Formula 1: मैक्स वेरस्टैपेन ने तोड़ा माइकल शूमाकर का 31 साल पुराना विश्व रिकॉर्ड; लैंडो नॉरिस बने चैंपियन
मैक्स वेरस्टैपेन ने F1 इतिहास में बड़ा कीर्तिमान रचते हुए माइकल शूमाकर का 31 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने अपने टीम-साथियों से 391 अंक ज्यादा हासिल किए, जबकि 2025 सीजन में सिर्फ दो अंकों से लैंडो नॉरिस के हाथों चैंपियनशिप गंवा बैठे।
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मैक्स वेरस्टैपेन ने भले ही लैंडो नॉरिस से सिर्फ दो अंकों से चूककर लगातार पांचवां खिताब गंवा दिया हो। लेकिन उन्होंने इस दौरान एक ऐसा बड़ा विश्व रिकॉर्ड बनाया, जिसे तोड़ना मुश्किल माना जा रहा था। Red Bull ड्राइवर ने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए अपने टीम-साथियों से 391 अंक ज्यादा हासिल किए। यही नहीं, उन्होंने माइकल शूमाकर का 31 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
खिताब गंवाया, लेकिन इतिहास बनाया
अबू धाबी ग्रां प्री जीतने के बावजूद वेरस्टैपेन 2025 फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियनशिप सिर्फ दो अंकों से हार गए और लैंडो नॉरिस पहली बार विश्व चैंपियन बने। सीजन की आखिरी रेस में नॉरिस तीसरे स्थान पर रहे, जबकि वेरस्टैपेन दूसरे और मैक्लारेन ड्राइवर ऑस्कर पियास्त्री तीसरे स्थान पर रहे।
एक ही सीजन में सबसे ज्यादा अंक अंतर का रिकॉर्ड
वेरस्टैपेन ने सीजन 421 अंक के साथ खत्म किया, जबकि Red Bull टीम कुल 451 अंक ही जुटा सकी। टीम के दूसरे ड्राइवर की सीट लियाम लॉसन और युकी त्सुनोदा ने साझा की, जिन्होंने मिलकर सिर्फ 30 अंक लिए। इस तरह वेरस्टैपेन और उनके टीम-साथियों के बीच 391 अंकों का अंतर फॉर्मूला वन इतिहास में एक सीजन में दो टीममेट्स के बीच सबसे बड़ा अंतर है।
वेरस्टैपेन पहले ऐसे ड्राइवर भी बने, जिन्होंने अपने ही टीम-साथी से एक सीजन में 300 से ज्यादा अंक का अंतर बनाया। दिलचस्प बात यह है कि F1 इतिहास में टीममेट्स के बीच शीर्ष चार सबसे बड़े पॉइंट डिफरेंस वेरस्टैपेन के नाम हैं, और शीर्ष पांच में से सभी Red Bull से आए हैं। यहां सिर्फ उसी सीजन में टीम के लिए ड्राइवर के जरिए बनाए गए अंकों को ही गिना गया है।
60% से ज्यादा अंक अकेले हासिल करने वाले पहले ड्राइवर
कुल उपलब्ध 648 अंकों में से वेरस्टैपेन ने अपने टीम-साथियों की तुलना में 60.34% ज्यादा अंक बनाए। यह F1 इतिहास में पहली बार हुआ है। इससे पहले माइकल शूमाकर का 1994 का रिकॉर्ड था, जब उन्होंने 92 अंक लेकर खिताब जीता था। शूमाकर ने उस सीजन में दो रेस बैन के कारण नहीं चलाई थीं, लेकिन 14 रेस में बनाए उनके 92 अंक खिताब जीतने के लिए काफी थे।
F1 में नया पॉइंट सिस्टम भी वजह
आपको बता दें कि F1 में पॉइंट सिस्टम 2010 में बदला गया था। पहले रेस जीतने पर 10 अंक मिलते थे, जबकि अब 25 अंक मिलते हैं। इसी वजह से पुराने और नए रिकॉर्ड के अंकों में बड़ा फर्क दिखता है। नए सिस्टम में वेरस्टैपेन और नॉरिस के बीच सिर्फ 2 अंकों का अंतर रहा, जो आधुनिक पॉइंट सिस्टम में शीर्ष दो ड्राइवरों के बीच अब तक का सबसे छोटा अंतर है।