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Nitin Gadkari: नितिन गडकरी ने कहा- पांच साल में भारत बनेगा दुनिया का नंबर-1 ऑटोमोबाइल हब

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Wed, 10 Sep 2025 06:03 PM IST
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सार

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग बनने का लक्ष्य रखता है।

Union Minister Nitin Gadkari says Aim to Make India world’s largest automobile industry within the next 5 year
नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री - फोटो : ANI
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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग बनने का लक्ष्य रखता है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि भारत के पास कुशल मैनपावर है। और यहां ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों की मौजूदगी भी है, जिससे यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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"मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं"
गडकरी ने कहा, "पांच वर्षों के भीतर हमारा लक्ष्य है कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री दुनिया में नंबर 1 बने। यह मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं।" उन्होंने बताया कि भारत अच्छी क्वालिटी के वाहन कम लागत पर बनाता है, इसी वजह से यह देश ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स के लिए पसंदीदा जगह बन रहा है।

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भारत की ऑटो इंडस्ट्री की बढ़ती ताकत
मंत्री ने बताया कि जब उन्होंने पदभार संभाला था तब भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का साइज 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ हो गया है। तुलना करें तो अमेरिका की ऑटो इंडस्ट्री का मूल्य 78 लाख करोड़ रुपये और चीन की 47 लाख करोड़ रुपये है।

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पेट्रोल-डीजल पर भारी खर्च
गडकरी ने चिंता जताई कि भारत हर साल करीब 22 लाख करोड़ रुपये फॉसिल फ्यूल (पेट्रोल-डीजल) आयात करने में खर्च करता है, जिससे प्रदूषण भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अब भारतीय कंपनियां इलेक्ट्रिक कार, बसें और ट्रक किफायती कीमतों पर बना रही हैं। 

उन्होंने यह भी बताया कि लिथियम-आयन बैटरी की कीमत लगातार घट रही है। आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें बराबर हो जाएंगी।

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इलेक्ट्रिक बसों की जबरदस्त मांग
गडकरी ने कहा कि भारत में हर साल 1 लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है, जबकि अभी क्षमता केवल 50,000-60,000 यूनिट्स की है। उन्होंने कंपनियों से उत्पादन बढ़ाने की अपील की और कहा कि निर्यात का भी बड़ा बाजार मौजूद है। उन्होंने कहा, "यह इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के लिए बड़ा मौका है।"

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ईंधन में नए प्रयोग
मंत्री ने बताया कि सरकार कृषि उपकरणों में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने E20 पेट्रोल पर चर्चा करते हुए कहा, "हर जगह लॉबी होती हैं, हित जुड़े होते हैं… पेट्रोल लॉबी बहुत ताकतवर है।"

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथेनॉल-मिश्रित फ्यूल (E20) लॉन्च किया था, जिससे भारत का ऑयल इंपोर्ट बिल कम करने में मदद मिलेगी। इथेनॉल गन्ने, टूटे चावल और अन्य कृषि उत्पादों से बनाया जा सकता है। अभी मामूली बदलाव के बाद भारतीय वाहन आसानी से E20 पेट्रोल पर चल सकते हैं। 

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