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EV Battery: 5 मिनट में चार्ज होकर 1,800 मील चलने वाली ईवी बैटरी, टेस्ला के लिए चुनौती

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Sat, 09 Aug 2025 10:36 PM IST
सार

इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की दुनिया में एक ऐसी बैटरी आने वाली है, जो सिर्फ 5 मिनट की चार्जिंग में 1,800 मील (करीब 2,900 किमी) की रेंज दे सकती है।

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Huawei Unveils 1,800-Mile EV Battery That Charges in 5 Minutes, Posing a Major Challenge to Tesla
Electric Car - फोटो : FREEPIK
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विस्तार
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इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की दुनिया में एक ऐसी बैटरी आने वाली है, जो सिर्फ 5 मिनट की चार्जिंग में 1,800 मील (करीब 2,900 किमी) की रेंज दे सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्रांतिकारी बैटरी को टेस्ला या किसी अमेरिकी कंपनी ने नहीं, बल्कि चीन की टेलीकॉम दिग्गज Huawei (हुआवेई) ने तैयार किया है।


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रेंज की चिंता खत्म कर सकती है Huawei की बैटरी
कई वर्षों से ईवी अपनाने में सबसे बड़ी रुकावट रही है रेंज एंग्जायटी यानी वह डर कि बैटरी लंबी दूरी के सफर या रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएगी। भले ही हाल के वर्षों में बैटरी टेक्नोलॉजी में काफी सुधार हुआ है, लेकिन हुआवेई की यह नई बैटरी इस चिंता को एक झटके में खत्म कर सकती है। अब तक कुछ बैटरियां तेज चार्जिंग से कुछ ही मिनटों में 250 मील तक की रेंज देने लगी हैं, लेकिन यह टेक्नोलॉजी उनसे कहीं आगे निकल सकती है।

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Huawei की बैटरी को खास बनाता है क्या?
रिपोर्ट के अनुसार, हुआवेई जिस बैटरी पर काम कर रही है, वह सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक पर आधारित है। यह डिजाइन मौजूदा बैटरियों से कहीं ज्यादा ऊर्जा स्टोर करने की क्षमता रखता है। सिर्फ 5 मिनट की चार्जिंग में 1,800 मील की रेंज पाना अब तक किसी भी ईवी बैटरी के लिए असंभव माना जाता था, लेकिन हुआवेई की यह खोज इस सोच को बदल सकती है।

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अभी मार्केट में आने में लग सकते हैं साल
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है और मार्केट में आने में कई साल लग सकते हैं। इतनी लंबी रेंज और इतनी तेज चार्जिंग एक ही पीढ़ी की बैटरी डेवलपमेंट से पाना आसान नहीं है। सॉलिड-स्टेट बैटरियों पर दुनिया भर में रिसर्च चल रही है। लेकिन अब तक कोई भी बैटरी ईवी को पूरी तरह मिनटों में चार्ज करने में सफल नहीं हुई है।

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2023 में हुआ पेटेंट, हो सकता है प्रगति
बैटरी टेक नेटवर्क की रिपोर्ट के मुताबिक, हुआवेई ने इस बैटरी टेक्नोलॉजी का पेटेंट 2023 में फाइल किया था। इसका मतलब हो सकता है कि कंपनी पिछले एक-दो साल से इस पर काम कर रही है और अब तक इसमें कुछ प्रगति भी हुई है।

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भविष्य के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरी क्यों जरूरी है
सॉलिड-स्टेट बैटरियां मौजूदा लिथियम-आयन बैटरियों से कहीं ज्यादा ऊर्जा घनत्व (एनर्जी डेंसिटी) देती हैं, यानी छोटे साइज में ज्यादा पावर स्टोर कर सकती हैं। हालांकि, जैसे लिथियम-आयन बैटरी को मार्केट में आने में समय लगा था, वैसे ही इन बैटरियों को भी आम लोगों तक पहुंचने में वर्षों लग सकते हैं।

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