{"_id":"671bb48ac14339e3780b2d79","slug":"battery-recycling-industry-facing-risks-amid-electric-vehicles-transition-battery-waste-problem-know-details-2024-10-25","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Battery Waste: इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते चलन के बीच भारत में पुरानी बैटरी का संकट क्यों है? जानें डिटेल्स","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
Battery Waste: इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते चलन के बीच भारत में पुरानी बैटरी का संकट क्यों है? जानें डिटेल्स
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 25 Oct 2024 08:39 PM IST
सार
बैटरी रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री को कम कीमत वाली रीसाइक्लिंग सिस्टम के कारण जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। जिससे धोखाधड़ी करने वाले खिलाड़ियों की एंट्री हो सकता है और पर्यावरणीय आपदाएं हो सकती हैं।
विज्ञापन
Car Battery
- फोटो : Freepik
विज्ञापन
विस्तार
बैटरी रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री को कम कीमत वाली रीसाइक्लिंग सिस्टम के कारण जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। जिससे धोखाधड़ी करने वाले खिलाड़ियों की एंट्री हो सकता है और पर्यावरणीय आपदाएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि इससे सर्कुलर अर्थव्यवस्था के स्थायी स्तर को हासिल करने के लिए सीमा बढ़ाने का मामला बन सकता है।
कुछ उद्योग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा मूल्य निर्धारण संरचना से भारत को लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के आयात के लिए अनुमानित 1 अरब अमरीकी डॉलर की विदेशी मुद्रा का नुकसान हो सकता है।
कुछ उद्योग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा मूल्य निर्धारण संरचना से भारत को लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के आयात के लिए अनुमानित 1 अरब अमरीकी डॉलर की विदेशी मुद्रा का नुकसान हो सकता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
यह मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि देश की ऊर्जा के स्वच्छ वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भरता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिससे स्वच्छ ऊर्जा के लिए बैटरियों की सस्टेनेबल (टिकाऊ) रीसाइक्लिंग एक प्रमुख शर्त बन जाती है।
इस तरह मैटेरियल रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमआरएआई) और विशेषज्ञों ने टिकाऊ, प्रतिस्पर्धी और मानकीकृत रीसाइक्लिंग सुनिश्चित करने के लिए लिथियम रीसाइक्लिंग के लिए ईपीआर फ्लोर प्राइस को उच्च दर पर निर्धारित करने का सुझाव दिया है।
इस तरह मैटेरियल रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमआरएआई) और विशेषज्ञों ने टिकाऊ, प्रतिस्पर्धी और मानकीकृत रीसाइक्लिंग सुनिश्चित करने के लिए लिथियम रीसाइक्लिंग के लिए ईपीआर फ्लोर प्राइस को उच्च दर पर निर्धारित करने का सुझाव दिया है।
एमआरएआई ने एक बयान में कहा, "एक्सटेंडेड प्रॉड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व) (ईपीआर) के तहत बैटरी उत्पादकों को सुरक्षित रीसाइक्लिंग सुनिश्चित करना अनिवार्य है। फिर भी ईपीआर की कम कीमतें कम मूल्य वाली या रीसाइकिल करने में मुश्किल बैटरियों के संग्रह और प्रबंधन में बाधा डालती हैं। बैटरी रीसाइक्लिंग की स्थिरता और पैमाने को हासिल करने के लिए उच्च ईपीआर मूल्य महत्वपूर्ण है।"
इसके अलावा, इसने कहा कि बैटरी रीसाइक्लिंग में जोखिम और लागत को कम करने के लिए सुरक्षित परिवहन और प्रदूषण नियंत्रण उपाय जरूरी हैं।
इसके अलावा, इसने कहा कि बैटरी रीसाइक्लिंग में जोखिम और लागत को कम करने के लिए सुरक्षित परिवहन और प्रदूषण नियंत्रण उपाय जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रॉड्यूसर (उत्पादक) द्वारा वहन की गई लागत में पर्याप्त ईपीआर मूल्य को शामिल करने से वस्तु की बिक्री मूल्य में सिर्फ एक छोटे से अंश का इजाफा होगा। मिसाल के लिए 4,000 रुपये के पावर बैंक के मामले में लगभग 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
हाल ही में, एमआरएआई ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को एक प्रेजेंटेशन दिया। जिसमें ईपीआर फ्लोर प्राइस को ऊपर की ओर संशोधित करने का अनुरोध किया गया। सरकार से एक उचित ईपीआर फ्लोर प्राइस निर्धारित करने और एक टिकाऊ बैटरी रीसाइक्लिंग उद्योग के निर्माण के लिए कार्यान्वयन, पारदर्शिता और नियमित ऑडिटिंग सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
हाल ही में, एमआरएआई ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को एक प्रेजेंटेशन दिया। जिसमें ईपीआर फ्लोर प्राइस को ऊपर की ओर संशोधित करने का अनुरोध किया गया। सरकार से एक उचित ईपीआर फ्लोर प्राइस निर्धारित करने और एक टिकाऊ बैटरी रीसाइक्लिंग उद्योग के निर्माण के लिए कार्यान्वयन, पारदर्शिता और नियमित ऑडिटिंग सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट और वाटर (सीईईडब्ल्यू) की कार्यक्रम प्रमुख आकांक्षा त्यागी ने कहा कि सीपीसीबी विभिन्न टेक्नोलॉजी और व्यावसायिक मॉडलों के आधार पर बैटरी रीसाइक्लिंग के अर्थशास्त्र पर एक अध्ययन शुरू कर सकता है। और इस अध्ययन से ईपीआर फ्लोर प्राइस के निर्धारण में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हालांकि नए प्रवेशकों और उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अभी हाई फ्लोर प्राइस वांछनीय हो सकता है। लेकिन टेक्नोलॉजी में सुधार और कलेक्शन एफिशिएंसी में बढ़ोतरी के आधार पर कीमतों में समय-समय पर बदलाव किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हालांकि नए प्रवेशकों और उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अभी हाई फ्लोर प्राइस वांछनीय हो सकता है। लेकिन टेक्नोलॉजी में सुधार और कलेक्शन एफिशिएंसी में बढ़ोतरी के आधार पर कीमतों में समय-समय पर बदलाव किया जाना चाहिए।
प्राइमा फोकस टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक आर बी श्रीवास्तव के अनुसार, कम ईपीआर फ्लोर प्राइस के कारण बैटरियों को एकत्रित नहीं किए जाने को बढ़ावा मिलेगा। और इस तरह रिसोर्स रिकवरी (संसाधन पुनर्प्राप्ति) के लिए उन्हें अनौपचारिक क्षेत्र के हाथों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।