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EV: चार्जिंग के दौरान खुद को ठंडा रखेगी बैटरी, तैयार हुआ अनोखा इलेक्ट्रोलाइट, ई-वाहन बनेंगे अधिक सुरक्षित
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 13 Aug 2025 10:28 AM IST
सार
New Smart Battey Electrolyte: मैरीलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ऐसा ‘स्मार्ट इलेक्ट्रोलाइट’ विकसित किया है, जो चार्जिंग के दौरान खुद को अनुकूलित कर बैटरी को तेज और सुरक्षित चार्जिंग क्षमता देता है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर मोबाइल तक को बदल सकती है।
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दूर होगी बैटरी में हीटिंग की समस्या
- फोटो : AI
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विस्तार
इलेक्ट्रिक वाहनों और गैजेट्स की दुनिया में एक नई तकनीक हलचल मचाने वाली है। अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक खास इलेक्ट्रोलाइट विकसित किया है, जो चार्जिंग के दौरान खुद को स्वचालित रूप से अनुकूलित कर बैटरी की स्थिरता बढ़ाता है। इसका मतलब है कि अब बैटरियां न सिर्फ तेज चार्ज होंगी, बल्कि ज्यादा समय तक टिकेंगी और सुरक्षित भी रहेंगी। नेचर एनर्जी में प्रकाशित इस शोध में बताया गया है कि यह नया इलेक्ट्रोलाइट उन सभी समस्याओं का हल है।
बैटरी टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रोलाइट की भूमिका बेहद अहम है, क्योंकि यह एनोड और कैथोड के बीच आयनों का ट्रांसफर सुनिश्चित करता है। पारंपरिक इलेक्ट्रोलाइट तेज चार्जिंग, हाई वोल्टेज या ज्यादा तापमान में अस्थिर हो जाते हैं, जिससे बैटरी की उम्र घटती और डैमेज होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
इस बैटरी में क्या है खास?
शोधकर्ताओं ने इस चुनौती को दूर करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट में ‘स्मार्ट मॉलिक्यूल्स’, ‘डायनामिक बाइंडिंग ग्रुप्स’ और ‘रिवर्सिबल केमिकल लिंक’ जोड़े हैं। ये बैटरी की ऑपरेटिंग कंडीशंस के अनुसार अपनी संरचना और गुण बदल लेते हैं। चार्जिंग के दौरान यह तकनीक आयनों के रास्ते को चौड़ा और आसान बनाती है, जिससे चार्जिंग स्पीड बढ़ जाती है।
ओवरहीटिंग से सुरक्षित रहेगी बैटरी
इसे “सॉल्टिंग-आउट” इफेक्ट के आधार पर डिजाइन किया गया है। जैसे ही चार्जिंग के दौरान सॉल्ट का कंसन्ट्रेशन बढ़ता है, यह अपने आप सॉल्ट कंसन्ट्रेशन को बढ़ने से रोकता है, जिससे बैटरी की स्थिरता सीमा बढ़ जाती है। फास्ट चार्जिंग मोड में यह बैटरी को एक मजबूत सुरक्षात्मक परत प्रदान करता है, जिससे आंतरिक हिस्से सुरक्षित रहते हैं और ओवरहीटिंग की संभावना कम होती है।
इस तकनीक को जलीय जिंक-धातु और गैर-जलीय लिथियम-धातु बैटरियों में सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया है, जहां बेहतरीन कूलंबिक दक्षता और स्थिरता देखने को मिली। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब यह तकनीक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होगी, तब स्मार्टफोन, लैपटॉप और ईवी सभी को तेज, सुरक्षित और टिकाऊ चार्जिंग मिलेगी।
बैटरी टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रोलाइट की भूमिका बेहद अहम है, क्योंकि यह एनोड और कैथोड के बीच आयनों का ट्रांसफर सुनिश्चित करता है। पारंपरिक इलेक्ट्रोलाइट तेज चार्जिंग, हाई वोल्टेज या ज्यादा तापमान में अस्थिर हो जाते हैं, जिससे बैटरी की उम्र घटती और डैमेज होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
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इस बैटरी में क्या है खास?
शोधकर्ताओं ने इस चुनौती को दूर करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट में ‘स्मार्ट मॉलिक्यूल्स’, ‘डायनामिक बाइंडिंग ग्रुप्स’ और ‘रिवर्सिबल केमिकल लिंक’ जोड़े हैं। ये बैटरी की ऑपरेटिंग कंडीशंस के अनुसार अपनी संरचना और गुण बदल लेते हैं। चार्जिंग के दौरान यह तकनीक आयनों के रास्ते को चौड़ा और आसान बनाती है, जिससे चार्जिंग स्पीड बढ़ जाती है।
ओवरहीटिंग से सुरक्षित रहेगी बैटरी
इसे “सॉल्टिंग-आउट” इफेक्ट के आधार पर डिजाइन किया गया है। जैसे ही चार्जिंग के दौरान सॉल्ट का कंसन्ट्रेशन बढ़ता है, यह अपने आप सॉल्ट कंसन्ट्रेशन को बढ़ने से रोकता है, जिससे बैटरी की स्थिरता सीमा बढ़ जाती है। फास्ट चार्जिंग मोड में यह बैटरी को एक मजबूत सुरक्षात्मक परत प्रदान करता है, जिससे आंतरिक हिस्से सुरक्षित रहते हैं और ओवरहीटिंग की संभावना कम होती है।
इस तकनीक को जलीय जिंक-धातु और गैर-जलीय लिथियम-धातु बैटरियों में सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया है, जहां बेहतरीन कूलंबिक दक्षता और स्थिरता देखने को मिली। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब यह तकनीक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होगी, तब स्मार्टफोन, लैपटॉप और ईवी सभी को तेज, सुरक्षित और टिकाऊ चार्जिंग मिलेगी।