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Black Tint: न करें कार के विंडो पर ब्लैक फिल्म लगाने की गलती, कट जाएगा चालान, जानिए क्या है सही तरीका
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 05 Mar 2025 04:57 PM IST
सार
Black Tint Fine: भारत में कार के शीशों पर ब्लैक फिल्म लगाने को लेकर स्पष्ट नियाम बनाए गए हैं। भारतीय सड़कों पर गाड़ियों के अंदर होने वाले अपराध को रोकने के लिए ये नियम लाए गए थे।
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Tinted Glass on Car Window
- फोटो : Freepik
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विस्तार
गर्मियों का मौसम अब बस कुछ ही दिनों में ही शुरू हो जाएगा। इस दौरान लोग धूप से बचने के लिए अपनी गाड़ी की खिड़की के शीशों पर ब्लैक फिल्म लगवा लेते हैं, जिसके चलते ट्रैफिक पुलिस चालान काट देती है। हालांकि, गाड़ी में सभी तरह के ब्लैक फिल्म (ब्लैक टिंट) बैन नहीं हैं। अगर शीशों में सही ब्लैक फिल्म लगवाएंगे तो पुलिस चालान नहीं करेगी। यहां हम बताने वाले हैं कि आपको कार के शीशों में किस तरह की ब्लैक फिल्म लगवानी चाहिए ताकि आपका काम भी बन जाए और चालान भी न कटे। इसके साथ ही हम यह भी बताएंगे कि गाड़ियों में काली फिल्म लगाने को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं।
ब्लैक फिल्म को लेकर क्या है कानून
भारत में कार के शीशों पर ब्लैक फिल्म (Black Film On Car Windows) लगाने को लेकर स्पष्ट नियाम बनाए गए हैं। भारतीय सड़कों पर गाड़ियों के अंदर होने वाले अपराध को रोकने के लिए ये नियम लाए गए थे। नियम के मुताबिक, कार के सामने और पीछे के शीशों के आर-पार दिखने की विजिबिलिटी कम से कम 70% होनी चाहिए और साइड के शीशों की विजिबिलिटी कम से कम 50% तक होनी चाहिए। अगर बाहर से अंदर और अंदर से बाहर की तरफ दिखने की विजिबिटी 50 प्रतिशत से कम हुई तो उसे कानून का उल्लंघन मान कर कार्रवाई की जा सकती है।
ब्लैक टिंट पर कितना है ट्रैफिक चालान
कार के शीशों पर ब्लैक फिल्म लगाने पर 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक का चालान (Traffic Challan on Black film) लगाया जा सकता है। इसके साथ ही पुलिस आपपर आपराधिक मामला भी दर्ज कर सकती है। कई शहरों में पुलिस टिंटेड विंडो वाली गाड़ियों की धरपकड़ करने के लिए अभियान चलाती रहती है। इन वाहनों के चालान काटकर शीशों पर लगे ब्लैक फील्म हटाए जाते हैं। नियम का बार-बार उल्लंघन करने पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।
ये है धूप से बचने का सही तरीका
अगर आप किसी भी तरह के कानूनी कार्रवाई में नहीं पड़ना चाहते तो नियम के अनुसार बताए गए शेड्स का ही इस्तेमाल करें। आप कार की विंडो पर रिमूवेबल सन शेड का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसे जरूरत न होने पर निकाला जा सकता है। इनका इस्तेमाल तब करें जब धूप बहु्त अधिक हो। कार के शीशों की विजिबिलिटी को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करें। बता दें कि अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर भी अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। इसलिए कार में किसी भी तरह का मॉडिफिकेशन करवाने से पहले आपको नियम जानना बेहद जरुरी है।
ब्लैक फिल्म को लेकर क्या है कानून
भारत में कार के शीशों पर ब्लैक फिल्म (Black Film On Car Windows) लगाने को लेकर स्पष्ट नियाम बनाए गए हैं। भारतीय सड़कों पर गाड़ियों के अंदर होने वाले अपराध को रोकने के लिए ये नियम लाए गए थे। नियम के मुताबिक, कार के सामने और पीछे के शीशों के आर-पार दिखने की विजिबिलिटी कम से कम 70% होनी चाहिए और साइड के शीशों की विजिबिलिटी कम से कम 50% तक होनी चाहिए। अगर बाहर से अंदर और अंदर से बाहर की तरफ दिखने की विजिबिटी 50 प्रतिशत से कम हुई तो उसे कानून का उल्लंघन मान कर कार्रवाई की जा सकती है।
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ब्लैक टिंट पर कितना है ट्रैफिक चालान
कार के शीशों पर ब्लैक फिल्म लगाने पर 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक का चालान (Traffic Challan on Black film) लगाया जा सकता है। इसके साथ ही पुलिस आपपर आपराधिक मामला भी दर्ज कर सकती है। कई शहरों में पुलिस टिंटेड विंडो वाली गाड़ियों की धरपकड़ करने के लिए अभियान चलाती रहती है। इन वाहनों के चालान काटकर शीशों पर लगे ब्लैक फील्म हटाए जाते हैं। नियम का बार-बार उल्लंघन करने पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है।
ये है धूप से बचने का सही तरीका
अगर आप किसी भी तरह के कानूनी कार्रवाई में नहीं पड़ना चाहते तो नियम के अनुसार बताए गए शेड्स का ही इस्तेमाल करें। आप कार की विंडो पर रिमूवेबल सन शेड का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसे जरूरत न होने पर निकाला जा सकता है। इनका इस्तेमाल तब करें जब धूप बहु्त अधिक हो। कार के शीशों की विजिबिलिटी को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करें। बता दें कि अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर भी अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। इसलिए कार में किसी भी तरह का मॉडिफिकेशन करवाने से पहले आपको नियम जानना बेहद जरुरी है।