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GST: 'ऐसा हुआ तो कमजोर पड़ जाएगी इंडियन टू-व्हीलर इंडस्ट्री', बाइक कंपनी के सीईओ ने की समान जीएसटी रेट की अपील

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Sun, 31 Aug 2025 06:42 PM IST
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सार

GST Reforms On Vehicles: रॉयल एनफील्ड के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सिद्धार्थ लाल ने सरकार से आग्रह किया है कि सभी टू-व्हीलर्स पर 18% का समान जीएसटी लागू किया जाए। उनका कहना है कि विभाजित टैक्स संरचना भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा और निवेश को नुकसान पहुंचा सकती है।

Siddhartha Lal royal enfield demand uniform gst rate on above 350cc two wheelers
350cc से ज्यादा क्षमता की बाइक्स पर बढ़ सकता है टैक्स - फोटो : @sidlal/X
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विस्तार
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रॉयल एनफील्ड की पेरेंट कंपनी आयशर मोटर्स के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सिद्धार्थ लाल ने सरकार से बड़ी मांग रखी है। उन्होंने कहा है कि सभी टू-व्हीलर्स पर जीएसटी की दर समान 18% तय होनी चाहिए। उनका तर्क है कि अगर 350cc से ऊपर की मोटरसाइकिलों पर ज्यादा टैक्स लगाया गया तो इससे न केवल यह सेगमेंट सिकुड़ जाएगा, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा भी कमजोर पड़ जाएगी।
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350cc से ऊपर की बाइक्स में टैक्स पर रखे विचार
लाल ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा कि 350cc से ऊपर की मोटरसाइकिलों पर टैक्स बढ़ाने से सरकार को कोई बड़ा राजस्व फायदा नहीं होगा, लेकिन निवेश और स्केल पर इसका सीधा असर पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे विदेशी ब्रांड्स को बड़ा मौका मिलेगा और भारतीय कंपनियां वैश्विक स्तर पर पीछे छूट सकती हैं।
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उन्होंने यह भी कहा कि भारत का टू-व्हीलर सेक्टर ‘मेक इन इंडिया’ की सबसे बड़ी सफलता कहानी है। भारतीय ब्रांड्स पहले से ही छोटे सेगमेंट की बाइक्स में दुनिया पर राज कर रहे हैं और अब मिड-कैपेसिटी मोटरसाइकिल बाजार में भी अपनी गहरी पकड़ बना रहे हैं। सिद्धार्थ लाल का मानना है कि अगर सरकार इस समय समान टैक्स नीति अपनाती है तो भारत न केवल पेट्रोल इंजन बाइक्स बल्कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट में भी दुनिया का लीडर बन सकता है।



लाल ने कहा- कार का सस्ता विकल्प हैं बाइक
लाल ने यह भी स्पष्ट किया कि 350cc से ऊपर की बाइक्स भारत की कुल टू-व्हीलर मार्केट का सिर्फ 1% हिस्सा हैं। ऐसे में इस पर टैक्स बढ़ाकर सरकार को अतिरिक्त राजस्व नहीं मिलेगा, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ये बाइक महंगी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि ये मोटरसाइकिलें लग्जरी नहीं बल्कि कारों का किफायती विकल्प हैं, जिनकी वजह से ईंधन और मेंटेनेंस का खर्च भी कम होता है।

वाहनों पर लागू है जीएसटी का अधिकतम स्लैब
फिलहाल भारत में ऑटोमोबाइल्स 28% जीएसटी स्लैब में आते हैं, जिस पर वाहन के हिसाब से 1% से 22% तक का अतिरिक्त सेस लगता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल 3-4 सितंबर को होने वाली बैठक में टैक्स संरचना को नया रूप दे सकती है। माना जा रहा है कि छोटे टू-व्हीलर्स पर जीएसटी 18% किया जा सकता है, जबकि 350cc से ज्यादा बड़े इंजन वाली बाइक्स पर 40% जीएसटी लगाया जा सकता है।

सिद्धार्थ लाल ने अंत में कहा कि भारत पहले ही टू-व्हीलर मार्केट में चीन, जापान, यूरोप और अमेरिका जैसे देशों से आगे निकल चुका है। अगर समान जीएसटी दर लागू की जाती है, तो भारत आने वाले दशकों तक दुनिया का टू-व्हीलर और ईवी हब बन सकता है।
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