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Toll Tax: आप नेता राघव चड्ढा ने संसद में कहा- राजमार्ग टोल वसूली बन चुकी है संगठित लूट
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 08 Dec 2025 05:58 PM IST
सार
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने सोमवार को देश के हाईवे टोल कलेक्शन को "संगठित लूट" करार दिया। उन्होंने कहा कि अव्यवस्था और ज्यादा चार्ज से आने-जाने वालों पर "बर्दाश्त न होने वाला" बोझ पड़ रहा है।
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राघव चड्ढा
- फोटो : ANI
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विस्तार
राज्यसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने देश में हाईवे टोल वसूली को "संगठित लूट" बताया। उन्होंने कहा कि अव्यवस्था, अत्यधिक शुल्क और लगातार बढ़ता जाम आम लोगों पर असहनीय बोझ डाल रहे हैं।
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"टोल, जनता पर भारी बोझ"
चड्ढा ने कहा कि "टोल लोगों पर भारी पड़ रहा है", क्योंकि टोल प्लाजाओं पर "लगातार भीड़, कुप्रबंधन और जरूरत से ज्यादा मुनाफाखोरी" ने सड़क यात्रा को असुविधा से बढ़ाकर अन्याय में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक पहले से ही सड़क इस्तेमाल पर दुनिया के सबसे ऊंचे कर ढांचे का सामना करते हैं और उसके बाद भी टोल वसूली की जाती है।
उन्होंने बताया कि लोग अपनी कर-योग्य आय से वाहनों की खरीद पर जीएसटी चुकाते हैं, उसके अलावा रोड टैक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस भी देना पड़ता है। वहीं ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी, VAT (वैट), रोड डेवलपमेंट सेस और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाया जाता है। इन सबके बाद भी हाईवे पर टोल देना पड़ता है, जो नागरिकों के लिए असहनीय हो गया है।
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चड्ढा ने कहा कि "टोल लोगों पर भारी पड़ रहा है", क्योंकि टोल प्लाजाओं पर "लगातार भीड़, कुप्रबंधन और जरूरत से ज्यादा मुनाफाखोरी" ने सड़क यात्रा को असुविधा से बढ़ाकर अन्याय में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक पहले से ही सड़क इस्तेमाल पर दुनिया के सबसे ऊंचे कर ढांचे का सामना करते हैं और उसके बाद भी टोल वसूली की जाती है।
उन्होंने बताया कि लोग अपनी कर-योग्य आय से वाहनों की खरीद पर जीएसटी चुकाते हैं, उसके अलावा रोड टैक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस भी देना पड़ता है। वहीं ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी, VAT (वैट), रोड डेवलपमेंट सेस और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाया जाता है। इन सबके बाद भी हाईवे पर टोल देना पड़ता है, जो नागरिकों के लिए असहनीय हो गया है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग
- फोटो : अमर उजाला
खराब सड़कों ने बढ़ाई परेशानी
चड्ढा ने कहा कि स्थिति को और खराब बनाती है कई राष्ट्रीय राजमार्गों की "बेहद खराब गुणवत्ता", जिनमें जल निकासी की कमी, लेन मार्किंग का अभाव, अपर्याप्त रोशनी और सुरक्षा ढांचे की कमी शामिल है। खराब रखरखाव के कारण गड्ढे, ब्लैक स्पॉट और सड़क की टूट-फूट हर साल हजारों मौतों की वजह बनते हैं।
उन्होंने केरल और जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के हालिया फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि जिन सड़कों का रखरखाव तय मानकों के अनुसार नहीं होता, उन पर टोल वसूला ही नहीं जा सकता।
यह भी पढ़ें - Petrol Pump: पेट्रोल भरवाते समय ये गलतियां न करें, छोटी लापरवाही से हो सकता है बड़ा नुकसान
चड्ढा ने कहा कि स्थिति को और खराब बनाती है कई राष्ट्रीय राजमार्गों की "बेहद खराब गुणवत्ता", जिनमें जल निकासी की कमी, लेन मार्किंग का अभाव, अपर्याप्त रोशनी और सुरक्षा ढांचे की कमी शामिल है। खराब रखरखाव के कारण गड्ढे, ब्लैक स्पॉट और सड़क की टूट-फूट हर साल हजारों मौतों की वजह बनते हैं।
उन्होंने केरल और जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के हालिया फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि जिन सड़कों का रखरखाव तय मानकों के अनुसार नहीं होता, उन पर टोल वसूला ही नहीं जा सकता।
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टोल प्लाजाओं पर लगातार जाम और छिपी आर्थिक लागत
उन्होंने टोल प्लाजाओं पर लेन बंद रहने और कुप्रबंधन की वजह से होने वाली देरी को भी बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने पूछा, "हाईवे का मतलब है निर्बाध यात्रा और निर्बाध कनेक्टिविटी। लेकिन टोल जाम की कीमत कौन चुकाएगा?"
चड्ढा ने कहा कि इन जामों की वजह से ईंधन की बर्बादी, समय की हानि, छूटी हुई मीटिंग्स और मानसिक तनाव जैसी अदृश्य लागतें बढ़ती हैं। जो आखिरकार अर्थव्यवस्था पर भार डालती हैं।
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उन्होंने टोल प्लाजाओं पर लेन बंद रहने और कुप्रबंधन की वजह से होने वाली देरी को भी बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने पूछा, "हाईवे का मतलब है निर्बाध यात्रा और निर्बाध कनेक्टिविटी। लेकिन टोल जाम की कीमत कौन चुकाएगा?"
चड्ढा ने कहा कि इन जामों की वजह से ईंधन की बर्बादी, समय की हानि, छूटी हुई मीटिंग्स और मानसिक तनाव जैसी अदृश्य लागतें बढ़ती हैं। जो आखिरकार अर्थव्यवस्था पर भार डालती हैं।
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Bengaluru-Mysuru National Highway
- फोटो : X/@nitin_gadkari
"निर्माण लागत वसूल होने के बाद भी टोल जारी"
उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगहों पर सड़क निर्माण की पूरी लागत वसूल हो जाने के बाद भी टोल वसूली जारी रहती है। उन्होंने कहा, "यह वैध रूप से की जा रही लूट है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।" उन्होंने मांग की कि किसी भी टोल प्लाजा पर पांच मिनट से अधिक की देरी होने पर वाहनों को स्वतः मुफ्त निकास दिया जाए।
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संसद में उठे अन्य मुद्दे
सपा के जावेद अली खान ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित रूप से निर्देश दिया है कि आयुष्मान भारत योजना में छह से कम सदस्यों वाले परिवारों को शामिल न किया जाए। उन्होंने कहा कि 2011 की सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना के अनुसार राज्य में नौ करोड़ से अधिक लाभार्थी चिन्हित हैं, लेकिन अभी तक केवल 5.38 करोड़ ही कवर हो पाए हैं।
बीजद के मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा के नबरंगपुर जिले में मेडिकल कॉलेज और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग उठाई, जबकि भाजपा के मनन कुमार मिश्रा ने गोरखपुर-गोपालगंज-छपरा रेल लाइन को दोहरीकरण करने की जरूरत बताई।
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सपा के जावेद अली खान ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कथित रूप से निर्देश दिया है कि आयुष्मान भारत योजना में छह से कम सदस्यों वाले परिवारों को शामिल न किया जाए। उन्होंने कहा कि 2011 की सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना के अनुसार राज्य में नौ करोड़ से अधिक लाभार्थी चिन्हित हैं, लेकिन अभी तक केवल 5.38 करोड़ ही कवर हो पाए हैं।
बीजद के मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा के नबरंगपुर जिले में मेडिकल कॉलेज और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग उठाई, जबकि भाजपा के मनन कुमार मिश्रा ने गोरखपुर-गोपालगंज-छपरा रेल लाइन को दोहरीकरण करने की जरूरत बताई।
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