणपंथी लोगों का समूह है। ये लोग आधुनिक जर्मन राष्ट्र को भी नहीं मानते हैं। वे खुद को जर्मन राजशाही का हिस्सा मानते हैं, जो साल 1871 में प्रथम विश्व युद्ध के अंत तक अस्तित्व में था। रीच नागरिक समूह के कई लोग जर्मनी के पासपोर्ट को भी नहीं मानते और खुद का अलग आईडी कार्ड, पासपोर्ट रखते हैं।
रीच नागरिक अभियान की शुरुआत 1980 में हुई थी। साल 2020 में इस समूह के लोगों ने जर्मनी की संसद पर हमले की साजिश भी रची थी, जिसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पहले इस समूह को हानि रहित सनकी संगठन माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह आंदोलन तेजी से उभरा है और कई मामलों में हिंसा की घटनाएं भी हुईं। जर्मनी की सरकार की इस संगठन पर लंबे समय से नजर थी, लेकिन अब जर्मन सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। रीचबर्गर सदस्यों का दावा है कि जर्मनी एक आजाद देश नहीं है बल्कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विजयी सहयोगियों द्वारा बनाई गई एक निजी कंपनी है। रीचबर्गर सदस्य मानते हैं कि जर्मनी अभी भी गुलाम है और यह कभी भी संप्रभु राज्य नहीं रहा।
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कई नेताओं के ठिकानों पर हुई छापेमारी
जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्री एलेक्जेंडर डोब्रिंड ने बताया कि रीच नागरिक समूह के सदस्य और ये संगठन देश के भीतर एक अलग व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इन्होंने समानांतर आर्थिक और आपराधिक ढांचा खड़ा कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि समूह के सदस्यों ने यहूदी विरोधी षड्यंत्र की कहानियों के साथ सत्ता में आने के अपने कथित दावे की पुष्टि की है। मंत्री ने कहा कि जो लोग हमारी मुक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला कर रहे हैं, उनके खिलाफ सरकार निर्णायक कार्रवाई करेगी।
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क्या है रीच नागरिक संगठन, जिससे डरी जर्मन सरकार
रीच नागरिक संगठन, जिन्हें रीचबर्गर भी कहा जाता है, एक धुर दक्षिणपंथी लोगों का समूह है। ये लोग आधुनिक जर्मन राष्ट्र को भी नहीं मानते हैं। वे खुद को जर्मन राजशाही का हिस्सा मानते हैं, जो साल 1871 में प्रथम विश्व युद्ध के अंत तक अस्तित्व में था। रीच नागरिक समूह के कई लोग जर्मनी के पासपोर्ट को भी नहीं मानते और खुद का अलग आईडी कार्ड, पासपोर्ट रखते हैं।
रीच नागरिक अभियान की शुरुआत 1980 में हुई थी। साल 2020 में इस समूह के लोगों ने जर्मनी की संसद पर हमले की साजिश भी रची थी, जिसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पहले इस समूह को हानि रहित सनकी संगठन माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह आंदोलन तेजी से उभरा है और कई मामलों में हिंसा की घटनाएं भी हुईं। जर्मनी की सरकार की इस संगठन पर लंबे समय से नजर थी, लेकिन अब जर्मन सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। रीचबर्गर सदस्यों का दावा है कि जर्मनी एक आजाद देश नहीं है बल्कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विजयी सहयोगियों द्वारा बनाई गई एक निजी कंपनी है। रीचबर्गर सदस्य मानते हैं कि जर्मनी अभी भी गुलाम है और यह कभी भी संप्रभु राज्य नहीं रहा।
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