{"_id":"66435aa6097cf0101d06f776","slug":"centre-plans-to-complete-gis-mapping-of-all-national-highways-know-details-2024-05-14","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Highways GIS Mapping: सरकार पूरे हाईवे नेटवर्क की करेगी जीआईएस मैपिंग, जानें क्या है इस योजना का मकसद","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
Highways GIS Mapping: सरकार पूरे हाईवे नेटवर्क की करेगी जीआईएस मैपिंग, जानें क्या है इस योजना का मकसद
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Tue, 14 May 2024 06:06 PM IST
सार
भारत सरकार सभी नेशनल हाईवे की जीआईएस मैपिंग को पूरा करने की योजना बना रही है। जानें क्या है इस योजना का मकसद।
विज्ञापन
Chitradurga-Davangere stretch of National Highway in Karnataka
- फोटो : X@nitin_gadkari
विज्ञापन
विस्तार
भारत सरकार सभी नेशनल हाईवे की जीआईएस मैपिंग को पूरा करने की योजना बना रही है। इसका मकसद नेशनल हाईवे के बेहतर प्लानिंग, क्रियान्वयन और निगरानी और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए सभी राज्य सरकारों के स्वामित्व वाले डेवलपरों के अधिकार क्षेत्र को चिह्नित करना है।
इस कदम से, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), सीमा सड़क संगठन (BRO), राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) और खुद मंत्रालय की सभी परियोजना कार्यान्वयन इकाइयों को मई के आखिर से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग डैशबोर्ड पर अपने अधिकार क्षेत्र को चिह्नित करने के लिए कहा है। ताकि भविष्य के संदर्भ और कार्यों में तेजी लाने के लिए क्षेत्रीय पृथक्करण के साथ हाईवे का पूरा जीआईएस डेटा उपलब्ध हो सके।
विज्ञापन
विज्ञापन
National Highway
- फोटो : X@nitin_gadkari
इस स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीड्यूर (एसओपी) (मानक संचालन प्रक्रिया) का मुख्य मकसद MoRTH द्वारा भारत में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए जीआईएस-आधारित डेटा संग्रह को सुव्यवस्थित करना है। MoRTH के एक कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, एसओपी का लक्ष्य हर राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए उत्तरदायित्व क्षेत्र को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना है।
साथ ही, हाईवे सिस्टम से संबंधित विभिन्न संचार उद्देश्यों के लिए, नेटवर्क और डेटा विजुअलाइजेशन को परिभाषित करने के लिए मीडिया पोर्टल के जरिए एक जीआईएस-आधारित मैपिंग प्रणाली का उपयोग करना, डेटा सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक टीम द्वारा सत्यापन प्रक्रिया लागू करना और एकत्रित डेटा का उपयोग करना है।
साथ ही, हाईवे सिस्टम से संबंधित विभिन्न संचार उद्देश्यों के लिए, नेटवर्क और डेटा विजुअलाइजेशन को परिभाषित करने के लिए मीडिया पोर्टल के जरिए एक जीआईएस-आधारित मैपिंग प्रणाली का उपयोग करना, डेटा सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक टीम द्वारा सत्यापन प्रक्रिया लागू करना और एकत्रित डेटा का उपयोग करना है।
इसके अलावा, एसओपी एक मानकीकृत डेटा संग्रह प्रक्रिया स्थापित करके कम्युनिकेशन फ्लो को बढ़ाते हुए सटीक और अपडेटेड जानकारी प्रदान करके पारदर्शिता में भी सुधार करेगा।
हर दिन 50 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य करने के लिए, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) टेक्नोलॉजी के सड़क निर्माण एजेंसियों की सहायता के लिए आने की भी उम्मीद है। क्योंकि यह संरेखण और राजमार्गों के मार्ग में किसी भी बाधा पर उचित जानकारी प्रदान करेगा।
हर दिन 50 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य करने के लिए, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) टेक्नोलॉजी के सड़क निर्माण एजेंसियों की सहायता के लिए आने की भी उम्मीद है। क्योंकि यह संरेखण और राजमार्गों के मार्ग में किसी भी बाधा पर उचित जानकारी प्रदान करेगा।
National Highway
- फोटो : iStock
गांधीनगर में भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना संस्थान (बीआईएसएजी-एन) ने नेशनल हाईवे के बड़े हिस्सों के लिए जीआईएस मैपिंग का काम किया है। और इस डेटा को मंत्रालय के लिए विभिन्न एजेंसियों की क्षेत्र इकाइयों द्वारा अपडेट और वेरिफाई किया गया है। एजेंसियों के अधिकार क्षेत्र के अंकन के साथ, जीआईएस मैपिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिससे नए राजमार्ग संरेखणों में काम तेजी से शुरू हो सकेगा।